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Child Birth in Jodhpur: सामान्य प्रसव से हुआ 5.900 किलोग्राम का बच्चा, जोधपुर में ये पहला मामला - Rajasthan News in Hindi

जोधपुर में पहला सबसे वजनी बच्चे का जन्म सामान्य प्रसव के जरिए एक अस्पताल में 25 जनवरी को हुआ है. बच्चे का वजन 5 किलो 900 ग्राम है. डिलीवरी के बाद मां और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं.

5 kg 900 gram baby born in Jodhpur
जोधपुर में जन्मा 5 किलो 900 ग्राम का बच्चा
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Published : Jan 27, 2023, 2:16 PM IST

जोधपुर. जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार हो रहा है. इसकी बानगी 25 जनवरी की शाम को ओसियां के सरकारी अस्पताल में देखने को मिली. यहां एक गर्भवती महिला ने सामान्य प्रसव से 5 किलो 900 ग्राम के बच्चे को जन्म दिया. माना जा रहा है कि सामान्य प्रसव से करीब छह किलो के शिशु का जन्म होने का ये पहला मामला है. अस्पताल के प्रभारी डॉक्टर प्रदीप चौधरी ने बताया कि इससे प्रदेश में पहले छह किलो या इससे अधिक वजन के शिशु का जन्म सिजेरियन से हुए हैं.

शिशु को सांस लेने में तकलीफ: डॉक्टर प्रदीप चौधरी ने बताया कि गुरुवार शाम शिशु को सांस लेने में तकलीफ हुई, तो उसे जोधपुर के उम्मेद अस्पताल रेफर कर दिया गया. जहां उसका इलाज चल रहा है. फिलहाल, वह स्वस्थ है. डॉक्टर चौधरी ने बताया कि पल्ली गांव निवासी हवा देवी बुधवार शाम ही अस्पताल आई थी, उसे प्रसव पीड़ा हो रहा था. उस समय अस्पताल में शिशुरोग विशेषज्ञ डॉ. अभिषेक पुरोहित, स्टाफ में सज्जन बेनिवाल और संगीता थे. तुरंत गाइनी डॉक्टर को कॉल किया गया, लेकिन गाइनी डॉक्टर के आने से पहले ही हवा देवी को लेबर पेन ज्यादा होने लगा. इसके बाद यहां मौजूद डॉक्टर और स्टाफ ने प्रसव करवाया. हवा देवी ने बेटे को जन्म दिया. वहीं, सीएमएचओ डॉक्टर जितेंद्र पुरोहित ने ओसियां के चिकित्सा कर्मियों के कार्य की सराहना की.

सभी को हुआ अचरज : शिशु देखकर सभी चिकित्साकर्मियों को अचरज हुआ, क्योंकि इससे पहले उन्होंने इतना वजनी शिशु नहीं देखा था. सामान्य जांच के बाद शिशु का वजन किया गया तो वह पांच किलो 900 ग्राम था. ओसियां के अस्पताल में हर दिन आठ से दस प्रसव होते हैं. जिले में प्रसव सेवा में ओसियां का प्रथम स्थान है. हर महीने दस सिजेरियन से भी बच्चों का जन्म होता हैं, लेकिन इतना वजनी का शिशु पहले कभी नहीं गया था.

पढ़ें: Delivery In Train: चलती ट्रेन में प्रसव पीड़ा से कराह रही थी महिला, किन्नरों ने कराई डिलीवरी

महिला को डायबिटीज : डॉ. प्रदीप चौधरी का कहना है कि सामान्य प्रसव में कम से कम ढाई से साढ़े तीन किलो वजन के साथ जन्मे शिशु को स्वस्थ माना जाता है. ढाई किलो इससे कम वजन पर उसे लोवेट बर्थ में गिना जाता है. साढे़ तीन किलो से अधिक वजन के शिशु के जन्म लेने पर दुनिया भर के अधिकांश मामलों में मां को डायबिटीज होती है. इस मामले में भी जब शिशु का वजन करीब छह किलो था तो मां की जांच की गई. उसे भी डायबिटीज निकली. हालांकि, सामान्य उपचार लेने से यह डायबिटीज चली जाती है, लेकिन कई मामलों में स्थाई भी रह जाती है. अगर गर्भवती की प्रसव पूर्व जांच होती रही, इसे कम किया जा सकता है.

