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मातम मौत का: इस गांव में एक ही दिन हुई सात लोगों की अंत्येष्टि

झुंझुनू में उदयपुरवाटी उपखंड के छापोली गांव में एक के बाद एक सात मौतों से हर किसी को सकते में ला दिया. पूरा गांव दिन भर मृतकों की अंत्येष्टि कार्य में जुटा रहा.

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Published : Apr 29, 2021, 10:32 PM IST

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एक ही दिन में सात लोगों की मौत

झुंझुनू. छापोली गांव में गुरुवार को एक ही दिन में सात लोगों का अंतिम संस्कार किया गया, जिसके चलते गांव के लोग सारे काम छोड़कर दिनभर अंतिम संस्कार में ही लगे रहे.

छापोली गांव के निवासी 85 वर्षीय सेवानिवृत शिक्षक प्रभूदयाल कुमावत, 75 वर्षीय 85 भागोती देवी मेघवाल, 60 वर्षीय तारामणी दर्जी, 80 शांति देवी सेन, 75 वर्षीय मिश्री देवी कुमावत, 20 वर्षीय दिनेश नायक और 90 वर्षीय तोहफा देवी योगी की मौत बीते 24 घंटे में हुई है. इन सभी का दाह संस्कार गुरुवार को किया गया. हालांकि, मृतकों में से कोई भी कोरोना पॉजिटिव नहीं था.

यह भी पढ़ें: कोटा: बोराबास के जंगल में मिली क्षत-विक्षत लाश, जंगली जानवरों ने नोचा शव

सभी का अलग-अलग शमशान घाट में हुआ अंतिम संस्कार

गांव के सामाजिक कार्यकर्ता रामलाल सैनी के मुताबिक लंबे समय से ऐसा पहली बार देखने में आया है कि गांव के इतने लोगों का अंतिम संस्कार एक ही दिन में हुआ हो. सभी का अंतिम संस्कार अलग-अलग शमशान घाट पर हुआ है.

छापोली निवासी प्रभूदयाल कुमावत रिटायर्ड शिक्षक के साथ-साथ हास्य कलाकार भी थे. उन्होंने कई मंचों पर अपनी कला की छाप छोड़ी है. उनके साथी रिटायर्ड शिक्षक मदन सिंह शेखावत के मुताबिक बहुत साल पहले उन्होंने रामलीला में मंथरा, शबरी, जटायु और जामवंत आदि के अभिनय किए.

झुंझुनू. छापोली गांव में गुरुवार को एक ही दिन में सात लोगों का अंतिम संस्कार किया गया, जिसके चलते गांव के लोग सारे काम छोड़कर दिनभर अंतिम संस्कार में ही लगे रहे.

छापोली गांव के निवासी 85 वर्षीय सेवानिवृत शिक्षक प्रभूदयाल कुमावत, 75 वर्षीय 85 भागोती देवी मेघवाल, 60 वर्षीय तारामणी दर्जी, 80 शांति देवी सेन, 75 वर्षीय मिश्री देवी कुमावत, 20 वर्षीय दिनेश नायक और 90 वर्षीय तोहफा देवी योगी की मौत बीते 24 घंटे में हुई है. इन सभी का दाह संस्कार गुरुवार को किया गया. हालांकि, मृतकों में से कोई भी कोरोना पॉजिटिव नहीं था.

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सभी का अलग-अलग शमशान घाट में हुआ अंतिम संस्कार

गांव के सामाजिक कार्यकर्ता रामलाल सैनी के मुताबिक लंबे समय से ऐसा पहली बार देखने में आया है कि गांव के इतने लोगों का अंतिम संस्कार एक ही दिन में हुआ हो. सभी का अंतिम संस्कार अलग-अलग शमशान घाट पर हुआ है.

छापोली निवासी प्रभूदयाल कुमावत रिटायर्ड शिक्षक के साथ-साथ हास्य कलाकार भी थे. उन्होंने कई मंचों पर अपनी कला की छाप छोड़ी है. उनके साथी रिटायर्ड शिक्षक मदन सिंह शेखावत के मुताबिक बहुत साल पहले उन्होंने रामलीला में मंथरा, शबरी, जटायु और जामवंत आदि के अभिनय किए.

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