पिलानी(झुंझुनू). आजाद हिंद फौज के स्वतंत्रता सेनानी सत्यदेव कुल्हार झुंझुनूं जिले के लिए ही नहीं बल्कि पूरे शेखावाटी की शान है. आजादी के लिए सत्यदेव ने काफी संघर्ष किया और भारत को आजाद करवाने के लिए जेल तक गए. आज भी सत्यदेव झुंझुनूं जिले के पिलानी कस्बे के समीप नरहड़ गांव में ही सादा जीवन जीते है. स्वतंत्रता सेनानी की जुबानी...आप भी सुनिए आजादी की कहानी.
बंटवारे में गांधी जी का कोई रोल नहीं था
सत्येदव का कहना है कि महात्मा गांधी का भारत व पाकिस्तान के बंटवारे में कोई भी रोल नही था. गांधी जी कभी नहीं चाहते थे कि भारत व पाक का बंटवारा हो. गांधी जी को जब बंटवारे का पता चला था तो वे काफी दुखी हुए थे और उनकी आंखो में आंसू निकल आए थे. वैसे तो भारत व पाक के बंटवारे के लिए उन पर आरोप लगते है लेकिन उनको इस निर्णय के बारे में जानकारी तक नहीं थी. अंग्रेजो के हिसाब से विभाजन हुआ.
पढ़ें: राज्यसभा उपचुनाव में BSP का कांग्रेस को समर्थन, विधायक गुढ़ा ने कहा- निर्विरोध जीतेंगे मनमोहन सिंह
उस समय तीन नेताओं ने जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभभाई पटेल, मोलाना आजाद ने अंग्रेजो के माउंट बेटेन से समझौता कर लिया. गांधी से पूछा तक नहीं गया.
स्वतंत्रता सेनानी सत्यदेव का कहना है कि कांग्रेस का गठन सिर्फ आजादी के लिए हुआ था और उसके बाद कांग्रेस पार्टी को भंग करने का निर्णय लिया गया था, लेकिन कुछ लोग राजनीतिक महत्वाकांशा के चलते पार्टी को भंग नहीं किया. सेनानी सत्यदेव को आज भी एक बात का मलाल है. कि भारत वैसे तो आजाद हो गया, लेकिन आज भी आजादी सहीं मायने में नहीं मिली है. ऐसा सत्यदेव जी का सोचना है.
ताम्रपत्र से सम्मानित है सत्यदेव
सत्यदेव का कहना है कि आजादी के इतने सालों के बाद भी कुछ नहीं बदला है. अमीर और अधिक अमीर हो रहा है और गरीब और अधिक गरीब हो रहा है. स्वतंत्रता सेनानी आज भी सादा जीवन जीने में विश्वास रखते है. वर्तमान में स्वास्थ्य थोड़ा ठीक नहीं चल रहा है, उसके बावजूद महात्मा गांधी जी की तरह ही स्वतंत्रता सेनानी सत्यदेव भी चरखा काटते है जो कि उनकी नियमित दिनचर्या का हिस्सा बन गया है. सत्यदेव को 9 अगस्त 2015 में भारत छोड़ा दिवस के समारोह में पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के द्वारा सम्मानित किया गया. सत्यदेव ने 1942 में महात्मा गांधी जी द्वारा छेड़ा गया भारत छोडो आंदोलन में भाग लिया और 1946 में जेल भी गए. सत्यदेव ताम्र पत्रों से भी सम्मानित है.
पढ़ें: 'पेपरलेस' होगी लोकसभा...नए भवन बनाने की भी तैयारीः ओम बिड़ला
सत्यदेव का मानना है कि आजादी के बाद से जो राजनीति महत्वाकांशा का आगाज हुआ था, वो आज भी जारी है. सिर्फ चेहरे बदल गए. देश के बारे में सोचने के जरूरत है. सिर्फ आजादी मिलना ही हम सब का लक्ष्य नहीं था. भारत को एक अच्छा राष्ट्र बनाना चाहते थे, लेकिन वैसा नहीं हो रहा है.
सरकार ने लिया अच्छा फैसला
अनुच्छेद 370 को लेकर भी स्वतंत्रता सेनानी सत्यदेव का कहना है कि उस समय तो अनुच्छेद 370 की जरूरत थी, लेकिन अब जो सरकार ने किया है वो अच्छा फैसला लिया है. इन्होंने ये भी कहा कि जम्मू-कश्मीर में कुछ नेता पाकिस्तान के इशारे पर चलते है तभी वहां के हालात भी खराब हुए. भारत हिंदूओं का देश है, लेकिन इस देश ने सभी धर्मो को सम्मान अधिकार दिया है और अब जो हिंदू और मुस्लिम वाली राजनीति होती है वो सहीं नहीं है.
फक्र महसूस करता है बेटा
सत्यदेव के बड़े बेटे विजय कुल्हार खुद को काफी भाग्यशाली मानते है, जिन्हे सत्यदेव जैसे पिता मिले. विजय का भी मानना है कि सत्यदेव उनसे भारत की आजादी के बारे मे बातचीत करते है और कई बार अपनी दिल की बात उनसे करते है.