जोधपुर. नगर निगम चुनाव में भाजपा के नेता भले ही एकजुट होकर चुनाव जीतने का दावा करते नजर आए थे, लेकिन पार्टी में टिकट वितरण को लेकर पहले ही फूट पड़ गई थी. इसका परिणाम 1 नवंबर के मतदान के बाद को देखने को मिला, जब बीजेपी के पूर्व जिलाध्यक्ष नरेंद्र सिंह कच्छवाह ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है.
इसका खुलासा पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष नरेंद्र सिंह कच्छवाह द्वारा रविवार को मतदान संपन्न होने के तुरंत बाद प्रदेशाध्यक्ष को भेजे गए इस्तीफे से हुआ है. कच्छवाह के अनुसार भाजपा ने नगर निगम चुनाव के लिए जो प्रत्याशियों का चयन किया था, वह सही नहीं था. इसका लेकर उन्होंने सभी स्तर पर बात की और अपने सुझाव और आपत्तियां भी बताई, लेकिन इसके बावजूद कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई. जिसके बाद उन्होंने 18 अक्टूबर को ही सूची जारी होने के साथ पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा जिलाध्यक्ष को सौंप दिया था.
वहीं, जब नरेंद्र कच्छवाह से पूछा गया कि क्या उनकी नाराजगी केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और प्रदेश उपाध्यक्ष प्रसन्न चंद मेहता के अत्याधिक हस्तक्षेप से थी. इस पर उनका कहना था कि उन्हें व्यक्तिगत रूप से किसी से कोई शिकायत नहीं है, लेकिन अफसोस है कि मेरे सुझावों पर विचार नहीं किया गया. इसलिए मैंने इस्तीफा दिया है.
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साथ ही उन्होंने कहा कि चूंकि मैं पार्टी का कार्यकर्ता रहा हूं, पार्टी को नुकसान नहीं हो. इसलिए मतदान दिवस तक चुप रहा, लेकिन रविवार को प्रदेशाध्यक्ष को इस्तीफा भेज दिया है.
गौरतलब है कि नरेंद्र सिंह कच्छवाह भाजपा के पुराने नेताओं में से है. उन्हें वसुंधरा गुट का भी माना जाता है. ऐसे में कहा जा रहा है कि केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने निगम चुनाव के टिकट वितरण में उन्हें तवज्जो नहीं दी. कई ऐसे कार्यकर्ताओं को टिकट दिए गए, जो पार्टी के लिए लाभदायक नहीं है.