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उपचुनाव नतीजे : कांग्रेस की रीटा चौधरी की मंडावा विधानसभा के इतिहास में सबसे बड़ी जीत

प्रदेश के मंडावा सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस की रीटा चौधरी ने भाजपा उम्मीदवार सुशीला सींगड़ा को 33 हजार 704 मतों से हराया. वहीं, रीटा चौधरी ने मंडावा विधानसभा के इतिहास में सर्वाधिक बड़ी जीत दर्ज की है.

मंडावा विधानसभा में सर्वाधिक बड़ी जीत, Mandawa biggest win in assembly
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Published : Oct 24, 2019, 7:49 PM IST

झुंझुनू. प्रदेश के मंडावा सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस की रीटा चौधरी की जीत हुई है. उन्होंने भाजपा उम्मीदवार सुशीला सींगड़ा को हराया. बता दें कि मंडावा विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस की प्रत्याशी रीटा चौधरी ने ना केवल जीत दर्ज की है बल्कि नया रिकॉर्ड भी बना डाला है. रीटा चौधरी ने मंडावा विधानसभा के इतिहास में सर्वाधिक बड़ी जीत दर्ज की है.

रीटा चौधरी का मंडावा विधानसभा के इतिहास में सर्वाधिक बड़ी जीत

जानकारी के अनुसार रीटा चौधरी के इतने बड़े अंतर के जीत से पहले कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष तथा उस समय जनता दल के टिकट पर मैदान में उतरे डॉक्टर चंद्रभान ने 29 हजार 480 के आसपास मतों से कांग्रेस की सुधा देवी को हराया था. वहीं, रीटा चौधरी के पिता व कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रामनारायण चौधरी 7 बार मंडावा के विधायक रहे थे. लेकिन वे भी कभी इतनी बड़ी जीत दर्ज नहीं कर पाए थे. उनके मुकाबले ज्यादातर समय त्रिकोणीय और चतुर्थकोणीय हुआ करते थे और उसमें जीत जाते थे.

पढे़ं- मंडावा से जीत के बाद रीटा चौधरी ने जताया वोटर्स का आभार, ETV भारत से खास बातचीत में कहा - क्षेत्र की मांगें ही मेरी प्राथमिकता

वहीं, रीटा चौधरी को वर्ष 2018 का विधानसभा चुनाव और इस उपचुनाव में सीधी टक्कर का सामना करना पड़ा. ऐसे में गत विधानसभा में जहां उन्हें 2 हजार 346 मतों से हार का सामना करना पड़ा तो इस बार रीटा चौधरी ने 33 हजार 704 मतों की भारी-भरकम जीत दर्ज की है.

झुंझुनू. प्रदेश के मंडावा सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस की रीटा चौधरी की जीत हुई है. उन्होंने भाजपा उम्मीदवार सुशीला सींगड़ा को हराया. बता दें कि मंडावा विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस की प्रत्याशी रीटा चौधरी ने ना केवल जीत दर्ज की है बल्कि नया रिकॉर्ड भी बना डाला है. रीटा चौधरी ने मंडावा विधानसभा के इतिहास में सर्वाधिक बड़ी जीत दर्ज की है.

रीटा चौधरी का मंडावा विधानसभा के इतिहास में सर्वाधिक बड़ी जीत

जानकारी के अनुसार रीटा चौधरी के इतने बड़े अंतर के जीत से पहले कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष तथा उस समय जनता दल के टिकट पर मैदान में उतरे डॉक्टर चंद्रभान ने 29 हजार 480 के आसपास मतों से कांग्रेस की सुधा देवी को हराया था. वहीं, रीटा चौधरी के पिता व कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रामनारायण चौधरी 7 बार मंडावा के विधायक रहे थे. लेकिन वे भी कभी इतनी बड़ी जीत दर्ज नहीं कर पाए थे. उनके मुकाबले ज्यादातर समय त्रिकोणीय और चतुर्थकोणीय हुआ करते थे और उसमें जीत जाते थे.

पढे़ं- मंडावा से जीत के बाद रीटा चौधरी ने जताया वोटर्स का आभार, ETV भारत से खास बातचीत में कहा - क्षेत्र की मांगें ही मेरी प्राथमिकता

वहीं, रीटा चौधरी को वर्ष 2018 का विधानसभा चुनाव और इस उपचुनाव में सीधी टक्कर का सामना करना पड़ा. ऐसे में गत विधानसभा में जहां उन्हें 2 हजार 346 मतों से हार का सामना करना पड़ा तो इस बार रीटा चौधरी ने 33 हजार 704 मतों की भारी-भरकम जीत दर्ज की है.

Intro:कहते हैं कि जब जनता वोट देने लगती है तो छप्पर फाड़ कर देती है यही मंडावा विधानसभा उपचुनाव में भी हुआ और करीब 10 माह में ही सारा का सारा परिदृश्य ही बदल गया। ना केवल रीटा चौधरी ने जीत दर्ज की बल्कि भारी-भरकम मतों के साथ विरोधियों को शिकस्त दे डाली।


Body:झुंझुनू। मंडावा विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस की प्रत्याशी रीटा चौधरी ने ना केवल जीत दर्ज की है बल्कि नया रिकॉर्ड भी बना डाला है रीटा चौधरी ने मंडावा विधानसभा के इतिहास में सर्वाधिक बड़ी जीत की है। इससे पहले कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष तथा उस समय जनता दल के टिकट पर मैदान में उतरे डॉक्टर चंद्रभान ने 29480 के आसपास मतों से कांग्रेस की सुधा देवी को हराया था। वहीं रीटा चौधरी के पिता व कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रामनारायण चौधरी सात बात मंडावा के विधायक रहे थे लेकिन वे भी कभी इतनी बड़ी जीत दर्ज नहीं कर पाए थे उनके मुकाबले ज्यादातर समय त्रिकोणीय चतुर्थ कोणीय हुआ करते थे और उसमें जीत जाते थे। वहीं रीटा चौधरी को वर्ष 2018 का विधानसभा चुनाव व इस उपचुनाव में सीधी टक्कर का सामना करना पड़ा ऐसे में गत विधानसभा में जहां उन्हें 2346 मतों से हार का सामना करना पड़ा तो इस बार 33704 की भारी-भरकम जीत दर्ज की है।

हर कुछ पल्स होता गया

रीटा चौधरी की जीत की बात की जाए तो उपचुनाव होने की वजह से सरकार का पूरा साथ, दो बार चुनाव हार जाने की वजह से सहानुभूति की लहर, लोकसभा चुनाव में मंडावा विधायक के सांसद बन जाने पर उपचुनाव तय हो जाने के साथ ही उनको पूरा समय क्षेत्र में देना, प्रचार का तरीका बदलकर सभाओं की जगह व्यक्तिगत लोगों से मुलाकात करना आदि उनकी जीत का बड़ा कारण रहा।


बाइट रीटा चौधरी विधायक मंडावा


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