झुंझुनू. देश को सबसे अधिक सैनिक देने वाले झुंझुनू जिले में पिछले 2 सालों से सेना की खुली भर्ती नहीं हुई है. सेना की खुली भर्ती नहीं होने से आक्रोशित नौजवानों ने भर्ती की मांग को लेकर रैली निकाली है.
कोरोना महामारी के चलते पूरे देश में ही सेना ने भर्तियों पर रोक लगा दी थी. लेकिन सेना में भर्तियां वापस शुरू करने के बाद भी अभी तक झुंझुनू जिले में भर्ती नहीं हो पाई है. ऐसे में सेना भर्ती की तैयारी करने वाले नौजवानों में रोष व्याप्त है. उनका कहना है कि 2 साल भी भर्ती बंद रहने से बड़ी संख्या में सेना भर्ती की तैयारी करने वाले युवा निर्धारित आयु सीमा को भी पार कर चुके हैं. इसी को लेकर शुक्रवार को नौजवानों ने भाजपा के युवा नेता राजेश बाबर व सतीश गजराज के नेतृत्व में बड़ी संख्या में करीब 100 फीट के तिरंगे के साथ रैली निकाली.
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जिला कलेक्टर ने दिया नौजवानों को आश्वासन
बताया जा रहा है कि बड़ी संख्या में नौजवानों के सड़कों पर आने के बाद जिला कलेक्टर की ओर से सेना के अधिकारियों से बातचीत की गई, जिसके बाद जल्दी ही झुंझुनू जिले में सेना की खुली भर्ती रखने की बात कही गई है.
झुंझुनू में है सेना का बड़ा क्रेज
गौरतलब है कि झुंझुनू जिले में सेना में भर्ती होने का बड़ा क्रेज है. अब तक कुल 260 शहादत जिले के जवानों ने अपने देश की माटी के लिए दी है, जो देश में सबसे अधिक है. वहीं अभी झुंझुनू जिले के एक लाख से ज्यादा जवान देश की सीमाओं पर सेवाएं दें रहे हैं.