ETV Bharat / state

सुल्ताना का राजकीय आयुर्वेदिक औषधालय कर रहा उद्घाटन का इंतजार

चिड़ावा के सुल्ताना गांव में राजकीय आयुर्वेदिक औषधालय निर्मित हो गया है. लेकिन जिले में आचार संहिता लगने के कारण इसका उद्घाटन नहीं हो पाया है. जिससे मरीजों को निजी डॅाक्टरों के पास महंगा इलाज करवाना पड़ रहा है.

chirawa news, jhunjhunu news, राजकीय आयुर्वेदिक औषधालय, सुल्ताना गांव
author img

By

Published : Nov 7, 2019, 6:40 PM IST

चिड़ावा (झुंझुनू). जिले के चिड़ावा कस्बे के नजदीक सुल्ताना गांव में बना राजकीय आयुर्वेदिक औषधालय उद्घाटन के इंतजार में बंद पड़ा है. आचार संहिता के चलते राजकीय आयुर्वेदिक औषधालय का उद्घाटन नहीं हो पा रहा है. जिसके कारण मरीजों को इलाज भी नहीं मिल पा रहा है. साथ ही इस कारण मरीजों को नि:शुल्क दवा योजना का भी लाभ नहीं मिल पा रहा है.

सुल्ताना का राजकीय आयुर्वेदिक औषधालय का नहीं हुआ अबतक उद्घाटन

बता दें कि सुल्ताना और आस-पास के एक दर्जन से भी अधिक गांवों के ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में दर-दर भटकना पड़ रहा है. जिले में आचार संहिता के चलते राजकीय आयुर्वेदिक औषधालय का उद्घाटन नहीं हो पा रहा है. जिसके चलते मरीज परेशान हैं. पहले जहां मंडावा उपचुनाव के चलते आचार संहिता लगी थी तो अब नगर निकाय चुनाव के चलते आचार संहिता लगी हुई है. ऐसे में नवनिर्मित भवन उद्घाटन की बाट जोह रहा है. वहीं औषधालय भवन में मरीज तो आते हैं, लेकिन भवन पर लगे ताले को देखकर मायूस होकर मरीज लौट जाते हैं.

यह भी पढे़ं. झुंझुनू: लाडो की निकाली बिंदोरी, दिया बेटी बचाने का संदेश

बता दें कि राजकीय आयुर्वेद औषधालय का शुभारंभ नहीं होने के अभाव में मरीजों को निजी क्लिनीक और झोलाझाप डॉक्टरों के यहां जाना पड़ रहा है. जहां मरीजों कों मोटी फीस डॉक्टरों को देनी पड़ रही है. ऐसे में आर्थिक स्थिति से कमजोर मरीजों को सबसे अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

चिड़ावा (झुंझुनू). जिले के चिड़ावा कस्बे के नजदीक सुल्ताना गांव में बना राजकीय आयुर्वेदिक औषधालय उद्घाटन के इंतजार में बंद पड़ा है. आचार संहिता के चलते राजकीय आयुर्वेदिक औषधालय का उद्घाटन नहीं हो पा रहा है. जिसके कारण मरीजों को इलाज भी नहीं मिल पा रहा है. साथ ही इस कारण मरीजों को नि:शुल्क दवा योजना का भी लाभ नहीं मिल पा रहा है.

सुल्ताना का राजकीय आयुर्वेदिक औषधालय का नहीं हुआ अबतक उद्घाटन

बता दें कि सुल्ताना और आस-पास के एक दर्जन से भी अधिक गांवों के ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में दर-दर भटकना पड़ रहा है. जिले में आचार संहिता के चलते राजकीय आयुर्वेदिक औषधालय का उद्घाटन नहीं हो पा रहा है. जिसके चलते मरीज परेशान हैं. पहले जहां मंडावा उपचुनाव के चलते आचार संहिता लगी थी तो अब नगर निकाय चुनाव के चलते आचार संहिता लगी हुई है. ऐसे में नवनिर्मित भवन उद्घाटन की बाट जोह रहा है. वहीं औषधालय भवन में मरीज तो आते हैं, लेकिन भवन पर लगे ताले को देखकर मायूस होकर मरीज लौट जाते हैं.

यह भी पढे़ं. झुंझुनू: लाडो की निकाली बिंदोरी, दिया बेटी बचाने का संदेश

बता दें कि राजकीय आयुर्वेद औषधालय का शुभारंभ नहीं होने के अभाव में मरीजों को निजी क्लिनीक और झोलाझाप डॉक्टरों के यहां जाना पड़ रहा है. जहां मरीजों कों मोटी फीस डॉक्टरों को देनी पड़ रही है. ऐसे में आर्थिक स्थिति से कमजोर मरीजों को सबसे अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

Intro:Sultana's state Ayurvedic dispensary awaits inauguration
सुल्ताना का राजकीय आयुर्वेदिक औषधालय का उदघाटन का इंतजार
आचार संहिता के चलते राजकीय आयुर्वेदिक औषधालय का नहीं हो रहा है उदघाटन
मरीजो को नहीं मिल रहा है इलाज
निशुल्क दवा योजना का भी नहीं मिल रहा पा रहा है इलाज
सुल्ताना/झुंझुनूं।
जिले के चिड़ावा कस्बे के नजदीक सुल्ताना गांव में बने राजकीय आयुर्वेदिक औषधालय उदघाटन की बाट जोत रहा है। आचार संहिता के चलते राजकीय आयुर्वेदिक औषधालय का उदघाटन नहीं हो पा रहा है। जिसके कारण मरीजो को इलाज भी नहीं मिल पा रहा है तो वहीं निशुल्क दवा योजना का भी लाभ नहीं मिल पा रहा है।

Body:बता दे कि सुल्ताना एवं आस-पास के एक दर्जन से भी अधिक गांवों के ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में दर-दर भटकना पड़ रहा है। आचार संहिता के चलते राजकीय आयुर्वेदिक औषधालय का उदघाटन नहीं हो पा रहा है। जिसके चलते मरीज परेशान है। पहले जहां मंडावा उप चुनाव के चलते आचार संहिता लगी थी तो अब नगर निकाय चुनाव के चलते आचार संहिता लगी हुई है। ऐसे में नव निर्मित भवन उदघाटन की बाट जोत रहा है। औषधालय भवन में मरीज आते है, लेकिन भवन पर लगे ताले को देखकर मायूस होकर मरीज लौट जाते है।

बता दे कि राजकीय आयुर्वेद औषधालय का शुभारंभ नहीं होने के अभाव में मरीजो को निजी क्लिनीक एवं झोलाझाप डॉक्टरो के यहां जाना पड़ रहा है। जहां मरीजो को मोटी फीस डॉक्टरो को देनी पड़ रही है। ऐसे में आर्थिक स्थिति से कमजोर मरीजो को सबसे अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

बाइट, डॉ महेंद्र सोमरा।Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.