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झुंझुनू में जुटे कांग्रेस के आला नेता, शीशराम ओला के नाम का जिक्र तक नहीं हुआ - Jhunjhunun News

एक वक्त ऐसा भी था, जब शीशराम ओला हुंकार भरते थे तो झुंझुनू से लेकर जयपुर और दिल्ली तक हिल जाती थी. हाल ही में कांग्रेस के एक कार्यक्रम में सामान्य नैतिकता के तहत भी उनका नाम नहीं लिया गया. गौर करने वाली बात ये भी है कि स्थानीय विधायक होने बावजूद बृजेंद्र ओला और उनके परिवार से भी कार्यक्रम में कोई शामिल नहीं हुआ.

program at Jhunjhunu, जाट नेता शीशराम ओला
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Published : Oct 19, 2019, 1:57 PM IST

झुंझुनू. जिले में मंडावा विधानसभा सीट के लिए उप चुनाव हो रहे हैं. इस बीच झुंझुनू के जाट बोर्डिंग में कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रामनारायण चौधरी की पुण्यतिथि पर किसान सम्मेलन रखा गया था. लेकिन इस सभा में कद्दावर जाट नेता शीशराम ओला के नाम तक का जिक्र वहां नहीं हुआ. स्थानीय विधायक होने के बावजूद उनके पुत्र बृजेंद्र ओला भी उस कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए. साथ ही उनके परिवार से भी कोई शामिल नहीं हुआ.

पढ़ें: 'हाइब्रिड मेयर' चुनने को लेकर यूडीएच मंत्री ने दिया 'संभावनाओं' का तर्क, विपक्ष ने कहा - काठ की हांडी एक बार ही चढ़ती है

गौरतलब है कि कद्दावर जाट नेता शीशराम ओला के नाम के बिना झुंझुनू की राजनीति तो क्या शेखावाटी और राजस्थान के कांग्रेस के किसान नेताओं का इतिहास अधूरा तक लगता है. इसके बावजूद ओला की कर्म स्थली झुंझुनू में सरकार की करीब-करीब पूरी कैबिनेट उतर जाए, संगठन के बड़े पदाधिकारी एक हों, लेकिन शीशराम ओला का नाम तक किसी के जुबान पर नहीं आए तो जाहिर है कि सब कुछ ठीक नहीं है. झुंझुनू में सभा हो और स्थानीय विधायक बृजेंद्र ओला ही वहां नहीं आए तो झुंझुनू की राजनीति की गुटबाजी साफ दिखती ही है.

ये भी साफ है कि इस गुटबाजी को या तो प्रदेश नेतृत्व की शह है या फिर संगठन की लगाम इतनी कमजोर हो गई है कि किसी को अनुशासनहीनता का डर ही नहीं रह गया है. बता दें कि कद्दावर जाट नेता शीशराम ओला केंद्र में झुंझुनू से 5 बार सांसद रहे हैं और तीन बार मंत्री भी रह चुके हैं.

झुंझुनू में कांग्रेस नेताओं की गुटबाजी की चर्चा

पढ़ें: सीएम गहलोत ने ईडब्ल्यूएस आरक्षण में दी बड़ी राहत, जमीन की बाध्यता हटाई, अब केवल वार्षिक आय ही पात्रता का आधार

उनके पुत्र बृजेंद्र ओला तीन बार से विधायक हैं. बृजेंद्र ओला की पत्नी राजबाला ओला जिला प्रमुख और साल 2014 में लोकसभा सीट से कांग्रेस की उम्मीदवार रही हैं. इसके अलावा शीशराम ओला की पुत्रवधू आकांक्षा ओला राष्ट्रीय महिला कांग्रेस में सचिव हैं.

अब चर्चा ये भी आम है कि शीशराम ओला और कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रामनारायण चौधरी की राजनीतिक अदावत का ये असर है. अब ये दूसरी पीढ़ी में भी आ चुकी है, क्योंकि रामनारायण चौधरी की पुत्री रीटा चौधरी ही अब मंडावा विधानसभा से कांग्रेस की उम्मीदवार हैं.

झुंझुनू. जिले में मंडावा विधानसभा सीट के लिए उप चुनाव हो रहे हैं. इस बीच झुंझुनू के जाट बोर्डिंग में कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रामनारायण चौधरी की पुण्यतिथि पर किसान सम्मेलन रखा गया था. लेकिन इस सभा में कद्दावर जाट नेता शीशराम ओला के नाम तक का जिक्र वहां नहीं हुआ. स्थानीय विधायक होने के बावजूद उनके पुत्र बृजेंद्र ओला भी उस कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए. साथ ही उनके परिवार से भी कोई शामिल नहीं हुआ.

