जोधपुर. पाकिस्तान में जुल्मों से परेशान होकर भारत आए हिंदू पाक विस्थापितों के साथ छलावा होने का मामला सामने आया है. जोधपुर के राजीव गांधी नगर के पास इन लोगों ने अपना डेरा बनाया और स्थानीय कुछ लोगों ने इनको घर का सपना दिखाकर यहां जमीनें बेच दी. जमीन लेने के बाद इन पाक विस्थापितों ने पाकिस्तान से जो कुछ भी बचाकर लाए थे, वो पूरा खर्च कर सिर ढकने की जगह बनाई, लेकिन अब जोधपुर विकास प्राधिकरण ने इस बस्ती को हटाने का नोटिस यह कहते हुए चस्पा कर दिया कि यह भूमि सरकारी है.
इस बस्ती में करीब 400 से ज्याद परिवार रह रह हैं. सभी को जेडीए ने शुक्रवार तक का समय दिया है. अन्यथा जेडीए अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई करेगा. इस नोटिस के बाद यहां हर कोई परेशान है, लेकिन इन्हें यह भी पता है कि वे कुछ नहीं कर सकते. पाकिस्तान से करीब 5 साल पहले आए गढराराम ने बताया कि उसने 50 हजार रुपए में प्लॉट खरीदा था. उसने कहा था कि पट्टा भी दे दूंगा, नहीं दिया.
अब वह व्यक्ति मिल भी नहीं रहा है. इसी तरह से अन्य लोगों के हालात है. जिन लोगों से इन्होंने जमीनें ली थी, उनके खिलाफ पुलिस में भी जाना संभव नहीं है. क्योंकि, ज्यादातर के पास तो भारत की नागरिकता भी नहीं है और न ही जमीन के कागजात. ऐसे में सभी बेबस हैं.
जोधपुर के गंगाना गांव के आसपास सैकड़ों पाक विस्थापित परिवार रह रहे हैं. काफी लंबी जद्दोजहद के बाद वे भारत आए. इनमें से कुछ को नागरिकता मिली तो ज्यादातर अभी कतार में हैं. खुशहाल जीवन की कामना को लेकर यहां अपनी मेहनत की कमाई से भूखंड खरीदकर छोटा सा आशियाना भी बना लिया, लेकिन अब जोधपुर विकास प्राधिकरण ने गंगाना गांव के खसरा नंबर 1, 2, 8, 12, और 20 में रहने वाले पाक विस्थापितों को नोटिस दिया है.
जिसमें उन्हें सरकारी जमीन पर अतिक्रमण और उन्हें नोटिस देकर सरकारी जमीन पर किए गए अतिक्रमण को हटाने के निर्देश दिए गए हैं. पाक विस्थापित परिवारों ने बताया कि उन्होंने यह जमीन कॉलोनाइजरों से पैसे देकर खरीदी है.
फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कॉलोनाइजर ने उन्हें यह भूखंड दिए हैं, लेकिन अब सरकारी फरमान आने के बाद ना तो कॉलोनाइजर उनकी बात सुन रहे हैं और ना ही सरकारी अधिकारी. ऐसे में अब उनका आशियाना उजड़ने की कगार पर पहुंच चुका है. जोधपुर विकास प्राधिकरण के उपायुक्त श्रवणसिंहने बताया कि उन्हें ग्रामीणों ने शिकायत की है कि इन लोगों ने कब्जा कर रखा है. अंतिम नोटिस जारी कर 3 दिन के भीतर स्वेच्छा से अतिक्रमण हटाने की हिदायत दी गई है.
अधिकारियों ने कहा कि अतिक्रमण नहीं हटाने पर जेडीए अपने स्तर पर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई करेगा. गौरतलब है कि जोधपुर में अभी बड़ी संख्या में ऐसे पाक विस्थापित हिंदू रह रहे हैं, जिन्हें नागरिकता मिलने का इंतजार है. जिसके चलते उन्हें अभी सामान्य पहचान के लिए परेशान होना पड़ता है. ऐसे में जेडीए का आदेश सैकडों परिवारों के लिए बड़ी परेशानी का कारण बन गया है.