जोधपुर. साइबर ठग ठगी के नए-नए आइडिया ईजाद कर रहे हैं. कॉल कर पिन पूछने का तरीका अब पुराना हो गया. अब व्हाट्सएप्प कॉल कर जानकारी जुटाकर भी ठगी की जा रही है. पढ़े-लिखे प्रोफेशनल लोग भी इनके जाल में फंस जाते हैं. ताजा मामला जोधपुर के एक निजी अस्पताल का है, जहां के एक डॉक्टर के साथ इसी तरह की एक ठगी हुई है. डॉक्टर ने सरदारपुरा थाने में मामला दर्ज करवाया है.
पुलिस ने बताया कि मूलत: कनिष्का रिसोर्ट निवासी डॉ. राजकुमार व्यास गीता भवन के पास स्थित विनायका अस्पताल में काम करते हैं. हॉस्पिटल में काम करते समय उनके पास एक व्यक्ति ने कॉल कर कहा कि हम आपको सेना के मरीज देखने के लिए भेजेंगे. इसके लिए आपसे जानकारी लेनी है. इसको लेकर कुछ देर बाद ही उनके पास व्हाट्सअप वीडियो कॉल आया, जिसमें सेना की वर्दी में बैठे व्यक्ति ने कहा कि हम प्रतिदिन पांच मरीज आपके अस्पताल में भेजेंगे. 72 वर्षीय डॉक्टर व्यास उसकी बातों में आ गए.
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करीब ढाई लाख रुपयों की हुई ठगी : व्यास ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि वीडियो कॉलिंग के दौरान उसने क्या-क्या पूछा मुझे पता नहीं चला, मैं बताता चला गया. बात खत्म करते ही मेरे खाते से तीन ट्रांजेक्शन 95,500, 95,500, 48,333 हुए, जिससे खाते से कुल 2 लाख 39 हजार 333 रुपए निकल गए. इसके बाद डॉ. व्यास ने 1930 को सूचित किया और बैंक में अपना खाता व एटीएम ब्लॉक करवाए. मामले की जांच सरदारपुरा थाने के एएसआई महादेव गोदारा को दी गई है.
1930 पर समय रहते दें जानकारी : पुलिस का कहना है कि किसी भी तरह की साइबर वारदात के लिए सबसे पहले 1930 पर इतला जरूर करें. इससे केंद्रीय टीम सक्रिय होकर संबंधित बैंक से होने वाले ट्रांजेक्शन फॉलो करती है. इससे कई बार समय रहते जिन खातों में रुपए जाते हैं, बैंक से संपर्क कर व होल्ड कर उन खातों से राशि की रिकवरी हो जाती है.