जोधपुर. जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार हो रहा है. इसकी बानगी 25 जनवरी की शाम को ओसियां के सरकारी अस्पताल में देखने को मिली. यहां एक गर्भवती महिला ने सामान्य प्रसव से 5 किलो 900 ग्राम के बच्चे को जन्म दिया. माना जा रहा है कि सामान्य प्रसव से करीब छह किलो के शिशु का जन्म होने का ये पहला मामला है. अस्पताल के प्रभारी डॉक्टर प्रदीप चौधरी ने बताया कि इससे प्रदेश में पहले छह किलो या इससे अधिक वजन के शिशु का जन्म सिजेरियन से हुए हैं.

शिशु को सांस लेने में तकलीफ: डॉक्टर प्रदीप चौधरी ने बताया कि गुरुवार शाम शिशु को सांस लेने में तकलीफ हुई, तो उसे जोधपुर के उम्मेद अस्पताल रेफर कर दिया गया. जहां उसका इलाज चल रहा है. फिलहाल, वह स्वस्थ है. डॉक्टर चौधरी ने बताया कि पल्ली गांव निवासी हवा देवी बुधवार शाम ही अस्पताल आई थी, उसे प्रसव पीड़ा हो रहा था. उस समय अस्पताल में शिशुरोग विशेषज्ञ डॉ. अभिषेक पुरोहित, स्टाफ में सज्जन बेनिवाल और संगीता थे. तुरंत गाइनी डॉक्टर को कॉल किया गया, लेकिन गाइनी डॉक्टर के आने से पहले ही हवा देवी को लेबर पेन ज्यादा होने लगा. इसके बाद यहां मौजूद डॉक्टर और स्टाफ ने प्रसव करवाया. हवा देवी ने बेटे को जन्म दिया. वहीं, सीएमएचओ डॉक्टर जितेंद्र पुरोहित ने ओसियां के चिकित्सा कर्मियों के कार्य की सराहना की.

सभी को हुआ अचरज : शिशु देखकर सभी चिकित्साकर्मियों को अचरज हुआ, क्योंकि इससे पहले उन्होंने इतना वजनी शिशु नहीं देखा था. सामान्य जांच के बाद शिशु का वजन किया गया तो वह पांच किलो 900 ग्राम था. ओसियां के अस्पताल में हर दिन आठ से दस प्रसव होते हैं. जिले में प्रसव सेवा में ओसियां का प्रथम स्थान है. हर महीने दस सिजेरियन से भी बच्चों का जन्म होता हैं, लेकिन इतना वजनी का शिशु पहले कभी नहीं गया था.

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महिला को डायबिटीज : डॉ. प्रदीप चौधरी का कहना है कि सामान्य प्रसव में कम से कम ढाई से साढ़े तीन किलो वजन के साथ जन्मे शिशु को स्वस्थ माना जाता है. ढाई किलो इससे कम वजन पर उसे लोवेट बर्थ में गिना जाता है. साढे़ तीन किलो से अधिक वजन के शिशु के जन्म लेने पर दुनिया भर के अधिकांश मामलों में मां को डायबिटीज होती है. इस मामले में भी जब शिशु का वजन करीब छह किलो था तो मां की जांच की गई. उसे भी डायबिटीज निकली. हालांकि, सामान्य उपचार लेने से यह डायबिटीज चली जाती है, लेकिन कई मामलों में स्थाई भी रह जाती है. अगर गर्भवती की प्रसव पूर्व जांच होती रही, इसे कम किया जा सकता है.

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