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झुंझुनू: दूसरे जिले से अपने जिले आए विद्यार्थी आइसोलेट, जांच नेगेटिव आने के बाद ही जाने दिया जाएगा घर - दूसरे जिले से आए विद्यार्थी आसोलेट

कोटा, बूंदी और चित्तौड़गढ़ में विभिन्न प्रतियोगी परीक्षा समेत नौकरियों की तैयारी कर रहे झुंझुनू के विद्यार्थी भले ही झुंझुनू पहुंच गया है, लेकिन किसी को भी अभी तक घर नहीं जाने दिया गया है. ये विद्यार्थी अपने अभिभावक के साथ बसों से झुंझुनू पहुंचे हैं. अभिभावक और विद्यार्थी की कुल संख्या 92 बताई जा रही है, जिसे खेमी शक्ति और रानी सती मंदिर स्थित आइसोलेशन सेंटर में रखा गया है.

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दूसरे जिले से अपने जिले आए विद्यार्थी आसोलेट
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Published : Apr 26, 2020, 3:48 PM IST

झुंझुनू. कोटा, बूंदी और चित्तौड़गढ़ में विभिन्न प्रतियोगी परीक्षा समेत नौकरियों की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों और अभिभावकों को लेकर बसें भले ही झुंझुनू पहुंच गई है, लेकिन इनमें से किसी को भी घर नहीं जाने दिया गया है. इन बसों से कुल 92 विद्यार्थी और अभिभावक झुंझुनू पहुंचे थे, लेकिन उनको खेमी शक्ति और रानी सती मंदिर स्थित आइसोलेशन सेंटर में रखा गया है.

दूसरे जिले से अपने जिले आए विद्यार्थी आसोलेट

इन सभी विद्यार्थियों और अभिभावकों के सेंपल लिए जा रहे हैं और इनकी रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद ही घर भेजा जा सकेगा. दरअसल यह सभी 92 लोग दो बसों में आए हैं और इस तरह से कहीं ना कहीं सोशल डिस्टेंस की पालना नहीं हुई है और इसके चलते इन सभी के सेंपल लेने का निर्णय किया गया है.

दरअसल प्रशासन को लग रहा है कि यदि उक्त 92 में से एक भी स्टूडेंट या अभिभावक संक्रमित हुआ, तो वह बस में मौजूद अन्य लोगों को संक्रमित कर चुका होगा और ऐसे में इसी दिन लोगों को घर भेज दिया गया है, तो एक बड़ी चेन बन जाएगी और उस को तोड़ने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.

वहीं छात्रों और अभिभावकों को अपने क्षेत्र में भी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि लोग यह सोचेंगे कि यह लोग बाहर से आए हैं और इसलिए संक्रमित हो सकते हैं. ऐसे में छात्रों के क्षेत्र में भी भय का वातावरण बन सकता है इसलिए सभी के सैंपल लिए गए हैं और नेगेटिव आने के बाद ही उनको घर भेजा जाएगा.

यह भी पढ़ें- राज्यों की सहमति से प्रवासी और श्रमिक जा सकेंगे घर, प्रशासन पुख्ता व्यवस्था करे: CM गहलोत

वहीं सभी औपचारिकताओं के लिए शिक्षा चिकित्सा में प्रशासन के अधिकारियों की मिली जुली टीम ने दोनों ही आइसोलेशन सेंटर में मोर्चा संभाल रखा है. अभिभावक साथ नहीं होने की वजह से उनकी हर जरूरतों का ख्याल रखा जा रहा है.

झुंझुनू. कोटा, बूंदी और चित्तौड़गढ़ में विभिन्न प्रतियोगी परीक्षा समेत नौकरियों की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों और अभिभावकों को लेकर बसें भले ही झुंझुनू पहुंच गई है, लेकिन इनमें से किसी को भी घर नहीं जाने दिया गया है. इन बसों से कुल 92 विद्यार्थी और अभिभावक झुंझुनू पहुंचे थे, लेकिन उनको खेमी शक्ति और रानी सती मंदिर स्थित आइसोलेशन सेंटर में रखा गया है.

दूसरे जिले से अपने जिले आए विद्यार्थी आसोलेट

इन सभी विद्यार्थियों और अभिभावकों के सेंपल लिए जा रहे हैं और इनकी रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद ही घर भेजा जा सकेगा. दरअसल यह सभी 92 लोग दो बसों में आए हैं और इस तरह से कहीं ना कहीं सोशल डिस्टेंस की पालना नहीं हुई है और इसके चलते इन सभी के सेंपल लेने का निर्णय किया गया है.

दरअसल प्रशासन को लग रहा है कि यदि उक्त 92 में से एक भी स्टूडेंट या अभिभावक संक्रमित हुआ, तो वह बस में मौजूद अन्य लोगों को संक्रमित कर चुका होगा और ऐसे में इसी दिन लोगों को घर भेज दिया गया है, तो एक बड़ी चेन बन जाएगी और उस को तोड़ने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.

वहीं छात्रों और अभिभावकों को अपने क्षेत्र में भी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि लोग यह सोचेंगे कि यह लोग बाहर से आए हैं और इसलिए संक्रमित हो सकते हैं. ऐसे में छात्रों के क्षेत्र में भी भय का वातावरण बन सकता है इसलिए सभी के सैंपल लिए गए हैं और नेगेटिव आने के बाद ही उनको घर भेजा जाएगा.

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वहीं सभी औपचारिकताओं के लिए शिक्षा चिकित्सा में प्रशासन के अधिकारियों की मिली जुली टीम ने दोनों ही आइसोलेशन सेंटर में मोर्चा संभाल रखा है. अभिभावक साथ नहीं होने की वजह से उनकी हर जरूरतों का ख्याल रखा जा रहा है.

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