जोधपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को जोधपुर में तीन दिवसीय 25वें लोकानुरंजन मेले का शुभारंभ किया. राजस्थान संगीत नाटक अकादमी की मेजबानी में आयोजित इस मेले के लिए अशोक उद्यान को दुल्हन की तरह सजाया गया. कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मन की टीस उनकी जुबान पर आ गई, जो पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अपने कार्यकाल के दौरान इस उद्यान के नाम अशोक उद्यान के आगे सम्राट लगाकर उनको दी थी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे जानकर अचरज हो रहा है कि इतने सालों बाद इस ओपन थिएटर में पहला कार्यक्रम हो रहा है. कुछ बाधाएं आईं होंगी. नाम की बात करें तो नाम से क्या होता है? चाहे नाम अशोक रखें या सम्राट अशोक रखे, क्योंकि अशोक सम्राट ही थे. सीएम ने इस दौरान कहा कि हमारा प्रयास होता है कि हम इन्हें सहेज कर रखें. हमारी सरकार ने साहित्यकारों, कलाकारों और पत्रकारों के लिए 100 करोड़ रुपए का कल्याण कोष बनाया है.
कोरोना के समय भी हमने सबकी मदद की और यह काम लगातार चलेगा. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, आने वाली पीढ़ियों को यह जानना जरूरी है कि हमारी संस्कृति परंपरा और कला क्या होती है. इसके लिए इस तरह के मेलों का आयोजन होना बहुत आवश्यक है. गहलोत ने इस आयोजन के लिए जिला प्रशासन और राजस्थान संगीत नाटक अकादमी की अध्यक्ष बिनाका मालू और राज्य मेला विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष रमेश बोराणा को धन्यवाद दिया. इस मौके पर गहलोत ने कहा कि कलाकार हमारे प्रदेश की ख्याति है.
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मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने राजस्थान के साहित्यकारों के नाम से पुरस्कार देने की घोषणा की है. वह कार्यक्रम भी जोधपुर में आयोजित होगा. उन्होंने कहा कि आज पूर्व मुख्यमंत्री जय नारायण व्यास की 124वीं जयंती है. इस विशेष दिन इस कार्यक्रम का शुभारंभ करने का मौका मुझे मिला है यह मेरे लिए बहुत गर्व की बात है. बता दें कि अपने निर्माण के दो दशक बाद अशोक उद्यान के ओपन थिएटर में आखिरकार पहला रंगारंग कार्यक्रम आयोजित हुआ. इस मौके पर ओपन थिएटर के पास एक फाउंटेन बनाया गया, जिसका उद्घाटन भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने किया.
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वसुंधरा राजे ने बदला नाम : पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अपने दूसरे कार्यकाल के दौरान जोधपुर के इस अशोक उद्यान का नाम बदलकर सम्राट अशोक उद्यान कर दिया था. उस समय भी इसको लेकर काफी राजनीतिक गहमागहमी हुई थी. जोधपुर में अशोक गहलोत के नाम पर किसी भी तरह का कोई संस्थान या इमारत नहीं है. हाउसिंग बोर्ड ने जब इस उद्यान का निर्माण किया तो इसका नाम अशोक उद्यान रखा गया था, लेकिन गत कार्यकाल में वसुंधरा राजे ने इसके आगे भी सम्राट लगा कर इस नाम को बदल दिया. इस उद्यान का रखरखाव भी जोधपुर विकास प्राधिकरण के अधीन कर दिया था. आज जब सीएम अशोक गहलोत यहां आए तो उन्होंने इस जिक्र किया.