जोधपुर. मारवाड़ में अक्षय तृतीया पर यूं तो हजारों विवाह होते है, लेकिन इस बार लॉकडाउन के चलते इस अबूझ मर्हुत पर भी कई विवाह नहीं हो पाया. इसके बावजूद जिले में शनिवार को एक विवाह संपन्न हुआ जो अपने आप में अलग था.
बता दें, कि मंदिर में संपन्न हुए इस विवाह में कोई बाराती नहीं था और न ही घराती. सिर्फ दूल्हा दुल्हन, पंडित बाकी दोनों पक्ष के परिवार वीडियो कांफ्रेंसिंग से शामिल हुए. शास्त्री नगर के बी-सेक्टर दुर्गामंदिर में पंडित महेंद्र व्यास ने वरुण और मिनाक्षी का विवाह संपन्न करवाया. वरुण शास्त्री नगर के रहने वाले हैं, जबकि मिनाक्षी पाल रोड निवासी है. इनका विवाह कुछ खास और अलग भी था जो हमेशा इनके परिवारों के लिए यादगार बना रहेगा. क्योंकि कोरोना के दौर में जहां लोगों की आवाजाही, बड़े कार्यक्रम और आयोजन पर रोक है. ऐसी स्थिति में अपने दादा की बात रखने के लिए वरुण ने पूर्व में निर्धारित 25 अप्रैल को शादी करना मान लिया. इसके लिए मिनाक्षी को भी राजी कर लिया.
वरुण ने बताया कि इस महामारी के दौर फिजूलखर्च भी बच गया. यह राशि हमने प्रधानमंत्री केअर फंड में चार लाख एक हजार और मुख्यमंत्री सहायता कोष में एक लाख एक हजार रुपए के चैक के रूप् में जमा करवा दी. वरुण ने बताया, कि विवाह 25 अप्रैल को तय किया गया था, लेकिन कोरोना के महामारी आने के बाद परिवार जन विवाह को लेकर असमंजस की स्थिति में थे. सभी तरह से अलग-अलग सुझाव आ रहे थे, लेकिन वरुण के दादा मोहन सिंह की तबीयत नासाज होने से उनके दादा ने तय मुहूर्त के अनुसार ही शादी करने की भावना व्यक्त की. वरुण ने अपने दादा की भावनाओं को समझते हुए निर्धारित मुहूर्त पर ही शादी करने का निर्णय लिया.
सोशल डिस्टेंसिंग की हुई पालना...
वरुण ने बताया, कि उन्होंने सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करते हुए यह विवाह संपन्न किया है. साथ ही प्रधानमंत्री राहत कोष में 4 लाख रुपए ओर मुख्यमंत्री सहायता कोष में 1 लाख रुपए की सहायता राशि जमा कराने का निर्णय लिया है.