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पूर्व सांसद ने हरीश चौधरी को दी सियासी नसीहत, कहा- जिसने उंगली पकड़कर नेता बनाया, आज उसी पर आरोप लगा रहे हैं

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Published : Dec 24, 2022, 3:48 PM IST

राजस्थान कांग्रेस के भीतर सियासी बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. एक तरफ जहां सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट गुट के बीच खींचतान जारी रहती है. वहीं, दूसरी तरफ हरीश चौधरी की ओर से हाल में सीएम अशोक गहलोत पर बोले गए हमलों के बाद सियासी पारा हाई हो गया है. गहलोत के करीबी माने जाने वाले पूर्व सांसद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बद्रीराम जाखड़ ने हरीश चौधरी पर (Former MP Badriram Jakhar targets Harish Chowdhary) निशाना साधा. जाखड़ ने कहा कि जिस शख्स ने उन्हें उंगली पकड़कर नेता बनाया, आज वो उसी पर आरोप लगा रहे हैं.

Badriram Jakhar attack on Harish Chowdhary
Badriram Jakhar attack on Harish Chowdhary
पूर्व सांसद बद्रीराम जाखड़ ने हरीश चौधरी को दी नसीहत

जोधपुर. पाली के पूर्व सांसद बद्रीराम जाखड़ ने बायतु के विधायक (Badriram Jakhar attack on Harish Chowdhary) हरीश चौधरी को सियासी नसीहत दी. उन्होंने चौधरी के सीएम गहलोत पर तीसरी पार्टी को प्रायोजित करने वाले आरोप पर टिप्पणी की और कहा कि उन्हें ऐसे बयानों से बचना चाहिए. जाखड़ ने कहा कि सीएम गहलोत ने ही हरीश चौधरी को (Badri Ram Jakhar support CM Gehlot) अंगुली पकड़कर नेता बनाया और आज वो उनके ही खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं, जो शोभा नहीं देता है. उन्होंने कहा कि एक वक्त था, जब चौधरी खुद कहा करते थे कि अशोक गहलोत जैसा कोई दूसरा है ही नहीं, लेकिन आज उनके सुर में तब्दीली आ गई है. लेकिन हकीकत यह है कि अशोक गहलोत केवल कांग्रेस के लिए काम करते थे और आज भी करते हैं. पूर्व सांसद ने कहा कि वो हरीश चौधरी के बयान से खासा दुखी हैं. उन्हें ऐसा नहीं कहना चाहिए था. चौधरी को कांग्रेस ने क्या नहीं दिया. उन्हें पंजाब का प्रभारी बनाया गया. उससे पहले राजस्थान में कैबिनेट मंत्री रहे.

वहीं, जाखड़ से जब पूछा गया कि क्या हरीश चौधरी के बगावत करने से जाट कांग्रेस से दूर हो जाएंगे तो उन्होंने कहा कि जाट कांग्रेस पार्टी के पीछे हैं, न कि किसी व्यक्ति के पीछे. उन्होंने कहा कि महिपाल मदेरणा भी यही कहा करते थे, लेकिन सभी जाट कांग्रेस के साथ रहे और आज भी सभी सीएम गहलोत के साथ ही हैं. इस दौरान पूर्व सांसद ने ओसियां विधायक दिव्या मदेरणा पर भी हमला किया. उन्होंने कहा कि दिव्या भी हमेशा उनके खिलाफ ही बोलती हैं.

इसे भी पढ़ें - हरीश चौधरी का सीएम गहलोत पर बड़ा आरोप- राजस्थान में तीसरी पार्टी गहलोत की प्रायोजित पार्टी

सब स्वार्थ सिद्धि में लगे: जाखड़ ने कहा कि दिव्या मदेरणा बोल रही है कि अशोक गहलोत ने राष्ट्रीय अध्यक्ष का कहना नहीं माना. उसको क्या पता जब पिछली बार जोधपुर में जिला प्रमुख का वोट हुआ था तो उनकी माताजी ने कहां वोट दिया था. जब अशोक गहलोत पहली बार सीएम बने तो परसराम (Jakhar called Divya Maderna selfish) मदेरणा साहब कहां थे? उस समय उन्होंने कहा था कि यह सरकार 3 महीने से ज्यादा नहीं चलेगी. जाखड़ ने कहा कि दिव्या हमेशा हमारा विरोध करती हैं. लोकसभा चुनाव में वो हमारा विरोध करती हैं. वो कौन सा दूध की धुली हुई हैं. सब अपने स्वार्थ के लिए बोलते हैं. उन्होंने कहा कि जब उनकी मां को जिला प्रमुख बनाया गया तो अशोक गहलोत अच्छा हो गए थे और जब उनको मंत्री नहीं बनाया गया तो खराब हो गए.

