जोधपुर. जोधपुर के वन क्षेत्रों की भूमि पर अतिक्रमण को लेकर दायर जनहित याचिका पर राजस्थान हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए वन भूमि पर किसी भी प्रकार के नियमितिकरण पर रोक लगाते हुए वन विभाग, राजस्व विभाग और नगर निगम उत्तर से हलफनामा मांगा है. जस्टिस विजय विश्नोई व जस्टिस कुलदीप माथुर की खंडपीठ के समक्ष रामजी व्यास की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई हुई.
पिछली सुनवाई पर याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कहा था कि वन भूमि पर निगम की ओर से नियमितिकरण के लिए आवेदन लिए जा रहे हैं. इस पर नगर निगम के आयुक्त को तलब किया गया था. नगर निगम उत्तर के आयुक्त अतुल प्रकाश ने व्यक्तिगत रूप से पेश होकर बताया कि अभी तक किसी प्रकार का ना तो नियमितिकरण और ना ही पट्टा जारी किया गया है. वन भूमि पर नियमितिकरण की मांग को लेकर आवेदन आए थे जिन्हें पहले ही खारिज कर दिया गया.
पढ़ें: वन्यजीवों का शिकार करने वालों और वन भूमि पर अतिक्रमण करने वालों पर होगी सख्त कार्रवाई : वन मंत्री
कोर्ट ने नगर निगम आयुक्त को समय देते हुए निर्देश दिए हैं कि वन भूमि पर नियमितिकरण के लिए कितने आवेदन प्राप्त हुए और उन पर क्या कारवाई हुई सम्पूर्ण जानकारी के साथ हलफनामा पेश किया जाए. वहीं वन विभाग की ओर से उपस्थित एएजी संदीप शाह को निर्देश दिए कि वे वन विभाग की ओर से हलफनामा पेश करे कि वन विभाग ने अपने क्षेत्र के अतिक्रमणों को लेकर क्या-क्या कारवाई की है. उसकी जानकारी पेश करें.
राजस्व विभाग की ओर से मौजूद एएजी सुनील बेनीवाल को भी कहा कि विभाग की ओर से वन भूमि का सीमांकन किया जाए. साथ ही कहा कि हलफनामा पेश करे कि वन भूमि व कितने वनों के सीमांकन के लिए राजस्व विभाग की ओर से क्या कारवाई की गई. कोर्ट ने 2 मार्च को अगली सुनवाई मुकरर्र करते हुए नगर निगम उत्तर को किसी भी प्रकार के अतिक्रमण को नियमित नही करने के निर्देश दिए हैं.