ETV Bharat / state

2 बार नगरपालिका बनने से रह गया भोपालगढ़, अब सरपंच के चुनाव होंगे

author img

By

Published : Jan 13, 2020, 9:00 AM IST

भोपालगढ़ को दो बार ग्राम पंचायत से नगरपालिका बनाने की घोषणा की गई. साल 2020 में यहां ग्राम पंचायत के चुनाव की घोषणा के बाद साफ हो गया, कि भोपालगढ़ को नगरपालिका बनाने का सपना फिर अधूरा रह गया.

Bhopalgarh news, भोपालगढ़ ग्राम पंचायत, jodhpur news, भोपालगढ़ नगरपालिका
नगरपालिका बनने का सपना टूटा

भोपालगढ़ (जोधपुर). प्रदेश की सबसे बड़ी 3 ग्राम पंचायतों में शामिल भोपालगढ़ ग्राम पंचायत है, लेकिन भोपालगढ़ नगरपालिका नहीं बन पा रही है. भोपालगढ़ ग्राम पंचायत को पिछले 7 साल में दो बार सरकार ने नगर पालिका बनाने की घोषणा की, लेकिन यह महज घोषणा ही रह गई. अब साल 2020 में यहां ग्राम पंचायत के सरपंच और वार्ड पंच के ही चुनाव होंगे. जिससे क्षेत्रवासी अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं.

नगरपालिका बनने का सपना टूटा

पंचायत चुनाव को लेकर भोपालगढ़ ग्राम पंचायत में 39 वार्ड बनाए गए हैं. वहीं दूसरी ओर कांग्रेस की सरकार के प्रथम सालगिरह के अवसर पर एक बार फिर भोपालगढ़ को नगरपालिका बनाए जाने की मांग पुरजोर तरीके से उठी, लेकिन पूरी नहीं हुई. कस्बे की आबादी करीब 50 हजार है. भोपालगढ़ ग्राम पंचायत में करीब 15 हजार मतदाता हैं. ऐसे में भी भोपालगढ़ नगरपालिका नहीं बन पाई.

यह भी पढ़ें. जोधपुर: राष्ट्रीय युवा दिवस पर रन फॉर यूथ मैराथन दौड़ का आयोजन

भोपालगढ़ ग्राम पंचायत को पिछले 7 साल में दूसरी बार एक बार कांग्रेस की गहलोत सरकार में 2013 में नगर पालिका बनाने की घोषणा हुई. दूसरी बार 6 मार्च 2018 को वसुंधरा राजे ने विधानसभा में बजट अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान जवाब देते हुए भोपालगढ़ ग्राम पंचायत को नगर पालिका बनाने की घोषणा की थी, लेकिन अब एक बार फिर भोपालगढ़ की जनता की मंसूबों पर नगर पालिका नहीं बनने से पानी फिरता नजर आ रहा है.

ग्रामीणों ने बताया, कि काफी महीने होने के बावजूद भी भोपालगढ़ में नगर पालिका बनाने की कोई कवायद नहीं की गई. ग्राम पंचायत के चुनावों को लेकर वार्डों का पुनर्गठन होने से एक बार फिर भोपालगढ़ की जनता अपने आप को ठगा सा महसूस कर रही है.

यह भी पढ़ें. जोधपुरः अवैध हथियारों के 4 आरोपी गिरफ्तार, 5 पिस्टल बरामद

जोधपुर जिले में अब तक फलोदी, बिलाड़ा और पीपाड़ नगर पालिका थी. भोपालगढ़ को चौथी नगर पालिका बनाने की घोषणा के बाद जनता को आस बंधी, कि अब भोपालगढ़ का भी विकास होगा. वहीं अब आचार संहिता लगने और चुनाव की घोषणा को देखते हुए इस बार भी नगरपालिका का सपना रह गया.

नगर पालिका बनती तो ये होते फायदे

  • स्वायत्तशासी संस्था का दर्जा मिलता
  • जनप्रतिनिधियों की हिस्सेदारी बढ़ती
  • ग्रामीण परिवेश से निकलकर भोपालगढ़ में शहरी माहौल बनता
  • यूडीएच की योजनाओं से विकास के लिए फंड मिलता
  • सफाई और रोशनी के लिए अलग से अभियंताओं की पोस्ट सृजित होती
  • अधिशासी अधिकारी भी बैठता
  • कमजोर तबके के लोगों को आवासीय योजनाओं का लाभ भी मिल जाता
  • भोपालगढ़ में सड़कें, पानी और बिजली की समस्या दूर हो पाती

भोपालगढ़ (जोधपुर). प्रदेश की सबसे बड़ी 3 ग्राम पंचायतों में शामिल भोपालगढ़ ग्राम पंचायत है, लेकिन भोपालगढ़ नगरपालिका नहीं बन पा रही है. भोपालगढ़ ग्राम पंचायत को पिछले 7 साल में दो बार सरकार ने नगर पालिका बनाने की घोषणा की, लेकिन यह महज घोषणा ही रह गई. अब साल 2020 में यहां ग्राम पंचायत के सरपंच और वार्ड पंच के ही चुनाव होंगे. जिससे क्षेत्रवासी अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं.

