जोधपुर. प्रदेश सरकार के मंत्रियों की बयानबाजी लगातार जारी है. अब मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने एक साक्षात्कार में बयान दिया है कि सचिन पायलट को अगर अभी भी मुख्यमंत्री नहीं बनाया, तो चुनाव के बाद में कांग्रेस के इतने ही विधायक होंगे जो कि एक फॉर्च्यूनर में बैठकर चार धाम की यात्रा पर निकल जाएंगे. ओसियां विधायक दिव्या मदेरणा ने गुढ़ा के बयान का समर्थन करते हुए नौकरशाही को निशाने पर लिया है.
सोशल मीडिया पर दिव्या मदेरणा ने उनकी बात को इस टिप्पणी के साथ आगे बढ़ाया (Divya Maderna tweets on bureaucracy) कि 'नौकरशाही की कार्यशैली से ऐसा प्रतीत हो रहा है कि कांग्रेस सरकार को एक फॉर्च्यूनर में बैठाने का कोई अखंड संकल्प ले चुकी है.' यानी कि दिव्या मदेरणा का मानना है कि नौकरशाही की कार्यशैली कांग्रेस सरकार को फॉर्च्यूनर में बैठा ही देगा. उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी दिव्या मदेरणा अफसरों की कार्यशैली को लेकर आक्रमक रही हैं.
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उन्होंने गत दिनों मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास के अफसरों की एसीआर भरने का अधिकार मांगने को भी सही ठहराया था. इसकी सबसे बड़ी वजह है जोधपुर में सितंबर माह में एक निजी अस्पताल में मरीज के उपचार को लेकर हुए विवाद के दौरान दिव्या मदेरणा ने धरना दिया था. उन्होंने चिरंजीवी योजना का लाभ नहीं मिलने को लेकर जोधपुर कलेक्टर को इसके लिए जिम्मेदार बताते हुए लगातार कड़ी टिप्पणी की थी. लेकिन आज तक उस मामले में सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की है.