जोधपुर. राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के नेता और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर बजरी माफिया को संरक्षण देने का बड़ा आरोप लगाया है. इसके साथ ही उन्होंने सचिन पायलट को सलाह दी है कि वह सरकार के खिलाफ केवल बयानबाजी नहीं करें, अगर उनको लगता है कि कुछ गलत हो रहा है तो उसके विरोध में सड़क पर उतर कर धरना दें. हमारे साथ आकर लड़ाई लड़ें.
गुरुवार को बालोतरा जाने से पहले जोधपुर आए बेनीवाल ने सर्किट हाउस में मीडिया से बात करते हुए कहा कि अशोक गहलोत फिर से मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं. सचिन पायलट भी सीएम बनना चाहते हैं इसलिए अब वे सीएम के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं. हमें प्रदेश के किसान और युवाओं की चिंता है इसलिए सड़कों पर है. बेनीवाल ने आरोप लगाया कि प्रदेश का सबसे बड़ा बजरी माफिया कहता है कि कांग्रेस और सरकार दोनों मेरी जेब में है. वह समानांतर सरकार चला रहा है.
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सरकार को दिल्ली भेजना पड़ता है रुपया
बेनीवाल ने आरोप लगाया कि गहलोत को सरकार चलाने के लिए दिल्ली में रुपए भेजने पड़ते हैं. यूपी चुनाव में तीन सौ करोड़ रुपए भेजे गए थे. यह रुपए जनता के थे जो बजरी माफिया के मार्फत आए. प्रदेश का सबसे बड़ा बजरी माफिया कहता है कि वसुंधरा और गहलोत दोनों मेरी जेब में हैं. वह एमएलए के टिकट दिलवाता है. दिल्ली में बीजेपी के बडे़ नेताओं के साथ डिनर पर नजर आता है. इसलिए सरकार के संरक्षण में प्रदेश में बजरी माफिया पनप रहे हैं. जनता को महंगी बजरी लेनी खरीदनी पड़ती है.
कौन करेगा फर्जी नौकरी लेने वालों की जांच
बेनीवाल ने कहा कि सुरेश ढाका व आईएएस अमित ढाका जो सीएमओ में थे दोनों की ही मिलीभगत थी. पेपर लीक कर कितने लोगों ने अब तक फर्जी नौकरियां प्राप्त कर लीं, उसकी जांच कौन करेगा. अगर एक भी व्यक्ति फर्जी तरीके से नौकरी प्राप्त कर लेता है तो वह सिस्टम को खोखला कर देता है. इसका नुकसान जनता को उठाना पड़ेगा. उनकी जांच भी करनी होगी, लेकिन यह सरकार जांच करवाना ही नहीं चाहती है.
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पायलट वापस कांग्रेस में चले गए
बेनीवाल ने कहा कि पायलट चार साल से सिर्फ बयान दे रहे हैं. उनमें स्वाभिमान है तो कांग्रेस छोड़ कर सड़क पर उतरना चाहिए. पेपर लीक में अगर वे मान रहे हैं कि नेताओं और अफसरों की मिलीभगत है तो अपने विधायकों के साथ राजधानी में धरना देना चाहिए. उनको राहुल और प्रियंका से बात कर इस मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश करनी चाहिए.
जांच करवा लो, आधी एसओजी अंदर जाएगी
बेनिवाल ने एसओजी की एएसपी दिव्या मित्तल की गिरफ्तारी से जुड़े मुदृे पर कहा कि यह सही है कि रिश्वत का हिस्सा उपर तक जाता है. आरोप है कि इसमें सीएमओ की भूमिका है, सीएम के ओएसडी देवराम सैनी व अन्य भी शामिल हैं. प्रदेश में एसओजी व एसीबी में वही अधिकारी लगते हैं जो ज्यादातर फील्ड में भ्रष्टाचार करते हैं. भ्रष्टाचारियों की जांच करेगा, सीएममो की जांच कौन करेगा. सीबीआई से जांच कराएं तो आधी एसओजी जेल में चली जाएगी.