नगरपालिका बनने का सपना टूटा

पंचायत चुनाव को लेकर भोपालगढ़ ग्राम पंचायत में 39 वार्ड बनाए गए हैं. वहीं दूसरी ओर कांग्रेस की सरकार के प्रथम सालगिरह के अवसर पर एक बार फिर भोपालगढ़ को नगरपालिका बनाए जाने की मांग पुरजोर तरीके से उठी, लेकिन पूरी नहीं हुई. कस्बे की आबादी करीब 50 हजार है. भोपालगढ़ ग्राम पंचायत में करीब 15 हजार मतदाता हैं. ऐसे में भी भोपालगढ़ नगरपालिका नहीं बन पाई.

यह भी पढ़ें. जोधपुर: राष्ट्रीय युवा दिवस पर रन फॉर यूथ मैराथन दौड़ का आयोजन

भोपालगढ़ ग्राम पंचायत को पिछले 7 साल में दूसरी बार एक बार कांग्रेस की गहलोत सरकार में 2013 में नगर पालिका बनाने की घोषणा हुई. दूसरी बार 6 मार्च 2018 को वसुंधरा राजे ने विधानसभा में बजट अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान जवाब देते हुए भोपालगढ़ ग्राम पंचायत को नगर पालिका बनाने की घोषणा की थी, लेकिन अब एक बार फिर भोपालगढ़ की जनता की मंसूबों पर नगर पालिका नहीं बनने से पानी फिरता नजर आ रहा है.

ग्रामीणों ने बताया, कि काफी महीने होने के बावजूद भी भोपालगढ़ में नगर पालिका बनाने की कोई कवायद नहीं की गई. ग्राम पंचायत के चुनावों को लेकर वार्डों का पुनर्गठन होने से एक बार फिर भोपालगढ़ की जनता अपने आप को ठगा सा महसूस कर रही है.

यह भी पढ़ें. जोधपुरः अवैध हथियारों के 4 आरोपी गिरफ्तार, 5 पिस्टल बरामद

जोधपुर जिले में अब तक फलोदी, बिलाड़ा और पीपाड़ नगर पालिका थी. भोपालगढ़ को चौथी नगर पालिका बनाने की घोषणा के बाद जनता को आस बंधी, कि अब भोपालगढ़ का भी विकास होगा. वहीं अब आचार संहिता लगने और चुनाव की घोषणा को देखते हुए इस बार भी नगरपालिका का सपना रह गया.

