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Akshardham Temple in Jodhpur: जोधपुर के छीतर पत्थरों से बन रहा मंदिर, उकेरी गईं 3 हजार से ज्यादा नक्काशियां

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Published : Mar 16, 2023, 6:03 PM IST

जोधपुर में 40 बीघा में अक्षरधाम मंदिर का निर्माण किया जा रहा है. इसमें जोधपुर के ही छीतर के पत्थर का (Structure of Akshardham Temple) इस्तेमाल किया जा रहा है. इसका 80 से 90 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है.

Akshardham Temple in Jodhpur
जोधपुर में अक्षरधाम मंदिर
जोधपुर के छीतर पत्थरों से बन रहा मंदिर

जोधपुर. बोचासनवासी श्री अक्षरधाम पुरुषोत्तम स्वामी नारायण संस्था (बीएपीएस) की ओर से जोधपुर में बनाए जा रहे अक्षरधाम मंदिर का काम तेजी से चल रहा है. करीब 40 बीघा क्षेत्र में विकसित हो रहे परिसर में मंदिर के अतिरिक्त सिविल कार्य 80 से 90 फीसदी पूरा हो चुका है. मुख्य मंदिर परिसर का काम अभी चल रहा है.

मंदिर का निर्माण करीब 16 हजार वर्ग फीट में किया जा रहा है. इस मंदिर में जोधपुर के ही छीतर के पत्थर का इस्तेमाल किया जा रहा है. इस पर तीन हजार से ज्यादा नक्काशियां उकेरी गई हैं. मंदिर निर्माण का काम देख रहे इंजीनियर विमल भाई का कहना है कि मंदिर की प्रथम मंजिल बन गई है. जल्दी ही दूसरी मंजिल का काम शुरू होगा. उसके पत्थरों की घड़ाई का काम लगभग पूरा हो गया है. डेढ़ साल में मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा. जोधपुर के अक्षरधाम मंदिर में पहले से बने बड़े मंदिरों के डिजाइन के मिश्रण की झलक नजर आएगी. मंदिर में एक हजार करोड़ से अधिक की लागत आएगी.

अक्षरधाम मंदिर
अक्षरधाम मंदिर

पढ़ें. कोटा में 11 करोड़ की लागत से बनकर तैयार हुआ भव्य स्वामीनारायण मंदिर, लेजर लाइट शो के साथ होगा उद्घाटन

दो लाख वर्ग फुट निर्माण : उन्होंने बताया कि जोधपुर नगर निगम ने संस्था को 40 बीघा भूमि दी थी. यहां दो लाख वर्ग फिट निर्माण कार्य हो रहा है. वर्तमान में बड़ा किचन, यात्री निवास व प्रार्थना भवन तैयार हो गया है. करीब सौ फिट चौड़े प्रार्थना भवन में एक भी पिलर नहीं है. आरसीसी के साथ-साथ नई तकनीक काम में लेकर इसका निर्माण किया गया है. इसके अलावा 20 हजार लोगों के बैठने के लिए खुला प्रवचन स्थल विकसित किया जा रहा है. इसके अलावा 15 बीघा में गार्डन विकसित होगा. इंजीनियर विमल बताते हैं कि वे साढ़े 4 साल पहले आए थे, तीन साल से लगातार निर्माण चल रहा है.

स्टेपिंग पैटर्न पर बन रहा परिसर : जोधपुर के अक्षरधाम परिसर को स्टेपिंग पैटर्न पर बनाया जा रहा है. मुख्यमंदिर का आधार सड़क से 13 फिट उपर होगा. यहां तक आने के लिए स्टेपिंग पैटर्न पर ही जगह विकसित होगी. दो मंजिला मंदिर के शिखर बनने के बाद इसकी उंचाई 125 फीट होगी. अक्षरधाम संस्था का यह पहला मंदिर होगा जिसके मंदिर परिसर में चारों ओर जोधपुरी पत्थर पर नक्काशी नजर आएगी. मंदिर की दिवारों को पूरी तरह से बंद नहीं किया गया है. एक निश्चित ऊंचाई के बाद छीतर के पत्थर की जालियां बनाकर लगाई जा रही हैं.

पढ़ें. Kala Gora Bhairav Mandir : तांत्रिक सिद्धि के लिए विख्यात इस मंदिर की हैरान करने वाली है कहानी...

सोमपुरा शास्त्र नियमावली से निर्माण : देश में जितने भी अक्षरधाम मंदिर बने हैं वे मंदिर निर्माण विधि से जुड़े सोमपुरा शास्त्र से बनते हैं. जोधपुर में अक्षरधाम मंदिर का निर्माण योगी प्रेमस्वामी की देखरेख में हो रहा है. मंदिर के गर्भगृह के ऊपर पत्थरों को काटकर जालियां लगाई गई हैं. गर्भगृह की छत के नीचे कोई स्तंभ नहीं होगा. पत्थरों को ही आपस में जोड़कर ठहराया जा रहा है. मंदिर में 225 स्तंभ लगाए गए हैं. प्रत्येक स्तंभ के बीच की दूरी सभी जगह पर समान है.

