झुंझुनू. मुख्यालय के निकटवर्ती गांव मारिगसर की पहाड़ी में हो रहे अवैध खनन के विरोध में स्थानीय ग्रामीणों ने आंदोलन का रास्ता अपना लिया है. इसे लेकर ग्रामीणों ने रास्ता जाम कर प्रदर्शन किया. जानकारी के अनुसार गांव के राकेश राहड़ के नेतृत्व मे ग्रामीण सुबह मारिगसर गांव में पहाड़ी जाने वाले रास्ते में एकत्रित हो गए और बीच रास्ते में खाई खोदकर पहाड़ी पर जाने वाले रास्ते को जाम कर दिया. इसके साथ ही प्रशासन पर अवैध लीज आबंटन का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन भी किया.
मामले की सूचना जब पुलिस व प्रशासन को लगी तो सदर थाना प्रभारी गोपालसिंह ढाका, तहसीलदार अजीत जानू सहित पटवारी गिरदावर मौके पर पहुंचे. इस दौरान सदर थाना प्रभारी गोपाल ढाका ने ग्रामीणों से समझाइश की, लेकिन ग्रामीण नहीं माने, दोपहर बाद टेंट लगाकर ग्रामीण अनिश्चित कालीन धरने पर बैठ गए.
घनी आबादी क्षेत्र में आता है खनन एरिया
आंदोलनकारियों का नेतृत्व कर रहे राकेश राहड़ ने कहा कि संबंधित खनन क्षेत्र गैर मुमकिन पहाड़ी क्षेत्र व आबादी क्षेत्र में आता है जिससे हर समय हादसे की आशंका बनी रहती है. प्रदार्शन करने वालों में गांव के इंद्रपाल, प्रकाश, रामनिवास महला, रामनिवास भिचर, संजय, राजेश, बूंटीराम, मोहम्मद सिराज, अब्दुल हमीद, चंदगीराम, मोहनलाल, सुशील, नेमीचंद, महावीर, रामनिवास सैन, हीरालाल शास्त्री, दारासिंह समेत अनेक लोग थे.
ग्रामीणों ने प्रदर्शन से पहले दी थी चेतावनी
मारिगसर की पहाड़ी में किए जा रहे खनन को रुकवाने के लिए ग्रामीण पिछले कुछ समय से आंदोलन कर रहे हैं. इस संदर्भ में मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को पहले ज्ञापन भी दिया जा चुका है, जिसमें ग्रामीणों ने सात दिन में कार्रवाई नहीं होने पर रास्ता रोकने की चेतावनी दी थी.
यह है मामला
ग्रामीण राकेश राहड़ ने बताया कि 2016 में झुंझुनू एसडीएम ने गांव की चारागाह भूमि गैरकानूनी रूप से गांव के हनुमान सिंह, दर्शन सिंह वगैरा के नाम आबंटित कर पट्टा दे दिया गया. जिन्होंने उस गैर मुमकिन चारागाह भूमि में खनन कार्य खनिज विभाग से गैरकानूनी तरीके से खनन पट्टा प्राप्त कर शुरू कर दिया. ग्रामीणों खनन कार्य को रुकवाने एवं भूमि को पुन: सरकार के खाते में दर्ज कराने की मांग कर रहे हैं.