नगर पालिका बनती तो ये होते फायदे

  • स्वायत्तशासी संस्था का दर्जा मिलता
  • जनप्रतिनिधियों की हिस्सेदारी बढ़ती
  • ग्रामीण परिवेश से निकलकर भोपालगढ़ में शहरी माहौल बनता
  • यूडीएच की योजनाओं से विकास के लिए फंड मिलता
  • सफाई और रोशनी के लिए अलग से अभियंताओं की पोस्ट सृजित होती
  • अधिशासी अधिकारी भी बैठता
  • कमजोर तबके के लोगों को आवासीय योजनाओं का लाभ भी मिल जाता
  • भोपालगढ़ में सड़कें, पानी और बिजली की समस्या दूर हो पाती
Intro:भोपालगढ़ नहीं बन पाई नगरपालिका, इस बार भी होंगे ग्राम पंचायत के चुनावBody:दो बार राज्य सरकार की ओर से भोपालगढ़ को नगरपालिका बनाने की घोषणा हुई ,लेकिन नहीं बन पाई, भोपालगढ़ की जनता को हर बार मिली मायूसी, 2020 में होंगे सरपंच के चुनाव, नगरपालिका के बिना भोपालगढ़ का नहीं हो रहा विकासConclusion:स्पेशल रिपोर्ट---दो बार नगरपालिका भोपालगढ़ के हाथ से फिसली, ऐसे में सरपंच के होंगे चुनाव
भोपालगढ़ की वर्तमान जनसंख्या 50 हजार के लगभग
किशोर जाखड़
भोपालगढ़।
प्रदेश की सबसे बड़ी 3 ग्राम पंचायतों में शामिल भोपालगढ़ ग्राम पंचायत है। लेकिन भोपालगढ़ नगरपालिका नहीं बन रही ।ऐसे में भोपालगढ़ पर लगातार ग्रहन ही नजर आ रहा है।भोपालगढ़ ग्राम पंचायत को पिछले 7 साल में दूसरी बार एक बार कांग्रेस की गहलोत सरकार में 2013 में व दूसरी बार भाजपा की वसुंधरा राजे सरकार में 2018 में नगर पालिका बनाने की हुई घोषणा एक बार फिर भोपालगढ़ के नागरिकों के लिए फ्लॉप साबित हुई।अब 2020 में भोपालगढ़ में ग्राम पंचायत के सरपंच व वार्ड पंच के ही चुनाव होंगे। भोपालगढ़ की लगभग 50 हजार आबादी है।
भोपालगढ़ ग्राम पंचायत में 39 वार्ड बनाये गए है।वहीं दूसरी ओर कांग्रेस की सरकार के प्रथम सालगिरह के अवसर पर एक बार फिर भोपालगढ़ को नगरपालिका बनाए जाने की मांग पुरजोर तरीके से उठी थी और यह घोषणा भी धरि की धरी रह गई।
भोपालगढ़ कस्बे की आबादी लगभग 50 हजार के करीब हैं।उसके बावजूद भी लगभग 15 हजार भोपालगढ़ ग्राम पंचायत में मतदाता है। ऐसे में भोपालगढ़ नगरपालिका नहीं बन पाई।
गौरतलब है कि 6 मार्च 2018 को मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे द्वारा विधानसभा में बजट अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान जवाब देते हुए भोपालगढ़ कस्बे में ग्राम पंचायत को नगर पालिका बनाने की घोषणा की थी। जिसके बाद भाजपा के कई स्थानीय नेताओं ने मिठाई बांटकर खुशियां मनाई थी ,लेकिन अब एक बार फिर भोपालगढ़ की जनता की मंसूबों पर नगर पालिका नहीं बनने से पानी फिरता नजर आ रहा है।ग्रामीणों ने बताया कि काफी माह होने के बावजूद भी भोपालगढ़ में नगर पालिका बनाने की हलचल नहीं होने व ग्राम पंचायत के चुनावों को लेकर वाडो का पुनर्गठन होने से ग्राम पंचायत के चुनाव तय होने से एक बार फिर भोपालगढ़ की जनता अपने आप को ठगा सा महसूस कर रही हैं। जोधपुर जिले में अब तक फलोदी, बिलाड़ा व पीपाड़ नगर पालिका थी। भोपालगढ़ को चौथी नगर पालिका बनाने की घोषणा के बाद जनता को आस बंधी कि अब भोपालगढ़ का भी विकास होगा। वहीं अब आचार संहिता लगने व चुनाव की घोषणा को देखते हुए इस बार भी नगरपालिका का सपना जनता के दिलों पर रह गया।-- --- नगर पालिका बनती तो यह होते फायदे--- भोपालगढ़ ग्राम पंचायत से नगर पालिका बन जाती तो स्वायत्तशासी संस्था का दर्जा मिलता ,जिसमें जनप्रतिनिधियों की हिस्सेदारी बढ़ती ,ग्रामीण परिवेश से निकलकर शहरी वातावरण का भोपालगढ़ में माहौल बनता,यूडीएच की योजनाओं से विकास के लिए फंड मिलता ,खुद की रेवेन्यू ,सफाई और रोशनी के लिए अलग से अभियंताओं की पोस्ट सर्जित होती, अधिशासी अधिकारी भी बैठता ,कमजोर तबके के लोगों को आवासीय योजनाओं का लाभ भी मिल जाता।सबसे बड़ी समस्या का हल हो जाता भोपालगढ़ में चारो तरफ गंदा पानी निकलने की समस्या है जिससे सारा पानी सड़को पर आ जाता है और सड़के टूट जाती है।नगर पालिका बनने से इस समस्या का भी समाधान हो जाता।


बाईट-- धर्माराम सैनी-- शिक्षक
बाईट-- शिंभूभाई प्रजापति,ग्रामीण
बाईट-- रामचन्द्र जाखड़, युवा ग्रामीण
बाईट-- छोटूराम,मिस्त्री भोपालगढ़
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.