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युवा अधिवक्ताओं के प्रशिक्षण शिविर में बोले सीजे मसीह, सफलता का निर्धारण पैसों नहीं आत्मसंतुष्टि से करे

युवा अधिवक्ताओं के लिए पांच दिवसीय प्रशिक्षण शिविर के उद्घाटन समारोह को सम्बोधित करते हुए सीजे मसीह ने कहा कि युवा अधिवक्ताओं को सफलता का निर्धारण पैसों से नहीं बल्कि आत्मसंतुष्टि से करना चाहिए.

CJ Masih addresses to young advocates, says success measured by self satisfaction
युवा अधिवक्ताओं के प्रशिक्षण शिविर में बोले सीजे मसीह, सफलता का निर्धारण पैसों नहीं आत्मसंतुष्टि से करे
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Published : Jun 27, 2023, 9:37 PM IST

जोधपुर. युवा अधिवक्ताओं को अपनी सफलता का निर्धारण पैसों से न कर स्वयं की आत्मसंतुष्टि से करनी चाहिए तथा उन्हे ईश्वर में विश्वास रखने, कठिन परिश्रम करने एवं स्वयं पर आत्मविश्वास रखते हुए जीवन में निष्ठापूर्वक आगे बढ़ना चाहिए. यह कहना है राजस्थान हाईकोर्ट के सीजे ऑगस्टाइन जॉर्ज मसीह का. वे मंगलवार को बार कौंसिल ऑफ राजस्थान एवं एनएलयू के संयुक्त तत्वाधान में युवा अधिवक्ताओं के लिए पांच दिवसीय प्रशिक्षण शिविर के उद्घाटन समारोह को सम्बोधित कर रहे थे.

उन्होंने कहा कि न्यायालयों द्वारा पारित किए जाने वाले ऐतिहासिक आदेशों व निर्णयों का असल श्रेय भी अधिवक्ताओं द्वारा किए जाने वाले कठिन परिश्रम को ही जाता है. समाज में व्याप्त कुरूतियों को बदलने एवं उनमें परिवर्तन लाने का कार्य भी अधिवक्ताओं द्वारा ही किया जाता है. उन्होंने अपने भाषण में अपनी वकालात के शुरूआती दिनों के अनुभव को भी साझा किया. उन्होंने कार्यक्रम में भाग लेने वाले अधिवक्ताओं को कहा कि यह प्रशिक्षण आपके न्यायालय में विधि के नये सिद्धान्त स्थापित करने में सहायक सिद्ध होगा.

पढ़ेंः यूडीआईडी कार्ड के अभाव में योजनाओं से नहीं होगा कोई वंचित-सीजे मसीह

समारोह की अध्यक्षता कर रही एनएलयू की कुलपति प्रोफेसर पूनम सक्सेना ने सभी युवा अधिवक्ताओं से इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में पढ़ाए जाने वाले नये नये विषयों को लगन से समझने एवं स्वयं को अपटेड करने का सुझाव दिया. उन्होने कहा कि कठिन मेहनत एवं ईमानदारी से काम करने वाले इस नॉबेल प्रोफेशन में निश्चित रूप से सफल होते हैं. बार कौंसिल ऑफ राजस्थान के अध्यक्ष घनश्याम सिंह राठौड़ ने सम्बोधित करते हुए कहा कि युवा अधिवक्ताओं को प्रशिक्षण का पूरा फायदा उठाना चाहिए.

पढ़ेंः Rajasthan High Court CJ: आरटीआई कानून जटिल प्रक्रियाओं में न उलझकर रह जाए- ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह

उन्होंने कहा कि पिछले कई सालों से देखने में आया है कि कानूनी क्षेत्र में कई प्रकार की नई नई चुनौतियां उभर कर बार एवं बेंच के समक्ष आ रही हैं. वर्तमान के बदलते परिवेश में इन चुनौतियों का सामना करने के लिए इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम की अत्यंत आवश्यकता है. कार्यक्रम में बार कौंसिल ऑफ राजस्थान के सदस्य एवं शिविर के संयोजक जगमालसिंह चौधरी, सह संयोजक बलजिंदर सिंह संधू, बीसीआई के सह अध्यक्ष सुरेश चन्द्र श्रीमाली, डॉ सचिन आचार्य, राजेश पंवार, नवरंग सिंह चौधरी, इन्द्रराज चौधरी, कुलदीप कुमार शर्मा, सुशील कुमार शर्मा, चिंरजीलाल सैनी, आरपी सिंगारिया, हरेन्द्रसिंह सिनसिनवार, सुनील बेनीवाल भी मौजूद रहे.

