जोधपुर. आप को किसी तरह का कोई भुगतान प्राप्त नहीं हो और आपके नाम से आयकर प्रपत्र में लाखों रुपए का भुगतान प्राप्त होने पर टीडीएस कटने की जानकारी दर्ज हो जाए, हिसाब नहीं मिलने पर विभाग की ओर से लाखों की पेनाल्टी का सामना करना पड़े तो क्या स्थिति होती है? एक ऐसा ही मामला जोधपुर के महामंदिर थाने में सामने आया है. जिसमें एक व्यक्ति ने इसी तरह के घटनाक्रम को लेकर न्यायालय के मार्फत रिपोर्ट दर्ज करवाई है.
महामंदिर थाना पुलिस के अनुसार राजेंद्र मेहरिया डिगाडी कला निवासी है. उसने 2019 का रिर्टन भरने के बाद विभाग से पूछा कि उसके प्रपत्र 26एएस में टीडीएस कटने का विवरण दिया जाए. इस पर विभाग से जानकारी मिली कि 27 सितंबर 2017 को 9 लाख 2 हजार 475 रुपए और 31 अक्टूबर 2017 को 8 लाख 93 हजार 433 रुपए भुगतान हुआ है. इसके एवज में 27 हजार रुपए टीडीएस कटा है. विभाग ने यह भी बताया कि इस पर 18 लाख रुपए आयकर (income tax) देना होगा. जबकि राजेंद्र मेहरिया ने सूचित किया कि उसे कोई भुगतान प्राप्त नहीं हुआ.
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पूरी जानकारी सामने आई कि मेड़ता सिटी के इंदावड निवासी भूराराम डिडेल की ओर से यह ट्रांजेक्शन राजेंद्र के नाम से किया था. इस पर राजेंद्र ने उससे संपर्क कर कहा कि वह अपना नया रिर्टन भरकर इस गलती को ठीक करें लेकिन भूराराम ने कहा कि वह अपनी इनकम शून्य दर्शा कर टीडीएस क्लेम कर ले लेकिन राजेंद्र ने मना कर दिया. जब लेनदेन नहीं हुआ तो मैं क्लेम क्यों करूं. इसके बाद भूराराम कहता रहा कि वह इसे ठीक करवा लेगा लेकिन उसने विभाग में इस गलती को ठीक नहीं करवाया.
आखिरकार राजेंद्र ने पहले पुलिस को प्रार्थना पत्र देकर फर्जी भुगतान जारी करने के मामले की जांच करने का आग्रह किया लेकिन पुलिस ने इसे दर्ज नहीं किया. आखिरकार उसने कोर्ट में जाकर परिवाद दिया. तब कोर्ट ने पुलिस को इस फर्जी भुगतान का अनुसंधान कर रिपोर्ट मांगी है. महामंदिर थाना पुलिस ने प्रकरण की जांच सहायक उपनिरीक्षक मिठालाल को सौंपी है. जिसके बाद इस मामले में फर्जी भुगतान का मामला दर्ज कर लिया है.