जोधपुर. कोरोना के मामले प्रदेश में अब सामने आने लगे हैं. पश्चिमी राजस्थान में जैसलमेर और जोधपुर में भी नए मामले सामने आए हैं. पॉजिटिव मामलों के वायरस का क्या वेरिएंट है? इसके लिए सभी पॉजिटिव सैंपल जांच के लिए जोधपुर के डा एसएन मेडिकल कालेज की माइक्रोबायोलॉजी विभाग की लैब में जांचे जाएंगे. क्योंकि देश में केरल में सामने आए नए वैरियंट जेएन-1 को लेकर सावधानी बरती जा रही है.
इसके चलते राज्य सरकार ने जीनोम सिक्वेसिंग का निर्णय लिया है. मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डा दिलीप कछवाह ने बताया कि सभी कोरोना पॉजिटिव नमूनों की जीनोम सिक्वेनसिंग के आदेश सरकार ने दिए हैं. जिसके तहत जैसलमेर और जोधपुर के पॉजिटिव मामलों की जांच यहां होगी. यह जांच रिपोर्ट तीन से सात दिन में आती है.
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वायरस का पूरा बायोडाटा मिलता है जीनोम में: डॉक्टर्स का कहना है कि जीनोम सीक्वेंसिंग किसी वायरस के बायोडाटा की तरह होती है. वायरस कैसा है, उसका रूप क्या है? इसका पता सिक्वेंसिंग से चलता है. वायरस के विशाल समूह को जीनोम कहा जाता है. जबकि वायरस के बारे में जानने की प्रकिया को जीनोम सीक्वेंसिंग कहते हैं. इससे ही कोरोना के नए स्ट्रेन के बारे में पता चलता है. मानव कोशिकाओं में मौजूद डीएनए और आरएनए होते हैं. आनुवंशिक पदार्थ के रूप में होते हैं. इनके सामूहिक रूप को जीनोम कहा जाता है. वहीं वायरस के अलग-अलग प्रकार को वैज्ञानिक भाषा में जेनेटिक वैरिएंट कहते हैं. इसकी रिपोर्ट में अधिकतम सात दिन लगते हैं.
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10 सैंपल आए नेगेटिव: शुक्रवार को जोधपुर में पॉजिटिव आए इस सीजन के पहले मामले ऑस्ट्रेलिया से आई युवती के कांटेक्ट में आने वाले 10 लोगों के नमूने जांच के लिए दिए थे. जिनकी सभी की शनिवार को नेगेटिव रिपोर्ट आई है. इससे स्वास्थ्य विभाग ने भी चैन की सांस ली है. अन्यथा बड़ी मशक्कत करनी पड़ती. डिप्टी सीएमएचओ डा प्रीतम सिंह ने बताया कि पॉजिटिव रोगी की स्थिति में सुधार है. बाकी सैंपल की रिपोर्ट नेगेटिव आई है.