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खेतड़ी कॉपर प्रोजेक्ट में गंभीर लापरवाही आई सामने, CMHO ने सौंपी रिपोर्ट...

झुंझुनू खेतड़ी स्थित कॉपर प्रोजेक्ट में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. जिसे लेकर जिला प्रशासन की ओर से जांच करवाई गई है. सीएमएचओ ने कोरोना गाइडलाइन को लेकर अपनी जांच रिपोर्ट कलेक्टर को सौंप दी है. रिपोर्ट में 8 गंभीर लापरवाहियां सामने आई हैं. जसके कारण कॉपर प्रोजेक्ट में कोरोना संक्रमण फैला है.

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Published : Sep 18, 2020, 2:39 AM IST

खेतड़ी कॉपर प्रोजेक्ट, हिंदुस्तान जिंक, Khetri copper project
कोरोना को लेकर गंभीर लापरवाही आई सामने

झुंझुनू. खेतड़ी कॉपर प्रोजेक्ट में कोरोना गाइडलाइन को लेकर सीएमएचओ ने कलेक्टर को रिपोर्ट सौंप दी है. इसमें केसीसी प्रबंधन और ठेका कंपनी की लापरवाही सामने आई है. सीएमएचओ की रिपोर्ट में कई गंभीर लापरवाही सामने आई है.

कोरोना को लेकर गंभीर लापरवाही आई सामने

जिनमें कोरोना से बचाव के लिए एक मास्क को 4 दिन तक लगाए रहने और कोरोना मरीजों की जानकारी जिला प्रशासन को नहीं देने की बात सामने आई है. कंपनी को लेकर किए गए खुलासे सही साबित हुए हैं. सीएमएचओ डॉ. छोटे लाल गुर्जर ने कलेक्टर यूडी खान को सौंपी गई रिपोर्ट में 8 लापरवाही बताई हैं.

यह था मामला

दरअसल हिंदुस्तान जिंक का बड़ा माइनिंग का कार्य खेतड़ी में होता है. वहां पर अभी स्थाई कर्मचारियों के अलावा ठेका कंपनी भी अपने कर्मचारियों से काम करवाती है. गत दिनों वहां पर कोरोना के लगातार मरीज सामने आ रहे थे. इसमें सामने यह आया था कि, कामगार जो बाहर से आए थे. उनको क्वॉरेंटाइन भी नहीं किया गया, उनकी सैंपलिंग भी नहीं की गई. उनको सीधे काम पर ले लिया गया. ऐसे में संक्रमण फैल गया और प्रोजेक्ट में अब तक करीब 170 पॉजिटिव सामने आ चुके हैं.

ये पढ़ें: पाकिस्तानी महिला के हनीट्रैप में फंसा जवान, सेना और STF के ज्वाइंट ऑपरेशन 'मैडमजी' में गिरफ्तार

ये हैं 8 लापरवाहियां बरती जा रही हैं

  • प्रोजेक्ट में सैनिटाइजर नहीं मिले, ट्रिपल लेयर मास्क की जगह डस्ट मास्क का उपयोग, एक मास्क चार-चार दिन तक लगाए गए.
  • सोशल डिस्टेंस की पालना नहीं की, 32 सीटर बस में 40-40 कर्मचारियों को ले जाते थे, जबकि 16 को ही ले जाना था.
  • दूसरे राज्यों से आए कर्मचारियों को क्वॉरेंटाइन नहीं किया गया, न ही कोरोना जांच करवाई गई, इनको सीधे ड्यूटी पर ले गए.
  • 31 अगस्त को प्रोजेक्ट में एक कर्मचारी संक्रमित मिला, इसकी सूचना छिपाई और प्रशासन को जानकारी नहीं दी गई.
  • संक्रमित के संपर्क में आने वालों की जानकारी नहीं दी गई, माइंस मैनेजर के संक्रमित होने और एक मृत्यु होने पर भी बात छिपाई गई.
  • प्रोजेक्ट के 19 कर्मचारियों की 2 सितंबर को जांच कराई गई, रिपोर्ट आने से पहले ही उनको ड्यूटी पर लगा दिया.
  • कर्मचारियों के हॉस्टल में एक साथ चार-चार को रखा गया, मास्क नहीं लगाए और सोशल डिस्टेंस की पालना नहीं किया गया.
  • एक कर्मचारी को 19 सितंबर तक क्वॉरेंटाइन किया गया था, लेकिन 13 सितंबर को वह दूसरे कर्मचारियों के साथ मिला.

