जोधपुर. प्रदेश में अलग-अलग स्वास्थ्य योजनाओं की जगह सभी नागरिकों को एक ही कार्ड से लाभ देने की तैयारी की जा रही है. इसी क्रम में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने कहा है कि आयुष्मान कार्ड से सभी का उपचार हो, इसके लिए प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश की चिंरजीवी योजना पूरी तरह से फेल थी. लोगों को 25 लाख के उपचार का जुमला दिया गया. अब प्रदेश में केंद्र की आयुष्मान योजना के तहत लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने को लेकर काम चल रहा है.
सभी योजनाओं के लिए एक ही कार्ड : दरअसल, मंत्री बनने के बाद शनिवार को पहली बार खींवसर जोधपुर पहुंचे. इस दौरान उन्होंने सर्किट हाउस में मीडिया से बात करते हुए कहा कि राजस्थान में सभी लोगों को हेल्थ केयर मिले, इसके लिए केंद्र से आयुष्मान के प्रावधानों में शिथिलता के प्रयास कर रहे हैं. जल्द केंद्र के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक होगी, जिसमें आयुष्मान के उपचार की सीमा बढ़ाने सहित अन्य मुद्दों पर निर्णय करेंगे. चिरंजीवी आयुष्मान को मिलाकर हम काम करने के लिए प्रयासरत हैं. हमारा प्रयास है कि सभी योजनाओं के लिए एक ही कार्ड हो.
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उन्होंने कहा कि आयुष्मान योजना में सीमा 7.5 लाख तक करने पर केंद्र से बात चल रही है. सभी योजनाओं को लेकर प्राइवेट अस्पताल के साथ बैठक भी की जाएगी. सरकारी कर्मचारियों के लिए लागू की गई आरजीएचएस योजना में दवाइयां नहीं मिलने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस पर मुद्दे पर भी बात की जाएगी. मारवाड़ मेडिकल यूनिवर्सिटी पर उन्होंने कहा कि 'इसे जरूर पूरा करूंगा'.
महिला गायनेकोलॉजिस्ट जरूरी : मंत्री खींवसर ने कहा कि हमारा प्रयास होगा कि लोगों को बेहतर उपचार मिले. उनके पास चॉइस भी हो कि वे अच्छे से अच्छा उपचार ले सकें. ग्रामीण क्षेत्र में सबसे ज्यादा परेशानी महिलाओं को लेकर है. आज भी हमारे गांवों में महिला गायनोलॉजिस्ट नहीं है, जबकि गांवों की आबादी में 45 प्रतिशत महिलाएं हैं. उनके लिए हम गंभीर हैं. गांव में आज भी स्थितियां हैं कि पुरुष डॉक्टर को लोग दिखाना पसंद नहीं करते हैं. इसके लिए हमें स्वास्थ्य कर्मियों की संख्या बढ़ानी होगी. इसकी शुरुआत कर दी गई है, हाल ही में पदों में बढ़ोतरी की गई है.
एम्स के लिए केंद्र से बात करेंगे : जोधपुर में एम्स की स्थापना से लोगों को आस बंधी थी कि गंभीर हालत में मरीजों को उचित उपचार मिलेगा, लेकिन वर्तमान में जोधपुर एम्स में गंभीर मरीजों की भर्ती नहीं कर उन्हें एमडीएम रेफर करने के मामले सामने आए. इसपर उन्होंने कहा कि इसको लेकर केंद्र में बात करेंगे. वहां क्या स्थिति रहती है, कि वे लोग मरीज को भर्ती नहीं करते हैं.