चिड़ावा (झुंझुनू). जिले के चिड़ावा कस्बे में शुक्रवार को दो बेटियों की एक साथ घोड़ी पर बैठाकर बिंदोरी निकाली गई. इस बिंदोरी के जरिए समाज को बेटी बचाने का संदेश दिया गया. ताकि बेटियों को जो पैदा होते ही मार दिया जाता है, ऐसा काम ना हो और ऐसे कामों पर रोक लग सके. गौरतलब है कि ऐसे प्रयासों से समाज की सोच भी बदल रही है.
लाडली बेटियां नीतू और सोनू ने बताया कि बिंदोरी के जरिए उनके परिवार ने समाज को एक अलग संदेश दिया कि अब बेटियां भी बेटों से कम नहीं है. समाज की रूढ़ीवादी परम्परा को छोड़ने के संदेश के जरिए निकाली गई. वहीं, बिंदोरी को लेकर दोनों बेटियां काफी खुश भी नजर आई. दोनों बेटियों के पिता ताराचंद शर्मा ने कहां कि वे समाज को केवल यही संदेश देना चाहते है कि समाज को अब बेटियों और बेटों में फर्क नहीं करना चाहिए.
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बता दें कि चिड़ावा के वार्ड नं. 20 में ताराचंद और नर्मदा शर्मा ने अपनी दोनों बेटियों नीतू और सोनू शर्मा की घोड़ी पर बैठाकर बिंदोरी निकाली. दोनों बेटियों की घोड़ी पर बैठाकर बिंदोरी निकालने के पीछे मकसद ये था कि समाज को ये संदेश दिया जाए कि बेटियां भी अब बेटों से कम नहीं है. इस बिंदौरी में मदनलाल मास्टर, रामजीलाल, गजानंद, रमेश कोटवाल, उमाकांत डालमिया, नटवर कोटवाल, विकास पारीक, अश्वनी कोटवाल समेत कई लोग मौजूद रहे.