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गोगाजी मंदिर में सर्प के दर्शनों के लिए पहुंच रहे हैं ग्रामीण

झुंझुनू जिले के गांव हमीरवास लांबा में स्थित गोगाजी महाराज मंदिर में एक सर्प ग्रामीणों के लिए आस्था का केंद्र बना हुआ है. ग्रामीणों के अनुसार करीब नौ दिन से सर्प यहीं पर है. ग्रामीणों का कहना है कि यह गोगाजी महाराज का रूप है. वहीं इसकी जानकारी मिलते ही बड़ी संख्या में लोग यहां पहुंच रहे है. साथ ही लोग प्रसाद चढ़ा रहे है और दर्शन कर रहे हैं.

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Published : Oct 8, 2019, 10:53 AM IST

पिलानी (झुंझुनूं). ग्राम पंचायत काशीमपुरा के गांव हमीरवास लांबा में स्थित गोगाजी महाराज मंदिर में एक सर्प ग्रामीणों के लिए आस्था का केंद्र बना हुआ है. ग्राम पंचायत काशीमपुरा के अलावा आस-पास के गांव के लोग भी बड़ी संख्या में यहां पहुंच रहे है तथा इस सर्प को लोग गोगाजी महाराज का रूप मानकर पूजा-अर्चना कर रहे हैं.

गोगाजी मंदिर में सर्प के दर्शनों के लिए पहुंच रहे हैं ग्रामीण

ग्रामीणों का दावा है कि ये सर्प पिछले नौ दिन से इसी मंदिर में है और जब नवरात्र शुरु हुए तब ये सर्प यहां पर आया. बाद में दो-तीन दिन बाद सर्प को दूध भी पिलाने की ग्रामीणों ने कोशिश की, लेकिन सर्प ने दूध भी नहीं पिया. सिर्फ एक ही जगह बैठा है.

यह भी पढ़ें- झुंझुनू : ऊंटों को ले जा रही दो गाड़ियों को लोगों ने पकड़ा, तस्कर मौके से फरार

आरती के समय सर्प मंदिर की ओर से फन उठाकर रहता है. उसके बाद वो शांत हो जाता है. ग्रामीणों का ये भी दावा है कि पहले भी इस मंदिर में ऐसे वाक्यें हो चुके है. फिर जब ग्रामीणों के सहयोग से मंदिर में सवामणी प्रसाद किया गया तो सर्प यहां मंदिर से किसी अन्य स्थान पर चले गए. वहीं इस सर्प को लेकर इन दिनों क्षेत्र के ग्रामीण मंदिर पहुंच रहे हैं और यहां दर्शन कर प्रसाद भी चढ़ा रहे हैं.

पिलानी (झुंझुनूं). ग्राम पंचायत काशीमपुरा के गांव हमीरवास लांबा में स्थित गोगाजी महाराज मंदिर में एक सर्प ग्रामीणों के लिए आस्था का केंद्र बना हुआ है. ग्राम पंचायत काशीमपुरा के अलावा आस-पास के गांव के लोग भी बड़ी संख्या में यहां पहुंच रहे है तथा इस सर्प को लोग गोगाजी महाराज का रूप मानकर पूजा-अर्चना कर रहे हैं.

गोगाजी मंदिर में सर्प के दर्शनों के लिए पहुंच रहे हैं ग्रामीण

ग्रामीणों का दावा है कि ये सर्प पिछले नौ दिन से इसी मंदिर में है और जब नवरात्र शुरु हुए तब ये सर्प यहां पर आया. बाद में दो-तीन दिन बाद सर्प को दूध भी पिलाने की ग्रामीणों ने कोशिश की, लेकिन सर्प ने दूध भी नहीं पिया. सिर्फ एक ही जगह बैठा है.

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आरती के समय सर्प मंदिर की ओर से फन उठाकर रहता है. उसके बाद वो शांत हो जाता है. ग्रामीणों का ये भी दावा है कि पहले भी इस मंदिर में ऐसे वाक्यें हो चुके है. फिर जब ग्रामीणों के सहयोग से मंदिर में सवामणी प्रसाद किया गया तो सर्प यहां मंदिर से किसी अन्य स्थान पर चले गए. वहीं इस सर्प को लेकर इन दिनों क्षेत्र के ग्रामीण मंदिर पहुंच रहे हैं और यहां दर्शन कर प्रसाद भी चढ़ा रहे हैं.

