जोधपुर.राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को सड़कों पर आवारा पशुओं से निपटने और आवारा कुत्तों को नियंत्रित करने के लिए मॉडल उपनियम छह सप्ताह में रिकॉर्ड पेश करने के निर्देश दिए हैं. जस्टिस विजय विश्नोई व जस्टिस कुलदीप माथुर की खंडपीठ के समक्ष लम्पी वायरस को लेकर स्व प्रेरणा से प्रसंज्ञान लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की थी.
अभी तक फ्रेम नहीं किए गए मॉडल बायलॉजः सुनवाई के दौरान अटार्नी जनरल (AG) सुनील बेनीवाल ने कहा कि प्रदेश में आवारा पशुओं से निपटने एवं आवारा कुत्तों को नियंत्रित करने के लिए मॉडल बायलॉज को अभी तक फ्रेम नहीं किया जा सका, क्योंकि प्रदेश की नगर निगमों एवं निकायों द्वारा प्रतिक्रियाएं अभी तक नहीं दी गई. एएजी बेनीवाल ने कहा कि चार माह से अधिक समय हो जाने पर भी राज्य सरकार को प्रतिक्रिया प्राप्त नहीं होने से अभी तक बायलॉज नहीं बनाए गए हैं. कोर्ट ने निर्देश दिया है कि छह सप्ताह में बायलॉज बनाकर रिकॉर्ड पर पेश करे. तब तक 10 नवंबर 2022 को जारी आदेश की अनुपालना सुनिश्चित की जाए. कोर्ट ने स्थानीय निकाय निदेशक राजस्थान सरकार को निर्देश दिए है कि राज्य में इस अंतरिम आदेश की पालना सुनिश्चित करें.
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सरकार से कोर्ट ने मांगा था जवाबः गौरतलब है कि प्रदेश में गौवंश में लम्पी वायरस फैलने पर कोर्ट ने याचिका दर्ज करते हुए राज्य सरकार को आवश्यक निर्देश दिए थे. इसी दौरान कोर्ट के संज्ञान में लाया गया कि सड़कों पर आवारा पशुओं की वजह से आए रोज हादसे होते हैं. रात्रि में कई शहरों में कुत्तों का आंतक रहता है. इस पर कोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा था. सरकार की ओर से कहा गया कि जयपुर शहर के लिए बायलॉज बनाए गए हैं. जिनको वहां पर लागू किया गया है. कोर्ट ने राज्य सरकार की ओर से पैरवी कर रहे एएजी सुनील बेनीवाल से पूछा था कि प्रदेश में आवारा पशुओं के नियंत्रण को लेकर क्या कदम उठाए गए हैं. जो उपनियम बनाए थे उनको जयपुर के अलावा प्रदेश में लागू करने के लिए अभी तक क्या कारवाई की गई. एएजी बेनीवाल को निर्देश दिए थे कि आवारा पशुओं पर नियंत्रण को लेकर अगली सुनवाई पर सकारात्मक जवाब पेश करें. इसके बावजूद छह माह बाद भी अभी तक बायलॉज नहीं बनाए गए. इस पर कोर्ट ने छह सप्ताह में आवारा पशुओं एवं आवारा कुत्तों को लेकर बायलॉज बनाने के निर्देश दिए हैं.