जोधपुर. जिले में पुलिस कमिश्नरेट के राजीव गांधी नगर थाना क्षेत्र के सालोड़ी गांव में बजरी माफिया के बीच बजरी खनन को लेकर हुए विवाद और फायरिंग में घायल युवक महेंद्र सिंह की इलाज के दौरान मौत हो गई. जिसके बाद राजपूत समाज के लोग सहित मृतक के परिजनों ने मंगलवार को महात्मा गांधी अस्पताल की मोर्चरी के बाहर धरना प्रदर्शन किया.
वहीं, अपनी मांगों को लेकर सभी अस्पताल की मोर्चरी के बाहर बैठे रहे. साथ ही मांग पूरी नहीं होने तक शव का पोस्टमार्टम करवाने से इंकार कर दिया. उसके बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस के उच्च अधिकारी भी मौके पर पहुंचे और उन्होंने राजपूत समाज के लोगों के साथ वार्ता शुरू की. जिसके बाद लगभग 3 घंटे तक चली वार्ता में पुलिस की ओर से आरोपियों को गिरफ्तार करने और निष्पक्ष जांच करने के आश्वासन के बाद राजपूत समाज के लोग और परिजन मान गए और पोस्टमार्टम करवाने के लिए राजी हुए.
वहीं, मामले को लेकर एडीसीपी उमेश कुमार ओझा ने बताया कि घटना के बाद से मृतक के परिजन और राजपूत समाज के लोगों ने इस घटना में पुलिस और माफियाओं की मिलीभगत का आरोप लगाया था. जिसके बाद मामले की निष्पक्ष जांच करने की मांग पर नए जांच अधिकारी को नियुक्त करने के निर्देश दिए है.
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साथ ही मृतक के परिजनों की मांग के अनुसार राजीव गांधी थाना क्षेत्र में चल रहे अवैध बजरी खनन को लेकर भी पुलिस ने संबंधित विभाग के साथ कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है. पुलिस ने बताया कि मृतक के परिजनों की ओर से पुलिस पर आरोप लगाए जाने के बाद उच्च अधिकारियों ने थाना अधिकारी को इस जांच से अलग रखा है. साथ ही उन्हें तुरंत प्रभाव से अवकाश पर जाने के निर्देश दिए हैं.
फिलहाल, पुलिस ने इस पूरे मामले में चार मुख्य आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की है. वहीं, इस घटनाक्रम में फरार अन्य आरोपियों की तलाश में पुलिस ने अलग-अलग जगहों पर टीमें रवाना की है. साथ ही राजपूत समाज के नेता का कहना है कि पुलिस और राजपूत समाज के बीच हुई वार्ता सकारात्मक रूप से सफल रही. जिसके बाद पुलिस की ओर से निष्पक्ष जांच और आरोपियों के खिलाफ जल्द से जल्द कार्रवाई के आश्वासन के बाद मृतक के परिजनों सहित राजपूत समाज के लोगों ने धरना समाप्त किया.