सिरोही घाट शैली के स्तंभ : इंजीनियर विमल भाई का कहना है कि पूर्व में जो अक्षरधाम मंदिर बने हैं, उनके स्तंभ वर्गाकार हैं. लेकिन जोधपुर के मंदिर के स्तंभ सिरोही घाट शैली के बनाए गए हैं. इन पर नक्काशी उकेरी गई है जो गोल हैं. नीचे चौड़े और ऊपर जाकर कुछ संकरे होते हैं. मंदिर के पत्थरों की नक्काशी में तीन हजार से ज्यादा डिजाइन का प्रयोग हो रहा है.

जोधपुर के छीतर पत्थरों से बन रहा मंदिर

जोधपुर. बोचासनवासी श्री अक्षरधाम पुरुषोत्तम स्वामी नारायण संस्था (बीएपीएस) की ओर से जोधपुर में बनाए जा रहे अक्षरधाम मंदिर का काम तेजी से चल रहा है. करीब 40 बीघा क्षेत्र में विकसित हो रहे परिसर में मंदिर के अतिरिक्त सिविल कार्य 80 से 90 फीसदी पूरा हो चुका है. मुख्य मंदिर परिसर का काम अभी चल रहा है.

मंदिर का निर्माण करीब 16 हजार वर्ग फीट में किया जा रहा है. इस मंदिर में जोधपुर के ही छीतर के पत्थर का इस्तेमाल किया जा रहा है. इस पर तीन हजार से ज्यादा नक्काशियां उकेरी गई हैं. मंदिर निर्माण का काम देख रहे इंजीनियर विमल भाई का कहना है कि मंदिर की प्रथम मंजिल बन गई है. जल्दी ही दूसरी मंजिल का काम शुरू होगा. उसके पत्थरों की घड़ाई का काम लगभग पूरा हो गया है. डेढ़ साल में मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा. जोधपुर के अक्षरधाम मंदिर में पहले से बने बड़े मंदिरों के डिजाइन के मिश्रण की झलक नजर आएगी. मंदिर में एक हजार करोड़ से अधिक की लागत आएगी.

अक्षरधाम मंदिर
अक्षरधाम मंदिर

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दो लाख वर्ग फुट निर्माण : उन्होंने बताया कि जोधपुर नगर निगम ने संस्था को 40 बीघा भूमि दी थी. यहां दो लाख वर्ग फिट निर्माण कार्य हो रहा है. वर्तमान में बड़ा किचन, यात्री निवास व प्रार्थना भवन तैयार हो गया है. करीब सौ फिट चौड़े प्रार्थना भवन में एक भी पिलर नहीं है. आरसीसी के साथ-साथ नई तकनीक काम में लेकर इसका निर्माण किया गया है. इसके अलावा 20 हजार लोगों के बैठने के लिए खुला प्रवचन स्थल विकसित किया जा रहा है. इसके अलावा 15 बीघा में गार्डन विकसित होगा. इंजीनियर विमल बताते हैं कि वे साढ़े 4 साल पहले आए थे, तीन साल से लगातार निर्माण चल रहा है.

स्टेपिंग पैटर्न पर बन रहा परिसर : जोधपुर के अक्षरधाम परिसर को स्टेपिंग पैटर्न पर बनाया जा रहा है. मुख्यमंदिर का आधार सड़क से 13 फिट उपर होगा. यहां तक आने के लिए स्टेपिंग पैटर्न पर ही जगह विकसित होगी. दो मंजिला मंदिर के शिखर बनने के बाद इसकी उंचाई 125 फीट होगी. अक्षरधाम संस्था का यह पहला मंदिर होगा जिसके मंदिर परिसर में चारों ओर जोधपुरी पत्थर पर नक्काशी नजर आएगी. मंदिर की दिवारों को पूरी तरह से बंद नहीं किया गया है. एक निश्चित ऊंचाई के बाद छीतर के पत्थर की जालियां बनाकर लगाई जा रही हैं.

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सोमपुरा शास्त्र नियमावली से निर्माण : देश में जितने भी अक्षरधाम मंदिर बने हैं वे मंदिर निर्माण विधि से जुड़े सोमपुरा शास्त्र से बनते हैं. जोधपुर में अक्षरधाम मंदिर का निर्माण योगी प्रेमस्वामी की देखरेख में हो रहा है. मंदिर के गर्भगृह के ऊपर पत्थरों को काटकर जालियां लगाई गई हैं. गर्भगृह की छत के नीचे कोई स्तंभ नहीं होगा. पत्थरों को ही आपस में जोड़कर ठहराया जा रहा है. मंदिर में 225 स्तंभ लगाए गए हैं. प्रत्येक स्तंभ के बीच की दूरी सभी जगह पर समान है.

सिरोही घाट शैली के स्तंभ : इंजीनियर विमल भाई का कहना है कि पूर्व में जो अक्षरधाम मंदिर बने हैं, उनके स्तंभ वर्गाकार हैं. लेकिन जोधपुर के मंदिर के स्तंभ सिरोही घाट शैली के बनाए गए हैं. इन पर नक्काशी उकेरी गई है जो गोल हैं. नीचे चौड़े और ऊपर जाकर कुछ संकरे होते हैं. मंदिर के पत्थरों की नक्काशी में तीन हजार से ज्यादा डिजाइन का प्रयोग हो रहा है.

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