जोधपुर. पाक विस्थापित संघ ने इस पूरे प्रकरण की CBI या उच्च स्तरीय जांच करवाने की मांग की है. इस मामले में संगठन का कहना है कि इन मृतकों के पास से एक सुसाइड नोट मिला है, जिसमें पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं. इसलिए पुलिस से इसकी जांच नहीं करवाई जानी चाहिए.
सीमांत लोक संगठन के हिंदू सिंह सोढा ने सुसाइड नोट के हवाले से कहा कि यह ताज्जुब की बात है कि CM के गृह नगर में भी इस मामले में पुलिस पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई. जबकि आरोप गंभीर हैं. सोडा ने बताया कि पुलिस के साथ-साथ ऐसे लोगों पर भी आरोप हैं, जो इन पाक विस्थापितों का उत्पीड़न करते थे. उन पर भी पुलिस को कार्रवाई करनी थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. अब इस मामले की जांच उच्च स्तरीय एजेंसी CBI से होनी चाहिए.
मुआवजे की मांग...
इसी तरह से पाक विस्थापित के लिए काम करने वाली संस्था निमिकेतम के भागचंद भील ने कहा कि नागरिकता के अभाव में हम लोगों को ज्यादा संघर्ष करना पड़ रहा है. 11 लोगों की मौत की जांच उच्च स्तरीय होनी चाहिए. कृषि मंडी की पूर्व अध्यक्ष कीर्ति सिंह भील ने सरकार से पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा देने के मांग की है.
गौरतलब है कि इस परिवार से जुड़ा एक प्रकरण मंडोर थाने में दर्ज है. जिसको लेकर लंबे समय से जांच ही चल रही है. सुसाइड नोट में किसी प्रकार का उल्लेख करते हुए कहा गया है कि पुलिस ने कार्रवाई नहीं की.
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बता दें कि देचू थाना अंतर्गत लूथरा गांव में रविवार को मिले 11 पाक विस्थापितों के शव मिले थे. जिनका सोमवार की सुबह जोधपुर के महात्मा गांधी अस्पताल में पोस्टमार्टम किया गया. पुलिस सूत्रों के अनुसार प्रारंभिक जांच के आधार पर संभावना जताई जा रही है कि शनिवार रात को पूरे परिवार के खाने में नींद की गोलियां मिलाई गई होंगी. जिसके बाद नींद में उन्हें जहरीले इंजेक्शन लगाए गए होंगे.