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जोधपुर: उखाड़े गए 35 राज्य वृक्ष खेजड़ी के पेड़, घटना से पर्यावरण प्रेमियों में रोष - Jodhpur news

जोधपुर के दईकड़ा-बुधनगर गांव की सरहद में वन-माफिया ने राज्य वृक्ष खेजड़ी के 35 बड़े पेड़ उखाड़े. इसकी शिकायत बिश्नोई टाईगर्स वन्य एवं पर्यावरण संस्था के प्रदेशाध्यक्ष ने जोधपुर जिला कलेक्टर और बनाड़ थानाधिकारी को की. प्रशासन की ओर से राजस्व विभाग के कर्मचारियों ने मौके पर पहुंच कर रिपोर्ट बनाई. वहीं कार्रवाई नहीं किए जाने पर पर्यावरण प्रेमियों ने इसका विरोध जताया.

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उखाड़े गए राज्य वृक्ष खेजड़ी के पेड़
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Published : Jun 2, 2020, 1:12 AM IST

बिलाड़ा (जोधपुर). जिला मुख्यालय से 28 किलोमीटर दूर मंडोर पंचायत समिति के दईकड़ा-बुधनगर गांव की सरहद में वन-माफिया की सह पर जेसीबी की सहायता से राज्य वृक्ष खेजड़ी के 35 बड़े हरे पेड़ उखाड़ने का मामला सामने आया है. अनैतिक तरीके से उखाड़े हरे पेड़ों की जानकारी सड़क मार्ग से गुजर रहे लोगों ने बिश्नोई टाईगर्स वन्य एवं पर्यावरण संस्था के पदाधिकारियों को दी.

बिश्नोई टाईगर्स वन्य एवं पर्यावरण संस्था के प्रदेशाध्यक्ष रामपाल भवाद ने जोधपुर जिला कलेक्टर, तहसीलदार, बनाड़ थानाधिकारी को देइकड़ा-बुधनगर गांव की सरहद में हुए राजस्व अपराध से अवगत कराया. इस पर जोधपुर तहसीलदार के आदेश पर मौके पर पहुंचे दईकड़ा भू- निरीक्षक और पटवारी के बिना राजस्व रिकार्ड के आधार पर मौका फर्द तैयार कर मामले को निपटाने पर पर्यावरण प्रेमियों ने इस पर आपत्ति जताई.

ये पढ़ें: राजस्थान हाईकोर्ट ने सरपंच से रिकवरी के आदेश पर लगाई रोक

पर्यावरण प्रेमियों क का कहना है कि, जिस जेसीबी मशीन से खेजड़ी के पेड़ उखाड़े गये है. उसको जब्त करने की कार्रवाई की जाये. घटित घटना राजस्व अपराध की श्रेणी में होने के कारण प्रत्यक्षदर्शियों ने वन माफिया और राजस्व कर्मचारियों पर मिलीभगत का आरोप लगाया. घटना की जानकारी पर वन विभाग बनाड़ थाना की टीम भी मौके पर मौजूद रही. घटना के दोषियों के खिलाफ विभागीय ठोस कार्रवाई नहीं होने से नाराज बिश्नोई टाईगर फोर्स के जिला महासचिव भरत खेड़ी, पुखराज बुधनगर, रामदीन सोऊ, भूटाराम लोल अशोक सोऊ सहित अन्य ग्रामीण जनों ने घटनास्थल पर नारेबाजी कर विरोध दर्ज करवाया.

ये पढ़ें: जोधपुर में कंटेनमेंट और बफर जोन को छोड़कर भीतरी इलाके में खुला बाजार, दुकानदारों को नियम फॉलो करने के सख्त आदेश

बिश्नोई टाईगर्स वन्य एवं पर्यावरण संस्था प्रदेशाध्यक्ष रामपाल भवाद ने बताया कि, राजस्व भूमि-अधिनियम 1955-56 में लचीले प्रावधान और नाममात्र जुर्माना राशि होने से खुले-आम वन माफिया अवैध रुप से राज्य वृक्ष खेजड़ी को काट रहे हैं. कमजोर कानूनी प्रावधानों के चलते अक्सर गांवों में राजस्व विभाग के पटवारी स्थानीय राजनीतिक दबाव में ज्यादातर मामलों को रफादफा कर देते. जिससे पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले वन-माफिया हावी हो रहे हैं.

बिलाड़ा (जोधपुर). जिला मुख्यालय से 28 किलोमीटर दूर मंडोर पंचायत समिति के दईकड़ा-बुधनगर गांव की सरहद में वन-माफिया की सह पर जेसीबी की सहायता से राज्य वृक्ष खेजड़ी के 35 बड़े हरे पेड़ उखाड़ने का मामला सामने आया है. अनैतिक तरीके से उखाड़े हरे पेड़ों की जानकारी सड़क मार्ग से गुजर रहे लोगों ने बिश्नोई टाईगर्स वन्य एवं पर्यावरण संस्था के पदाधिकारियों को दी.

बिश्नोई टाईगर्स वन्य एवं पर्यावरण संस्था के प्रदेशाध्यक्ष रामपाल भवाद ने जोधपुर जिला कलेक्टर, तहसीलदार, बनाड़ थानाधिकारी को देइकड़ा-बुधनगर गांव की सरहद में हुए राजस्व अपराध से अवगत कराया. इस पर जोधपुर तहसीलदार के आदेश पर मौके पर पहुंचे दईकड़ा भू- निरीक्षक और पटवारी के बिना राजस्व रिकार्ड के आधार पर मौका फर्द तैयार कर मामले को निपटाने पर पर्यावरण प्रेमियों ने इस पर आपत्ति जताई.

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पर्यावरण प्रेमियों क का कहना है कि, जिस जेसीबी मशीन से खेजड़ी के पेड़ उखाड़े गये है. उसको जब्त करने की कार्रवाई की जाये. घटित घटना राजस्व अपराध की श्रेणी में होने के कारण प्रत्यक्षदर्शियों ने वन माफिया और राजस्व कर्मचारियों पर मिलीभगत का आरोप लगाया. घटना की जानकारी पर वन विभाग बनाड़ थाना की टीम भी मौके पर मौजूद रही. घटना के दोषियों के खिलाफ विभागीय ठोस कार्रवाई नहीं होने से नाराज बिश्नोई टाईगर फोर्स के जिला महासचिव भरत खेड़ी, पुखराज बुधनगर, रामदीन सोऊ, भूटाराम लोल अशोक सोऊ सहित अन्य ग्रामीण जनों ने घटनास्थल पर नारेबाजी कर विरोध दर्ज करवाया.

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बिश्नोई टाईगर्स वन्य एवं पर्यावरण संस्था प्रदेशाध्यक्ष रामपाल भवाद ने बताया कि, राजस्व भूमि-अधिनियम 1955-56 में लचीले प्रावधान और नाममात्र जुर्माना राशि होने से खुले-आम वन माफिया अवैध रुप से राज्य वृक्ष खेजड़ी को काट रहे हैं. कमजोर कानूनी प्रावधानों के चलते अक्सर गांवों में राजस्व विभाग के पटवारी स्थानीय राजनीतिक दबाव में ज्यादातर मामलों को रफादफा कर देते. जिससे पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले वन-माफिया हावी हो रहे हैं.

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