झुंझुनू. जिले के एक सरकारी शिक्षक दंपती ने सरकारी स्कूल की असहाय परिवारों की 10 बेटियों को पढ़ाने की जिम्मेदारी ली है. इन 10 बेटियों को शिक्षा के लिए गोद लेकर शिक्षक दंपती ने समाज के सामने उदाहरण प्रस्तुत किया है. उनकी इस पहल से सरकारी स्कूल में पढ़ने वाली इन 10 बेटियों की पढ़ाई हो सकेगी.
शिक्षा विभाग के एडीईओ महेश सिलायच और उनकी पत्नी संजू चौधरी कुछ समय पहले लुट्टू गांव के सरकारी स्कूल में किसी कार्य के लिए गए थे, वहां पढ़ने वाली पांच बेटियों के पिता नहीं होने और मां को शिक्षा के लिए परेशान करने की उन्हें जानकारी मिली. जिस पर दोनों ने इन 10 बेटियों की शिक्षा की जिम्मेदारी लेने का फैसला किया. इस साल जब उनके बेटे प्रियांशु चौधरी का जन्मदिन आया, तो इन्होंने इस मौके पर इन सभी बेटियों की शिक्षा की जिम्मेदारी ली.
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जन्मदिन मनाने का इस समय इससे बेहतर कोई और तरीका नहीं हो सकता है. इन बेटियों की शिक्षा और उस पर होने वाले पूरा खर्च की जिम्मेदारी वे उठाएंगे. शिक्षक दंपति की गोद ली हुई बेटियों में पांच के सिर पर पिता का साया नहीं है और उनकी मां बड़ी मुश्किलों से घर चला रही है. इनमें दो बेटियों के पिता गोलगप्पे बेचते हैं, लेकिन लॉकडाउन के कारण उनका काम बंद हो गया है और आजीविका का दूसरा कोई साधन नहीं है.
पेशे से हैं दोनों शिक्षक
दोनों पति-पत्नी शिक्षक हैं, ऐसे में बेटियों को शिक्षा देना ही उन्होंने उचित समझा. उन्होंने जिन 10 बेटियों को गोद लिया है, उनकी शिक्षा पर होने वाला पूरा खर्च वे दोनों वहन करेंगे. इसमें उनके स्कूल ड्रेस, बैग, जूते, स्टेशनरी और पूरे शिक्षा सत्र के खर्च के साथ-साथ उनकी अन्य जरूरतों को पूरा कर रहे हैं. एडीईओ द्वारा गोद ली बेटियों में दूसरी कक्षा की एक, तीसरी, चौथी, पांचवी और छठी कक्षा की दो दो बेटियां हैं. एक बेटी आठवीं क्लास में है.