जोधपुर. जी 20 देशों के एम्प्लॉयमेंट ग्रुप की बैठक गुरुवार को जोधपुर में शुरू हुई. इस दौरान स्किल डेवलपमेंट के मुद्दे पर चर्चा हुई. साथ ही इसको लेकर एक कॉमन प्लेटफार्म बनाने के पूरे प्लान पर भी बात हुई. पैनल डिसक्शन की अध्यक्षता भारत के कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के सचिव अतुल कमार तिवारी ने की.
अतुल कुमार तिवारी ने बताया कि दुनिया के विकिसत राष्ट्र बूढे़ हो रहे हैं, जबकि विकासशील राष्ट्र अभी युवा हैं. ऐसे में विकासशील राष्ट्रों के युवाओं के हुनर को तराशा जाए तो फायदा मिलेगा. उन्हें भी रोजगार मिलेगा. जापान जैसे देश में आदमी को 70 साल तक काम करना पड़ रहा है. ऐसे में भारत जैसे देश की बड़ी वर्क फोर्स को ऐसे देशों में काम मिलेगा. यही कारण है कि जी 20 देशों के एम्प्लॉयमेंट ग्रुप का स्किल डवलपमेंट पर फोकस है.
श्रम विकास की सचिव आरती आहूजा ने बताया कि ईपीएफओ में हर माह नए रजिस्ट्रेशन से पता चलता है कि देश में संगठित क्षेत्र में रोजगार बढ़ा है. स्किल में सुधार होगा तो असंगठित वर्ग के लिए अवसर खुलेंगे. अगले दो दिन कौशल विकास के साथ सामाजिक सुरक्षा पर कई दौर की चर्चा होगी. विशेषज्ञों का मानना है कि प्रत्येक स्किल की तीन साल सेल्फ लाइफ है. इसके बाद इसे अपग्रेड करना जरूरी है. ऐसे में जी 20 देशों में कौशल विकास को लेकर एक कॉमन प्लेटफार्म बने इसको लेकर चर्चा हुई.
नई शिक्षा नीति में है कौशल के प्रावधान : अतुल तिवारी ने बताया कि हमारे प्रधानमंत्री ने कहा है कि डिग्री और हुनर जरूरी है. दोनों साथ चलें इसके लिए हमारी नई शिक्षा नीति में प्रावधान किए गए हैं, जो धीरे-धीरे नजर आएंगे. स्किल के बदौलत ही हम पांच ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनेंगे. हम अपने असंगठित कामगार वर्ग को हुनर देकर आगे ले जाएंगे. उन्होंने बताया कि वैश्विक आर्थिक मंच की एक रिपोर्ट में लिखा है कि भारत की जनसंख्या की स्किल अगर सुधार दी जाती है तो 2030 में इससे जीडीपी बढ़ जाएगी.