जोधपुर. युवा अधिवक्ताओं को अपनी सफलता का निर्धारण पैसों से न कर स्वयं की आत्मसंतुष्टि से करनी चाहिए तथा उन्हे ईश्वर में विश्वास रखने, कठिन परिश्रम करने एवं स्वयं पर आत्मविश्वास रखते हुए जीवन में निष्ठापूर्वक आगे बढ़ना चाहिए. यह कहना है राजस्थान हाईकोर्ट के सीजे ऑगस्टाइन जॉर्ज मसीह का. वे मंगलवार को बार कौंसिल ऑफ राजस्थान एवं एनएलयू के संयुक्त तत्वाधान में युवा अधिवक्ताओं के लिए पांच दिवसीय प्रशिक्षण शिविर के उद्घाटन समारोह को सम्बोधित कर रहे थे.

उन्होंने कहा कि न्यायालयों द्वारा पारित किए जाने वाले ऐतिहासिक आदेशों व निर्णयों का असल श्रेय भी अधिवक्ताओं द्वारा किए जाने वाले कठिन परिश्रम को ही जाता है. समाज में व्याप्त कुरूतियों को बदलने एवं उनमें परिवर्तन लाने का कार्य भी अधिवक्ताओं द्वारा ही किया जाता है. उन्होंने अपने भाषण में अपनी वकालात के शुरूआती दिनों के अनुभव को भी साझा किया. उन्होंने कार्यक्रम में भाग लेने वाले अधिवक्ताओं को कहा कि यह प्रशिक्षण आपके न्यायालय में विधि के नये सिद्धान्त स्थापित करने में सहायक सिद्ध होगा.

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समारोह की अध्यक्षता कर रही एनएलयू की कुलपति प्रोफेसर पूनम सक्सेना ने सभी युवा अधिवक्ताओं से इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में पढ़ाए जाने वाले नये नये विषयों को लगन से समझने एवं स्वयं को अपटेड करने का सुझाव दिया. उन्होने कहा कि कठिन मेहनत एवं ईमानदारी से काम करने वाले इस नॉबेल प्रोफेशन में निश्चित रूप से सफल होते हैं. बार कौंसिल ऑफ राजस्थान के अध्यक्ष घनश्याम सिंह राठौड़ ने सम्बोधित करते हुए कहा कि युवा अधिवक्ताओं को प्रशिक्षण का पूरा फायदा उठाना चाहिए.

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उन्होंने कहा कि पिछले कई सालों से देखने में आया है कि कानूनी क्षेत्र में कई प्रकार की नई नई चुनौतियां उभर कर बार एवं बेंच के समक्ष आ रही हैं. वर्तमान के बदलते परिवेश में इन चुनौतियों का सामना करने के लिए इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम की अत्यंत आवश्यकता है. कार्यक्रम में बार कौंसिल ऑफ राजस्थान के सदस्य एवं शिविर के संयोजक जगमालसिंह चौधरी, सह संयोजक बलजिंदर सिंह संधू, बीसीआई के सह अध्यक्ष सुरेश चन्द्र श्रीमाली, डॉ सचिन आचार्य, राजेश पंवार, नवरंग सिंह चौधरी, इन्द्रराज चौधरी, कुलदीप कुमार शर्मा, सुशील कुमार शर्मा, चिंरजीलाल सैनी, आरपी सिंगारिया, हरेन्द्रसिंह सिनसिनवार, सुनील बेनीवाल भी मौजूद रहे.

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