झुंझुनू. भाजपा के टिकट पर खेतड़ी विधानसभा से चुनाव लड़ रहे धर्मपाल गुर्जर के चचेरे भाई दाताराम गुर्जर की पुत्री मनीषा गुर्जर ने रविवार को कांग्रेस का दामन थाम लिया. मनीषा वर्तमान में प्रधान हैं. बता दें कि दाताराम गुर्जर खेतड़ी से विधायक रह चुके हैं लेकिन लगातार टिकट काटने की वजह से नाराज चल रहे हैं.
पिछले विधानसभा चुनाव में धर्मपाल गुर्जर को टिकट मिलने के बाद दोनों भाइयों में समझौता हुआ था, लेकिन बताया जाता है कि ग्राउंड पर यह समझौता कारगर नहीं उतरा और दाताराम गुर्जर और उनकी बेटी मनीषा ने चुनाव में भाजपा प्रत्याशी धर्मपाल गुर्जर का साथ नहीं दिया. इसके बाद दोनों परिवारों में आपसी मनमुटाव चल रहा था. भाजपा की परिवर्तन यात्रा के दौरान भी दोनों ही परिवारों ने अलग-अलग जगह पर यात्रा का स्वागत किया था. मनीषा गुर्जर भी भाजपा से टिकट की संभावित दावेदार थी.
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कांग्रेस के समर्थन से ही बनी थी प्रधान:पंचायत चुनाव में भाजपा का बहुमत आने के बावजूद मनीषा को प्रधान बनाया गया था. कांग्रेस की ओर से मनीषा गुर्जर को समर्थन दिया गया और उनके प्रत्याशियों के सहयोग से मनीषा प्रधान बन गई थीं. लेकिन उनके कांग्रेस ज्वाइन करने से ऐसा लगने लग गया है कि खेतड़ी विधायक डॉक्टर जितेंद्र सिंह का पत्ता कट सकता है. ऐसी संभावन जताई जा रही है कि खेतड़ी से मनीषा गुर्जर को टिकट दिया जा सकता है. बता दें कि अधिक उम्र होने की वजह से डॉक्टर जितेंद्र सिंह भी चुनाव लड़ने के ज्यादा इच्छुक नहीं हैं. जितेंद्र सिंह अपनी पुत्रवधू के लिए टिकट मांग रहे हैं.