बद्रीराम जाखड़ और मदेरणा परिवार आपस में राजनीतिक प्रतिद्वंदी बने हुए हैं. इस बार भी जिला प्रमुख चुनाव के दौरान जाखड़ की बेटी को टिकट मिलना था, लेकिन दबाव के चलते सरकार को दिव्या की मां लीला मदेरणा को टिकट देना पड़ा. जिसकी पीड़ा भी जाखड़ कई बार जता चुके हैं. इतना ही नहीं उन्होंने पाली लोकसभा से चुनाव लड़ा था. एक बार चुनाव जीते थे और दूसरी बार हार गए. ओसियां विधानसभा क्षेत्र और भोपालगढ़ दोनों पाली लोकसभा में आते हैं. ऐसे में जाखड़ ने दिव्या पर उन्हें हराने के भी आरोप लगाए.

पूर्व सांसद बद्रीराम जाखड़ ने हरीश चौधरी को दी नसीहत

जोधपुर. पाली के पूर्व सांसद बद्रीराम जाखड़ ने बायतु के विधायक (Badriram Jakhar attack on Harish Chowdhary) हरीश चौधरी को सियासी नसीहत दी. उन्होंने चौधरी के सीएम गहलोत पर तीसरी पार्टी को प्रायोजित करने वाले आरोप पर टिप्पणी की और कहा कि उन्हें ऐसे बयानों से बचना चाहिए. जाखड़ ने कहा कि सीएम गहलोत ने ही हरीश चौधरी को (Badri Ram Jakhar support CM Gehlot) अंगुली पकड़कर नेता बनाया और आज वो उनके ही खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं, जो शोभा नहीं देता है. उन्होंने कहा कि एक वक्त था, जब चौधरी खुद कहा करते थे कि अशोक गहलोत जैसा कोई दूसरा है ही नहीं, लेकिन आज उनके सुर में तब्दीली आ गई है. लेकिन हकीकत यह है कि अशोक गहलोत केवल कांग्रेस के लिए काम करते थे और आज भी करते हैं. पूर्व सांसद ने कहा कि वो हरीश चौधरी के बयान से खासा दुखी हैं. उन्हें ऐसा नहीं कहना चाहिए था. चौधरी को कांग्रेस ने क्या नहीं दिया. उन्हें पंजाब का प्रभारी बनाया गया. उससे पहले राजस्थान में कैबिनेट मंत्री रहे.

वहीं, जाखड़ से जब पूछा गया कि क्या हरीश चौधरी के बगावत करने से जाट कांग्रेस से दूर हो जाएंगे तो उन्होंने कहा कि जाट कांग्रेस पार्टी के पीछे हैं, न कि किसी व्यक्ति के पीछे. उन्होंने कहा कि महिपाल मदेरणा भी यही कहा करते थे, लेकिन सभी जाट कांग्रेस के साथ रहे और आज भी सभी सीएम गहलोत के साथ ही हैं. इस दौरान पूर्व सांसद ने ओसियां विधायक दिव्या मदेरणा पर भी हमला किया. उन्होंने कहा कि दिव्या भी हमेशा उनके खिलाफ ही बोलती हैं.

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सब स्वार्थ सिद्धि में लगे: जाखड़ ने कहा कि दिव्या मदेरणा बोल रही है कि अशोक गहलोत ने राष्ट्रीय अध्यक्ष का कहना नहीं माना. उसको क्या पता जब पिछली बार जोधपुर में जिला प्रमुख का वोट हुआ था तो उनकी माताजी ने कहां वोट दिया था. जब अशोक गहलोत पहली बार सीएम बने तो परसराम (Jakhar called Divya Maderna selfish) मदेरणा साहब कहां थे? उस समय उन्होंने कहा था कि यह सरकार 3 महीने से ज्यादा नहीं चलेगी. जाखड़ ने कहा कि दिव्या हमेशा हमारा विरोध करती हैं. लोकसभा चुनाव में वो हमारा विरोध करती हैं. वो कौन सा दूध की धुली हुई हैं. सब अपने स्वार्थ के लिए बोलते हैं. उन्होंने कहा कि जब उनकी मां को जिला प्रमुख बनाया गया तो अशोक गहलोत अच्छा हो गए थे और जब उनको मंत्री नहीं बनाया गया तो खराब हो गए.

बद्रीराम जाखड़ और मदेरणा परिवार आपस में राजनीतिक प्रतिद्वंदी बने हुए हैं. इस बार भी जिला प्रमुख चुनाव के दौरान जाखड़ की बेटी को टिकट मिलना था, लेकिन दबाव के चलते सरकार को दिव्या की मां लीला मदेरणा को टिकट देना पड़ा. जिसकी पीड़ा भी जाखड़ कई बार जता चुके हैं. इतना ही नहीं उन्होंने पाली लोकसभा से चुनाव लड़ा था. एक बार चुनाव जीते थे और दूसरी बार हार गए. ओसियां विधानसभा क्षेत्र और भोपालगढ़ दोनों पाली लोकसभा में आते हैं. ऐसे में जाखड़ ने दिव्या पर उन्हें हराने के भी आरोप लगाए.

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