Intro:The snake in the nine days in the temple of Gugoji
गुगोजी के मंदिर में नौ दिन विराजमान में सर्प
ग्रामीण इसे मान रहे है गुगोजी का रूप
ग्रामीणों का दावा नौ दिन से ना दूध पिया, ना एक जगह से दूसरे जगह गया
ग्रामीणों में बना कोतुहल का विषय, सर्प को देखने के लिए पहुंच रहे है बड़ी संख्या में
प्रसाद एवं दर्शन कर ग्रामीण मांग रहे है ग्रामीण
पिलानी/झुंझुनूं।
जिले की पिलानी विधानसभा की ग्राम पंचायत काशीमपुरा के गांव हमीरवास लांबा में स्थित गुगोजी मंदिर में एक सर्प ग्रामीणों के लिए आस्था का केंद्र बना हुआ है। ग्राम पंचायत काशीमपुरा के अलावा आस-पास के गांव के लोग भी बड़ी संख्या में यहां पहुंच रहे है तथा इस सर्प को लोग गुगोजी का रूप मानकर पूजा-अर्चना कर रहे है। गांव वालों का दावा है कि ये सर्प पिछले नौ दिन से इसी मंदिर में है तथा जब नवरात्र शुरु हुए तब ये सर्प यहां पर आया। बाद में दो –तीन दिन बाद सर्प को दूध भी पिलाने की ग्रामीणों ने कोशिश की, लेकिन सर्प ने दूध भी नहीं पिया। ग्रामीणों का दावा है कि ये नवरात्र कर रहा है और कुछ नहीं खा-पी रहा है और एक जगह ही विराजमान है। आरती के समय सर्प मंदिर की ओर से फण उठाकर रहता है और उसके बाद वो शांत हो जाता है। ग्रामीणों का ये भी दावा है कि पहले भी इस मंदिर में ऐसे वाक्यें हो चुके है। फिर जब ग्रामीणों के सहयोग से मंदिर में सवामणी प्रसाद किया गया तो सर्प यहां मंदिर से किसी अन्य स्थान पर चले गए।

Body:उपप्रधान भी पहुंचे सर्प को देखने
चिड़ावा पंचायत समिति के उप प्रधान रणधीर सिंह को भी जब ग्रामीणों ने सूचना दी तो वे मंदिर में पहुंचे। जहां पहले से ही श्रद्धालु महिलाओं एवं गांव वालों की भीड़ जमा थी। यहां पर सर्प की पूजा-अर्चना की जा रही थी और प्रसाद चढ़ाया जा रहा था। गुगोजी के मंदिर में सर्प निकलने से गांव वाले इसे गुगोजी का रूप मान रहे है।

मंदिर के पुजारी पालाराम के अनुसार पहले भी यहां गुगोजी के मेले के बाद सर्प निकला था। तब भूलवश गुगोजी का प्रसाद नहीं लग पाया था। तब ग्रामीणों के सहयोग से सवामणी प्रसाद किया गया तो फिर सर्प मंदिर से गया।

आस्था और कोतुहल का विषय बना सर्प
गांव के मानसिंह लांबा ने बताया कि इस बार पहले नवरात्र पर ये सर्प यहां एक पेड़ में आकर विराजमान हुआ। पहले नवरात्र से अब तक नौ दिन बीतने को है, लेकिन अभी तक ये सर्प यहां से कहीं और नहीं गया है। एक स्थान पर ही विराजमान है। अक्सर सर्प एक जगह नहीं रूकते है, लेकिन ये सर्प एक स्थान पर ही विराजमान है। गांव वालों ने दूध पिलाने की भी कोशिश की, लेकिन नहीं पिया।

गांव के ही जुगलाल लांबा का दावा है कि ये गुगोजी के रूप में यहां मंदिर में आए है। तभी तो नौ दिन से बिना कुछ खाये-पीये ये सर्प यहां पर विराजमान है, यहां से एक बार भी दूसरे स्थान पर नहीं गया। पिछले दिनो इतना तेज तुफान एवं बारिश आई, उसके बावजूद भी ये यहां से कहीं नहीं गया। लोगों के लिए ये आस्था का केंद्र बना हुआ है और ना केवल ग्राम पंचायत काशीमपुरा बल्कि आस-पास के गांवों के लोग भी दर्शनो के लिए मंदिर में आ रहे है और सर्प के दर्शन कर मनोकांमनाऐं मांग रहे है।

बाइट 01- मानसिंह लांबा, ग्रामीण।
बाइट 02- रणधीर सिंह बुडानिया, चिड़ावा पंचायत समिति उप प्रधान।
बाइट 03- जुगलाल लांबा, ग्रामीण।Conclusion:
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