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निकेश हत्याकांड मामले का खुलासा और दलितों पर बढ़ते अत्याचार को लेकर दिया धरना - Nikesh massacre

झुंझुनू जिले के निजामपुर तन ओजटू में युवक निकेश हत्याकांड के मामले में अब तक कोई खुलासा नहीं होने पर लोगों ने धरना-प्रदर्शन किया...

निकेश हत्याकांड के खुलासे सहित दलितों पर अत्याचार को लेकर दिया धरना
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Published : Jun 10, 2019, 7:40 PM IST

झुंझुनू . जिले के निजामपुर तन ओजटू के युवक निकेश मेघवाल की हत्याकांड के खुलासे सहित दलित समाज के खिलाफ हुए मामलों को लेकर समाज के प्रतिनिधियों ने जिला मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन किया. समाज के लोगों ने कहा कि गत दिनों में झुंझुनू में दलित समाज के लोगों पर लगातार हमले हो रहे हैं.

निकेश हत्याकांड के खुलासे सहित दलितों पर अत्याचार को लेकर दिया धरना

उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय खंड मैं किशनपुरा में एक समाज विशेष की ओर से दलित समाज पर तलवारों से हमले के विरोध में वहां पर पहले से ही धरना चल रहा है. इस बीच निकेश मेघवाल की हत्या को भी डेढ़ माह से ऊपर हो गया है, लेकिन अभी तक पुलिस उसके आरोपियों को नहीं पकड़ पाई है.

राजस्थान मेघवाल चेतना संस्थान के झुंझुनू जिला के उपाध्यक्ष सुनील नारोलिया ने कहा कि एक माह में 6 से अधिक मामले दलित अत्याचार के हो चुके हैं. लेकिन इनमें से किसी में भी कार्रवाई नहीं हुई है. इससे पहले भी समाज की ओर से चिड़ावा एसडीम कार्यालय के बाहर धरना देकर निकेश हत्याकांड को खोलने की मांग की गई थी. उस समय पुलिस के आश्वासन के बाद धरना खत्म कर दिया गया था. लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई ना होने से समाज के लोग वापस आंदोलन पर उतारू हो गए हैं.

गौरतलब है कि 28 अप्रैल की रात निकेश अपने खेत के पड़ोसी वजीर के घर पर सोया था, जो उसका दोस्त भी था. दूसरे दिन सुबह निकेश चारपाई पर मृत मिला, उसकी नाक से खून बह रहा था. मृतक के पिता ने पहले इस मामले में मृग की रिपोर्ट दी और बाद में हत्या का मामला दर्ज किया गया. जिसमें निकेश की हत्या के पीछे वजीर और उसके परिवार के हाथ होने का शक बताया. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी निकेश की मौत दम घुटने से होने की जानकारी आई थी.

झुंझुनू . जिले के निजामपुर तन ओजटू के युवक निकेश मेघवाल की हत्याकांड के खुलासे सहित दलित समाज के खिलाफ हुए मामलों को लेकर समाज के प्रतिनिधियों ने जिला मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन किया. समाज के लोगों ने कहा कि गत दिनों में झुंझुनू में दलित समाज के लोगों पर लगातार हमले हो रहे हैं.

निकेश हत्याकांड के खुलासे सहित दलितों पर अत्याचार को लेकर दिया धरना

उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय खंड मैं किशनपुरा में एक समाज विशेष की ओर से दलित समाज पर तलवारों से हमले के विरोध में वहां पर पहले से ही धरना चल रहा है. इस बीच निकेश मेघवाल की हत्या को भी डेढ़ माह से ऊपर हो गया है, लेकिन अभी तक पुलिस उसके आरोपियों को नहीं पकड़ पाई है.

राजस्थान मेघवाल चेतना संस्थान के झुंझुनू जिला के उपाध्यक्ष सुनील नारोलिया ने कहा कि एक माह में 6 से अधिक मामले दलित अत्याचार के हो चुके हैं. लेकिन इनमें से किसी में भी कार्रवाई नहीं हुई है. इससे पहले भी समाज की ओर से चिड़ावा एसडीम कार्यालय के बाहर धरना देकर निकेश हत्याकांड को खोलने की मांग की गई थी. उस समय पुलिस के आश्वासन के बाद धरना खत्म कर दिया गया था. लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई ना होने से समाज के लोग वापस आंदोलन पर उतारू हो गए हैं.

गौरतलब है कि 28 अप्रैल की रात निकेश अपने खेत के पड़ोसी वजीर के घर पर सोया था, जो उसका दोस्त भी था. दूसरे दिन सुबह निकेश चारपाई पर मृत मिला, उसकी नाक से खून बह रहा था. मृतक के पिता ने पहले इस मामले में मृग की रिपोर्ट दी और बाद में हत्या का मामला दर्ज किया गया. जिसमें निकेश की हत्या के पीछे वजीर और उसके परिवार के हाथ होने का शक बताया. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी निकेश की मौत दम घुटने से होने की जानकारी आई थी.

Intro:झुंझुनू। क्षेत्र के निजामपुर तन ओजटू के युवक निकेश मेघवाल की हत्या के खुलासे सहित दलित समाज के खिलाफ हुए मामलों को लेकर समाज के प्रतिनिधियों ने धरना प्रदर्शन किया। समाज के लोगों ने कहा कि गत दिनों में झुंझुनू में दलित समाज के लोगों पर लगातार हमले हो रहे हैं। क्षेत्रीय खंड मैं किशनपुरा में एक समाज विशेष की ओर से दलित समाज पर तलवारों से हमले के विरोध में वहां पर पहले से ही धरना चल रहा है। इस बीच निकेश मेघवाल की हत्या को भी डेढ़ माह से ऊपर हो गया है लेकिन अभी तक पुलिस उसके हत्यारों को नहीं पकड़ पाई है। राजस्थान मेघवाल चेतना संस्थान के झुंझुनू जिला के उपाध्यक्ष सुनील नारोलिया ने कहा कि एक माह में 6 से अधिक मामले दलित अत्याचार के हो चुके हैं लेकिन इनमें से किसी में भी कार्रवाई नहीं हुई है।


Body:पहले भी कर चुके हैं मांग
इससे पहले भी समाज की ओर से चिड़ावा एसडीम कार्यालय के बाहर धरना देकर निकेश हत्याकांड को खोलने की मांग की गई थी। उस समय पुलिस के आश्वासन के बाद धरना हटा लिया गया था लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही ना होने से समाज के लोग वापस आंदोलन पर उतारू हो गए हैं। गौरतलब है कि 28 अप्रैल की रात निकेश अपने खेत के पड़ोसी वजीर के घर पर सोया था, जो उसका दोस्त भी था। दूसरे दिन सुबह निकेश चारपाई पर मृत मिला ,उसकी नाक से खून बह रहा था। मृतक के पिता ने पहले इस मामले में मृग की रिपोर्ट दी और बाद में हत्या का मामला दर्ज किया गया। जिसमें निकेश की हत्या के पीछे वजीर और उसके परिवार के हाथ होने का शक बताया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी निकेश की मौत दम घुटने से होने की जानकारी आई थी।


बाइट सुरेंद्र नारनौलिया, जिला उपाध्यक्ष, राजस्थान मेघवाल चेतना संस्थान



Conclusion:
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