जोधपुर/जयपुर. पिछले कई दिनों से अपनी मांगों को लेकर आंदोलनरत वन कर्मियों ने आज प्रदेश भर में नेशनल पार्क, लेपर्ड सफारी, बायोलॉजिकल पार्क, चिड़ियाघर और सेंचुरिज के गेट बंद कर दिए हैं. इसके कारण सुबह से ही पर्यटक प्रवेश नहीं कर पा रहे हैं. सभी वनकर्मी गेट पर ताला लगाकर बाहर धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं. वनकर्मियों का कहना है कि सरकार हमारी सुनवाई नहीं कर रही है.
गुरुवार सुबह जोधपुर के माचिया बायोलॉजिकल सफारी पार्क पर ताला लगा दिया गया. जिसके चलते सुबह से ही सैलानी प्रवेश नहीं कर पा रहे हैं. सभी वनकर्मी ताला लगाकर गेट के बाहर बैठकर नारेबाजी कर रहे हैं. अधीनस्थ वन कर्मचारी के जिला अध्यक्ष ताराराम सीरवी ने बताया कि 15 सूत्रीय मांग पत्र के साथ सभी धरने पर बैठे हुए हैं. वन कर्मी समकक्ष पदों के समान वेतन भत्ते की भी डिमांड कर रहे हैं. ये सभी अनिश्चित कालीन कार्य बहिष्कार और धरना प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन अभी सक्षम स्तर पर वार्ता नहीं हुई है. गौरतलब है कि वनकर्मियों ने पहले ही ताला जड़ने की बात से प्रशासन को अवगत करा दिया था.
क्या है प्रमुख मांगें?- सीरवी के मुताबिक हमारी मांग है कि वन कर्मचारियों का समकक्ष पदों जैसे कांस्टेबल, पटवारी, ग्राम सेवक के समान वेतन भत्ते, हार्ड ड्यूटी, मेस भत्ता दिया जाए. इसके अलावा अभी साईकिल भत्ता 50 रुपए देय हो रहा है जो वर्षों पुरानी व्यवस्था का भाग है. इस राशि में वनकर्मी अपने क्षेत्र में निगरानी भी नहीं कर सकता. हमारी सरकार से मांग है कि इस भत्ते को पेट्रोल भत्ते के रूप हर महीने कम से कम दो हजार रुपए किया जाए. इसके अलावा वन विभाग के वाहन चालकों और वर्क चार्ज कर्मचारियों की पद्दोन्नति सहित 15 सूत्रीय मांगें भी लंबित हैं.
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सरिस्का के गेट पर लगा ताला- अलवर जिले के सरिस्का बाघ परियोजना में भी वनकर्मियों ने सरिस्का के मुख्य सदर गेट पर ताला लगा कर विरोध प्रदर्शन किया. आंदोलन के कारण सरिस्का के वन्यजीव को खतरा बना हुआ है. वन्यजीवों की मॉनिटरिंग और ट्रैकिंग नहीं हो पा रही है. सरकार की तरफ से अभी तक वन कर्मियों से कोई बातचीत नहीं की गई. ऐसे में गुस्साए वन कर्मियों ने सरिस्का का मुख्य गेट बंद करके उस पर ताला लगा दिया. उसके बाद गेट के सामने बैठकर जमकर विरोध प्रदर्शन किया.
जयपुर में भी गेट बंद- आंदोलनरत वन कर्मियों ने गुरुवार को प्रदेश भर में नेशनल पार्क, लेपर्ड सफारी, बायोलॉजिकल पार्क, चिड़ियाघर और सेंचुरिज के गेट बंद कर दिए हैं. सरकार और वन प्रशासन की ओर से मांगों पर सकारात्मक पहल नहीं होने से वन विभाग के कर्मचारियों में काफी आक्रोश है. ग्रीन आर्मी की हड़ताल के चलते प्रदेश भर में वन पर्यटन ठप हो गया है. जयपुर में झालाना लेपर्ड सफारी, नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क और प्रदेश के टाइगर रिजर्व समेत सभी नेशनल पार्कों पर कर्मचारियों ने ताला लगा दिया है.
रणथंभौर में भी लगा ताला- सवाई माधोपुर मुख्यालय पर स्थित DFO कार्यालय पर संयुक्त संघर्ष समिति के आह्वान पर वन कर्मियों ने अपने कार्य का बहिष्कार कर धरना दिया हुआ है. संघर्ष समिति के आह्वान पर 9 फरवरी 2022 को रणथंभौर नेशनल पार्क का गेट बंद कर धरना दे रहे हैं.
कोटा में सिर मुंडवा कर रहे प्रदर्शन- कोटा में भी वनकर्मियों ने बीते तीन दिनों से के बहिष्कार किया जा रहा है. आज सुबह अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क का गेट बंद कर दिया गया. इसके साथ ही वनकर्मी सिर मुंडवाकर कर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. मांगें नहीं मानने पर वनकर्मियों ने उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है. मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व, रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व, शेरगढ़ अभ्यारण के अलावा सभी वन मंडलों में कार्मिकों की हड़ताल के चलते जंगलों की सुरक्षा भगवान भरोसे है. यहां तक कि टाइगर मॉनिटरिंग भी नहीं हो पा रहा है.
जयपुर में कर चुके हैं आंदोलन- मांगों को लेकर संयुक्त संघर्ष समिति की ओर से गत 1 फरवरी को प्रदेश के 5000 कर्मचारियों ने शहीद स्मारक पर धरना देकर सिविल लाइन फाटक तक रैली निकालकर विरोध किया था. मुख्यमंत्री के नाम प्रमुख शासन सचिव को मांग पत्र सौंपा गया था. लगातार प्रदेश के वनकर्मियों की ओर से कार्य बहिष्कार किया जा रहा है इससे जोधपुर, बीकानेर, उदयपुर संभाग समेत अन्य जगह पर वन्यजीवों की रेस्क्यू कार्य भी प्रभावित हो रहा है.