पढ़ें: 'हाइब्रिड मेयर' चुनने को लेकर यूडीएच मंत्री ने दिया 'संभावनाओं' का तर्क, विपक्ष ने कहा - काठ की हांडी एक बार ही चढ़ती है

गौरतलब है कि कद्दावर जाट नेता शीशराम ओला के नाम के बिना झुंझुनू की राजनीति तो क्या शेखावाटी और राजस्थान के कांग्रेस के किसान नेताओं का इतिहास अधूरा तक लगता है. इसके बावजूद ओला की कर्म स्थली झुंझुनू में सरकार की करीब-करीब पूरी कैबिनेट उतर जाए, संगठन के बड़े पदाधिकारी एक हों, लेकिन शीशराम ओला का नाम तक किसी के जुबान पर नहीं आए तो जाहिर है कि सब कुछ ठीक नहीं है. झुंझुनू में सभा हो और स्थानीय विधायक बृजेंद्र ओला ही वहां नहीं आए तो झुंझुनू की राजनीति की गुटबाजी साफ दिखती ही है.

ये भी साफ है कि इस गुटबाजी को या तो प्रदेश नेतृत्व की शह है या फिर संगठन की लगाम इतनी कमजोर हो गई है कि किसी को अनुशासनहीनता का डर ही नहीं रह गया है. बता दें कि कद्दावर जाट नेता शीशराम ओला केंद्र में झुंझुनू से 5 बार सांसद रहे हैं और तीन बार मंत्री भी रह चुके हैं.

झुंझुनू में कांग्रेस नेताओं की गुटबाजी की चर्चा

पढ़ें: सीएम गहलोत ने ईडब्ल्यूएस आरक्षण में दी बड़ी राहत, जमीन की बाध्यता हटाई, अब केवल वार्षिक आय ही पात्रता का आधार

उनके पुत्र बृजेंद्र ओला तीन बार से विधायक हैं. बृजेंद्र ओला की पत्नी राजबाला ओला जिला प्रमुख और साल 2014 में लोकसभा सीट से कांग्रेस की उम्मीदवार रही हैं. इसके अलावा शीशराम ओला की पुत्रवधू आकांक्षा ओला राष्ट्रीय महिला कांग्रेस में सचिव हैं.

अब चर्चा ये भी आम है कि शीशराम ओला और कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रामनारायण चौधरी की राजनीतिक अदावत का ये असर है. अब ये दूसरी पीढ़ी में भी आ चुकी है, क्योंकि रामनारायण चौधरी की पुत्री रीटा चौधरी ही अब मंडावा विधानसभा से कांग्रेस की उम्मीदवार हैं.

Intro:जब शीशराम ओला हुंकार भरते थे तो झुंझुनू से लेकर जयपुर और दिल्ली तक हिलती थी अब राजनीतिक की गुटबाजी की क्या बात की जाए एक सामान्य नैतिकता के तहत तक भी उनका नाम नहीं लिया गया। दूसरी गौर करने लायक बात यह भी है कि स्थानीय विधायक होने के बाद भी बृजेंद्र ओला व उनके परिवार से कोई शामिल नहीं हुआ।


Body:झुंझुनू। कद्दावर जाट नेता शीशराम ओला के नाम के बिना झुंझुनू की राजनीति तो क्या शेखावाटी और राजस्थान के कांग्रेस के किसान नेताओं का इतिहास अधूरा तक लगता है। इसके बाद भी ओला की कर्म स्थली झुंझुनू में सरकार की लगभग पूरी कैबिनेट उतर जाए संगठन के बड़े पदाधिकारी एक हो लेकिन शीशराम ओला का नाम तक किसी के जुबान पर नहीं आया। तो जाहिर है कि सब कुछ ठीक नहीं है झुंझुनू में सभा हो और स्थानीय विधायक शीशराम ओला के पुत्र बृजेंद्र ओला ही वहां नहीं आए तो झुंझुनू की राजनीति की गुटबाजी तो साफ दिखती ही है। यह भी साफ है कि इस गुटबाजी को या तो प्रदेश नेतृत्व की शह है या संगठन की लगाम इतनी कमजोर हो गई है कि किसी को अनुशासनहीनता का डर ही नहीं रह गया है। गौरतलब है कि झुंझुनू के जाट बोर्डिंग में कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रामनारायण चौधरी की पुण्यतिथि पर किसान सम्मेलन रखा गया था लेकिन मुख्य बाद मंडावा विधानसभा उपचुनाव ही था।

झुंझुनू के रहे पांच बार सांसद
कद्दावर जाट नेता केंद्र में तीन बार मंत्री और झुंझुनू से 5 बार सांसद रहे हैं इसके अलावा वे राज्य में भी कई बार विधायक व मंत्री रहे। वे जाट राजनीति की बड़ी दूरी में भी शामिल रहे उनके पुत्र बृजेंद्र ओला तीन बार से विधायक हैं बृजेंद्र ओला की पत्नी राजबाला ओला जिला प्रमुख व वर्ष 2014 में लोकसभा सीट से कांग्रेस की प्रत्याशी रही है। इसके अलावा शीशराम ओला की पुत्रवधू आकांक्षा ओला नेशनल महिला कांग्रेसी में सचिव है दरअसल अब चर्चा यह भी आम है कि शीशराम ओला व कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रामनारायण चौधरी की राजनीतिक अदावत का यह असर है। अब यह दूसरी पीढ़ी में भी आ चुकी है क्योंकि रामनारायण चौधरी की पुत्री रीटा चौधरी ही अब मंडावा विधानसभा से कांग्रेस की प्रत्याशी है।


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