जोधपुर. जेएनवीयू गैंगरेप मामले में पुलिस द्वारा आरोपियों को एबीवीपी का कार्यकर्ता बताए जाने पर बवाल मचा हुआ है. इस बीच जोधपुर जिले के आसोप थाने में 29 जून को दर्ज बलात्कार का मामला चर्चा में आ गया है. जिसमें आरोपी एबीवीपी का पूर्व जिला संयोजक रह चुका है. जिसे 23 जून को ही संगठन ने जिम्मेदारी से मुक्त किया है. जबकि बलात्कार की घटना 21 मई की है, जब वह पद पर था. पीड़िता भी संगठन में पद पर थी, जो आरोपी ने ही दिलवाया था. गैंगरेप सामने आने के बाद आसोप पुलिस ने सोमवार को आनन-फानन में रामलाल परिहार को गिरफ्तार कर लिया है. जांच सब इंस्पेक्टर देवाराम गोदारा कर रहे हैं.
पुलिस के अनुसार युवती ने आरोप लगाया कि 2021 में कोरोना काल के दौरान उसका एबीवीपी के तत्कालीन जिला संयोजक रामलाल परिहार से संपर्क हुआ था. उसके बाद लगातार बातचीत होती रही, तो परिहार ने युवती से कहा कि वह संगठन से जुड़ेगी, तो उसे बड़ी नेता बना दिया जाएगा. जिसके बाद युवती को संगठन की सदस्यता दी गई और पद भी दिया गया. जिसके चलते वह उसके साथ बैठकों में आती-जाती रही.
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युवती का आरोप है कि गत वर्ष रामलाल ने उसे कहा था कि बड़ा पद दिलाऊंगा. इसके लिए एक मोबाइल फोन दिला दो, जिस पर उसने 80 हजार का मोबाइल उसे दिलाया. इसके अलावा कई मौकों पर युवती से वह नगद राशि भी ले चुका था. उसने युवती से कुल 6 से 7 लाख रुपए ले लिए. जब युवती रुपए मांगने लगी, तो वह टालने लगा. युवती की ओर से दी गई रिपोर्ट में बताया गया है कि इस वर्ष 21 मई को रामलाल ने उसे फोन किया कि वह आकर उसके रुपए ले जाए. जिस पर युवती ने कहा कि उसके घर पर कोई नहीं है.
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इसलिए वह आ नहीं सकती. इस पर परिहार ने कहा कि मैं खुद घर आकर रुपए देता हूं. कुछ देर में परिहार युवती के घर पहुंचा. घर में घुस कर उसने कमरे का दरवाजा बंद किया और उसके साथ दुष्कर्म किया. आरोप है उसने कहा कि किसी को बताया तो उसे और उसके पिता को जान से मार देगा. जिसके बाद वह परेशान रहने लगी. परिवार जनों की ओर से बार-बार पूछने पर उनको पूरी घटना बताई. इसके बाद 29 जून को मामला दर्ज हुआ.