झुंझुनू. कोरोना महामारी के इस दौर में सबसे ज्यादा परेशान मजदूर है. लेकिन मजदूर जब अपने कार्य या सहायता के लिए कार्यालय में पहुंचता है तो अधिकारी सीट से नदारद मिलते हैं. ऐसे में श्रम कल्याण अधिकारी कार्यालय में आए हुए श्रमिकों ने गुरुवार को प्रदर्शन किया.
श्रमिकों ने आरोप लगाया कि कई मजदूरों के खातों में राशि आ गई है, लेकिन सैकड़ों की संख्या में मजदूर अभी सहायता से वंचित हैं. ऐसे में जानकारी के लिए मजदूर श्रम कल्याण ऑफिस में पहुंचते हैं, लेकिन वहां पर कर्मचारी अधिकारी के नहीं होने की बात बोल कर उनको वापस बाहर भेज देते हैं. गुरुवार को बड़ी संख्या में महिला श्रमिक भी श्रम कल्याण ऑफिस पहुंची थी, लेकिन उनको भी निराश होकर लौटना पड़ा.
मजदूरों पर बहुत भारी है यह कहर...
अभी वर्तमान में सार्वजनिक परिवहन के साधन चल नहीं रहे हैं. ऐसे में मजदूर किराए की गाड़ी लेकर झुंझुनू पहुंचते हैं और यहां पर उनको टोकन देकर सुबह से शाम तक इंतजार करवाया जाता है. मजदूरों का कहना है कि वे एक तो गाड़ी का किराया भर कर यहां आते हैं. बावजूद इसके पहले दिन काम नहीं होने पर दूसरे दिन फिर आना पड़ता है.
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गौरतलब है कि बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर अपने वतन को लौटे हैं. यहां पर श्रमिक कार्ड बनवाने का प्रयास कर रहे हैं. लेकिन अधिकारियों के लिए कभी बैठक तो कभी छुट्टी पर होने के बहाने से उनको टरका दिया जाता है. ऐसे में मजदूरों को निराश होकर ही लौटना पड़ रहा है.
खेत नहीं है तो मनरेगा से बनवा रहे श्रमिक कार्ड...
अपने कार्य के लिए जिला मुख्यालय से करीब 50 किलोमीटर दूर से आई महिलाओं ने कहा कि वे मनरेगा में मिट्टी डालती है. खेत उनके पास नहीं है और ऐसे में नरेगा से श्रमिक कार्ड बनवाना चाहती हैं. लेकिन यहां पर कई दिन से चक्कर लगा रही हैं. गुरुवार को भी सुबह 10:00 बजे से आकर बैठे हुए हैं, लेकिन अभी तक टोकन देने के अलावा कोई काम नहीं हुआ है.