झुंझुनू. झुंझुनू लोकसभा से पहली बार तीन लाख से भी ज्यादा मतों से जीत दर्जकर सांसद बनने वाले नरेंद्र खीचड़ ने कई वादे किए. उनका कहना है कि वे लोगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए खेतड़ी की खदानों से तांबे की खुदाई दोबारा शुरू करवाएंगे. हालांकि जब क्षेत्र की जनता से सांसद के विकास कार्यों के बारे में जानने की कोशिश की गई तो कुछ लोगों ने यहां तक कह दिया कि सांसद जी का तो अभी तक दर्शन ही नहीं हुआ है.
आपको बताते चलें कि सांसद ने खेतड़ी की खदानों से दोबारा तांबे की खुदाई करवाने की बात कही है. यहीं आपको यह भी बता दें कि कभी यहां पर 10 हजार से ज्यादा लोग काम किया करते थे और 24 घंटे अलग-अलग पारियों में यहां की खदानें तांबा उगला करती थीं. हालांकि साल 2008 तक ये खदानें अपनी पूरी ताकत से चलीं, उसके बाद से ही हालात खराब होने लगी और गलत नीतियों के कारण घाटे में जाने की वजह से अब बमुश्किल करीब 1 हजार कर्मचारी ही काम करते हैं. इसको शुरू करवाने में अभी सांसद नरेंद्र खीचड़ के खाते में खेतड़ी की खदानों का संसद में सवाल उठाना भी बाकी है.
सवाल उठाने में सबसे पिछड़े
वहीं यदि संसद में सवाल उठाने के मामलों की भी बात की जाए तो राजस्थान में सबसे कम सवाल सांसद नरेंद्र खीचड़ ने ही लगाए हैं. हालांकि इसमें उनका कहना है कि पार्टी बड़ी है. इसलिए उनको जितना स्लॉट मिला है, उस हिसाब से ही उन्होंने सवाल उठाए हैं. सांसद खीचड़ ने अपने 1 साल के कार्यकाल में मात्र दो प्रश्न ही लगाए, राजस्थान के सांसदों के हिसाब से सबसे कम है.
रेल सुविधा तो दूर की कौड़ी
झुंझुनू के व्यापारी और सैनिक, देश के कोने-कोने में हैं. बावजूद इसके भी झुंझुनू से ना तो जयपुर और ना ही दिल्ली के लिए सीधी नियमित रेल सेवा है. ऐसे में झुंझुनू की जनता को बसों के सहारे ही दिल्ली और जयपुर का सफर करना पड़ता है. जबकि सांसद नरेंद्र खीचड़ ने कई बार यह वादा किया है कि वे जल्द ही जयपुर और दिल्ली के लिए नियमित ट्रेन सेवा शुरू करवाएंगे. अभी तो हालात यह है कि कोटा-हिसार ट्रेन झुनझुना होते हुए सातों दिन चलनी थी. लेकिन चूरू सांसद राहुल कस्वा इसे तीन दिन शुरू होते हुए ले जाने में सफल रहे. हालांकि इस मामले में सांसद नरेंद्र खीचड़ का कहना है कि चूरू होते हुए जो ट्रेन जाती है. उसमें झुंझुनू लोकसभा क्षेत्र के रामगढ़ और बिसाऊ जैसे बड़े कस्बों को भी फायदा मिला है. झुंझुनू की जनता की बड़ी मांग है कि यहां के लोगों के लिए ज्यादा से ज्यादा रेल सेवा का फायदा मिले.
मेडिकल कॉलेज में श्रेय लेने की होड़
वहीं झुंझुनू में खुलने वाले Medical college के लिए केंद्र सरकार की ओर से अपने हिस्से की राशि जारी की गई है और आधा हिस्सा राज्य सरकार का भी लग रहा है. ऐसे में जहां सांसद नरेंद्र खीचड़ के समर्थक, इसे अपने खाते में बताते हैं तो वहीं विपक्ष के लोग इसे राज्य सरकार की उपलब्धि बताते हैं. हालांकि मेडिकल कॉलेज के नाम पर अब तक केवल जगह चिन्हित की गई है और वहां पर कुछ भी नहीं हुआ है. ऐसे में भले ही दोनों में श्रेय लेने की होड़ मची हो, लेकिन वास्तव में मेडिकल कॉलेज का सारा काम होना अभी बाकि पड़ा हुआ है.
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सड़कें और पानी को बताते हैं उपलब्धि
झुंझुनू में यमुना के पानी को लाने का मामला कई साल से चलता आ रहा है. इसके नाम पर राजनीतिक दलों के नेताओं ने वोट भी बटोरे हैं, लेकिन इसके काम की गति देखी जाए तो लगता है कि सभी जगह पानी पहुंचते-पहुंचते अभी और बहुत लंबा इंतजार करना है. जैसे सांसद नरेंद्र खीचड़ से झुंझुनू के लिए उनकी उपलब्धियों के बारे में बात की जाए तो वे केंद्र सरकार के कार्यों का बखान करने लग जाते हैं. पानी और सड़कों के मामले में भी वे यही कहते हैं कि मोदी सरकार ने जल जीवन योजना शुरू की है और इससे घर-घर में पानी पहुंचना शुरू हो जाएगा. वहीं क्षेत्र में सड़कों के लिए सांसद नरेंद्र कहते हैं कि केंद्र सरकार ने हर सड़क के लिए 60 प्रतिशत की राशि देना तय कर रखा है और ऐसे में खूब जमकर सड़कें बनेंगी.