जोधपुर. जोधपुर में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में इंडो स्वीडन इनोवेशन हब का वर्चुअल वेबीनार के माध्यम से उद्घाटन गुरुवार को किया गया. इस कार्यक्रम में ऑन्कोलॉजी (कैंसर) उपचार के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का उद्घाटन स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार के सचिव राजेश भूषण ने किया.
स्वीडन इंडिया नोबेल मेमोरियल सप्ताह के तहत वर्चुअल वेबीनार के माध्यम से एम्स में इंडो स्वीडन इन्नोवेशन सेंटर का अनावरण किया गया. इस अवसर पर राजेश भूषण ने कहा कि अधिकांश कैंसर रोगी अपनी बीमारियों और इससे संबंधित जटिलताओं से अनभिज्ञ रहते हैं. जिसके चलते वे उचित दवाइयां भी समय पर नहीं ले पाते हैं.
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अब इंडो स्वीडिश इनोवेशन हब इन्हीं संभावनाओं को वास्तविकता में बदलने के लिए एक वृहद प्लेटफार्म उपलब्ध कराएगा. इस दिशा में आवश्यक प्रारंभिक तैयारियां संस्थान द्वारा पूरी कर ली गई है. एम्स जोधपुर के निर्देशक डॉक्टर संजीव मिश्रा ने कहा कि मौजूदा एपेडमिक ने हमें सिखाया है कि इनोवेटिव सुझावों की जरूरत अभी पहले से कहीं ज्यादा है. स्वीडन के साथ मिलकर इन स्टार्टअप को स्वास्थ्य के क्षेत्र में खासकर कैंसर के इलाज और देखभाल में बदलाव लाने के लिए एम्स सदैव प्रयासरत रहेगा.
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एम्स के एकेडमिक डीएन डॉक्टर कुलदीप सिंह ने कहा कि यह सेंटर संस्थाओं के प्रयासों से देश एवं विदेश में मौजूदा स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के इनोवेटिव उपायों के मंथन का एक प्लेटफार्म बना रहेगा और समय-समय पर ऐसे कार्यक्रमों से स्वास्थ्य के क्षेत्र में रिसर्च और संबंधों को बढ़ावा देता रहेगा. वहीं विभिन्न स्टार्टअप एवं पार्टनर संस्थाओं के साथ मिलकर स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के समाधान को एक एकीकृत इकोसिस्टम में ढाला जाएगा. इससे स्वास्थ्य के क्षेत्र में राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय दूरगामी फायदे भी होंगे.