जोधपुर. फार्मेसी का लाइसेंस रिन्यू करवाने के एवज में रिश्वत मांगने के आरोप में आयुर्वेद विभाग के निरीक्षक और नियंत्रक सहित तीनों अधिकारियों को एसीबी कोर्ट में पेश किया गया. जहां न्यायालय ने उन्हें जेल भेजने के आदेश दे दिए हैं.
दरअसल, परिवादी श्रवण डागा की आयुर्वेद दवाइयों की फार्मेसी है, जिसका लाइसेंस नवीनीकरण होना है. इसके लिए इंस्पेक्टर इंदिवर भारद्वाज ने डेढ लाख रुपए की रिश्वत सुरेश शर्मा के लिए व 50 हजार खुद के लिए मांगे थे. मामले में श्रवण ने एसीबी कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई थी. एसीबी के अधिकारियों ने आरोप का सत्यापन बुधवार को ही कर लिया था. परिवादी ने निरीक्षक भारद्वाज को रिश्वत की राशि दी थी, जिसे भारद्वाज ने इंद्रकुमार को दे दी. जबकि सुरेश शर्मा की राशि लेने में सहमति बताई गई थी. इसके आधार पर तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया.
आयुर्वेद विभाग के निरीक्षक इंदिवर भारद्वाज ने परिवादी से राशि अपने जोधपुर स्थित आवास पर मंगवाई. जहां सुरेश शर्मा मौजूद था. उसकी मौजूदगी में 25 हजार रुपए भारद्वाज को दिए गए. जबकि सुरेश शर्मा ने अपनी राशि सीधे जयपुर पहुंचाने की बात की. बाद में भारद्वाज ने राशि वहां मौजूद इंद्र कुमार को दे दी.
इस दौरान परिवादी का इशारा मिलते ही एसीबी के एडिशन एसपी नरेंद्र चौधरी ने टीम के साथ भारद्वाज को घर पर ही दबोच लिया. सुरेश शर्मा के लिए भी एसीबी ने एक लाख रुपए परिवादी के साथ भेजे थे, लेकिन रुपए उसने नहीं लिए. यह राशि परिवादी के पास ही मिली. इस पर एसीबी ने सुरेश शर्मा को भी गिरफ्तार कर लिया था. जिसके बाद बृहस्पतिवार को डेढ़ लाख की रिश्वत मांगने के आरोप में आयुर्वेद विभाग के निरीक्षक इंदिवर भारद्वाज, औषधि नियंत्रक सुरेश शर्मा और सहायक इंद्रकुमार को एसीबी कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट ने तीनों को जेल भेजने के आदेश दे दिए हैं. वहीं आरोपियों की ओर से जमानत याचिका भी लगाई गई है. जिस पर शुक्रवार को सुनवाई होगी.