झुंझुनू. खेतड़ी कॉपर प्रोजेक्ट में कोरोना गाइडलाइन को लेकर सीएमएचओ ने कलेक्टर को रिपोर्ट सौंप दी है. इसमें केसीसी प्रबंधन और ठेका कंपनी की लापरवाही सामने आई है. सीएमएचओ की रिपोर्ट में कई गंभीर लापरवाही सामने आई है.

कोरोना को लेकर गंभीर लापरवाही आई सामने

जिनमें कोरोना से बचाव के लिए एक मास्क को 4 दिन तक लगाए रहने और कोरोना मरीजों की जानकारी जिला प्रशासन को नहीं देने की बात सामने आई है. कंपनी को लेकर किए गए खुलासे सही साबित हुए हैं. सीएमएचओ डॉ. छोटे लाल गुर्जर ने कलेक्टर यूडी खान को सौंपी गई रिपोर्ट में 8 लापरवाही बताई हैं.

यह था मामला

दरअसल हिंदुस्तान जिंक का बड़ा माइनिंग का कार्य खेतड़ी में होता है. वहां पर अभी स्थाई कर्मचारियों के अलावा ठेका कंपनी भी अपने कर्मचारियों से काम करवाती है. गत दिनों वहां पर कोरोना के लगातार मरीज सामने आ रहे थे. इसमें सामने यह आया था कि, कामगार जो बाहर से आए थे. उनको क्वॉरेंटाइन भी नहीं किया गया, उनकी सैंपलिंग भी नहीं की गई. उनको सीधे काम पर ले लिया गया. ऐसे में संक्रमण फैल गया और प्रोजेक्ट में अब तक करीब 170 पॉजिटिव सामने आ चुके हैं.

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ये हैं 8 लापरवाहियां बरती जा रही हैं

  • प्रोजेक्ट में सैनिटाइजर नहीं मिले, ट्रिपल लेयर मास्क की जगह डस्ट मास्क का उपयोग, एक मास्क चार-चार दिन तक लगाए गए.
  • सोशल डिस्टेंस की पालना नहीं की, 32 सीटर बस में 40-40 कर्मचारियों को ले जाते थे, जबकि 16 को ही ले जाना था.
  • दूसरे राज्यों से आए कर्मचारियों को क्वॉरेंटाइन नहीं किया गया, न ही कोरोना जांच करवाई गई, इनको सीधे ड्यूटी पर ले गए.
  • 31 अगस्त को प्रोजेक्ट में एक कर्मचारी संक्रमित मिला, इसकी सूचना छिपाई और प्रशासन को जानकारी नहीं दी गई.
  • संक्रमित के संपर्क में आने वालों की जानकारी नहीं दी गई, माइंस मैनेजर के संक्रमित होने और एक मृत्यु होने पर भी बात छिपाई गई.
  • प्रोजेक्ट के 19 कर्मचारियों की 2 सितंबर को जांच कराई गई, रिपोर्ट आने से पहले ही उनको ड्यूटी पर लगा दिया.
  • कर्मचारियों के हॉस्टल में एक साथ चार-चार को रखा गया, मास्क नहीं लगाए और सोशल डिस्टेंस की पालना नहीं किया गया.
  • एक कर्मचारी को 19 सितंबर तक क्वॉरेंटाइन किया गया था, लेकिन 13 सितंबर को वह दूसरे कर्मचारियों के साथ मिला.
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