खेतड़ी (झुंझुनू). बॉर्डर पर देश की सेवा कर देश के लिए शहादत देने वाले रणबांकुरे शेखावाटी झुंझुनू जिले के जवान सबसे अग्रिम पंक्ति में खड़े दिखाई देते हैं. उसी परंपरा को बरकरार रखने के लिए जिले के खेतड़ी उपखंड के हरड़िया के लाडले ने उस लंबी फेहरिस्त में अपना नाम बुधवार देर शाम दर्ज करवा दिया. राजेंद्र सिंह उत्तरी कश्मीर के तंगधार में हिमस्खलन होने से शहीद हो गए उनके साथ कार्यरत उनके मित्र चूरू जिले के साहवा तहसील के कमल कुमार भी शहीद हो गए.
हरड़िया की ढाणी ढहरवाला के रहने वाले राजेंद्र सिंह उत्तरी कश्मीर तंगधार में जाट रेजीमेंट 2 हवलदार के पद पर कार्यरत थे. 2001 में देश सेवा करने के लिए जाट रेजीमेंट में भर्ती हुए थे. जम्मू-कश्मीर के तंगधार इलाके में हिमस्खलन की हुई घटनाओ में खेतड़ी तहसील का जवान देश के लिए शहीद हो गया है. शहीद राजेंद्र सिंह हरड़िया पंचायत के ढाणी ढहरवाला के रहने वाले थे जो करीब 15 दिन पूर्व ही डयूटी पर गए थे.
शहीद के चाचा जगदीश सिंह ने बताया कि उनका भतीजा राजेंद्र सिंह पिछले करीब आठ साल से जम्मू-कश्मीर में ही तैनात होकर देश सेवा कर रहा था. वह दो माह की ट्रैनिंग में दिल्ली आया हुआ था, जिसके बाद वह करीब दस दिन की छुट्टी काटकर 15 दिन पूर्व ही जम्मू-कश्मीर के तंगधार गया था.
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चाचा जगदीश सिंह के अनुसार राजेंद्र सिंह का विवाह गोरधनपुरा निवासी सरोज देवी के साथ 2003 में हुआ था. अभी तक शहीद के बारे में उनकी पत्नी को कोई जानकारी नहीं दी गई है. राजेंद्र सिंह के एक 14 वर्ष की बेटी अंशु है जो कैरवाली की एसएमपी स्कूल में आठवी कक्षा में पढ़ती है. उनके एक चार माह का बेटा है. शहीद राजेंद्र सिंह के पिता रोहताश कृष्णिया का करीब आठ साल पूर्व और माता रजकौरी का करीब तीन साल पूर्व देहांत हो चुका है. शहीद राजेंद्र सिंह एक छोटा भाई किशनलाल है जो गांव में ही रहकर खेती का काम करता है.