झुंझुनूं. कोरोना संकट में हजारों की संख्या में अपने घर लौटे लोग वापस खेती की ओर लौट रहे हैं. कृषि विभाग की मानें तो इस बार 14000 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में खेती होगी. कृषि विभाग का मानना है कि जिले के जो लोग कोरोना के कारण दूसरे राज्यों में अपना काम धंधा छोड़कर आए हैं, वे अब अपने खेतों की ओर लौटेंगे. ऐसे में कई सालों से सूखे पड़े खेत इस बार लहलहा उठेंगे. विभाग ने अपनी इस सोच के अनुरूप ही तैयारी भी शुरू कर दी है और खरीफ फसल की बुवाई का लक्ष्य बढ़ा दिया है.
इस बार 3,91,000 हेक्टेयर में होगी खेती
पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष 14 हजार से ज्यादा हैक्टेयर में बुवाई का लक्ष्य बढ़ाया गया है. पिछले वर्ष खरीफ फसल की बुवाई के लिए 3 लाख 76 हजार 800 हैक्टेयर में बुवाई का लक्ष्य रखा था. जो इस बार बढ़ा कर 3 लाख 91 हजार हैक्टेयर हो गया है. कृषि विस्तार के सहायक निदेशक डॉ. विजयपाल कस्वा ने बताया कि इस वर्ष कोरोना महामारी के कारण जो श्रमिक अन्य राज्यों या जिलों में कार्य कर रहे थे, वे सभी श्रमिक अब अपने घर लौट आए हैं. अब ये सभी लोग अपने खेतों में खरीफ बुवाई का काम करेंगे.
पढ़ें: बाड़मेर: छुट्टी से लौटे BSF के 6 जवानों की रिपोर्ट आई कोरोना पॉजिटिव
बटाई का चलन भी वापस होगा शुरू:
जिले में भी कोरोना महामारी के कारण बहुत से व्यवसाय और अन्य कार्यों में लगे श्रमिक अभी बेरोजगार घर पर बैठे हैं. अब ग्रामीण क्षेत्र में बेरोजगार बैठे श्रमिकों का ध्यान आत्मनिर्भर बनने के लिए खेती की ओर बढ़ रहा है. उन्होंने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में बटाई पर कृषि करने का कार्य कम हो गया था. इस बार कोरोना संक्रमण के दौरान जो श्रमिक घर आए हैं, वो बटाई पर खेती करने का कार्य करेंगे. यही कारण है कि इस साल खरीफ फसल बुवाई का लक्ष्य पिछले वर्ष की तुलना में 14 हजार 200 हैक्टेयर ज्यादा रखा गया है.