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झुंझुनू: कोरोना के बीच मौसमी बीमारियों की दहशत, नगर परिषद कर रहा बचाव के इंतजाम

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Published : May 23, 2020, 8:39 PM IST

जहां एक ओर देश में कोरोना के बीच लॉकडाउन की स्थिति बनी हुई. वहीं, दूसरी ओर गर्मी के सीजन के चलते झुंझुनू में प्रत्येक साल लॉकडाउन देखी जाती है. जी हां हम बात कर रहे है झुंझुनू में चलने वाले लू की, जिससे की भयानक रूप लेने वाली मौसमी बीमारियां होती है. इस बार कोरोना के बीच नगर परिषद के तमाम प्रकार के बचाव कार्य कर रही है. आइए जानें...

झुंझुनू समाचार, jhunjhnu news
कोरोना के बीच मौसमी बीमारियों की दहशत

झुंझुनू. भले ही देश में कोरोना वायरस से देश में लॉकडाउन चल रहा हो लेकिन लू की लॉकडाउन झुंझुनू में प्रत्येक साल देखी जाती है. गर्मी के सीजन यहां कुछ ऐसी ही लू चलती है, जिससे दोपहर के 12 से 3 बजे तक लोगों की बाहर निकलने की हिम्मत भी जवाब देने लगती है. इस बीच अगर किसी को इस लू की गर्म हवाओं में निकलना पड़ जाए तो उस पर ये कहर बनकर बरसती है. इस लू के चलते लोगों में तरह-तरह मौसमी बीमारियां फैलती है, इसमें मुख्य रूप से टाइफाइड, उल्टी-दस्त और स्वाइन फ्लू जैसी बीमारियां होती है.

कोरोना के बीच मौसमी बीमारियों की दहशत

साल 2018-19 में टाइफाइड एवं उल्टी-दस्त के मामले

इन बीमारियों से होने वाली टाइफाइड की बात की जाए तो साल 2018 में 2498 संक्रमित पाए गए थे तो वहीं साल 2019 में इसकी संख्या कुछ कम होकर 2437 थी. इसी प्रकार, उल्टी-दस्त की बात की जाए तो साल 2018 में कुल मामले 2498 थे लेकिन साल 2019 में यह आंकड़ा भी कम होकर 1740 पर ही रह गया था.

साल 2018-19 में डेंगू एवं स्वाइन फ्लू के मामले

अगर डेंगू की बात की जाए तो साल 2018 में डेंगू से 290 लोग पीड़ित थे और इसमें से 2 लोगों की मौत हो गई थी. हालांकि, साल 2019 में 226 लोग इससे संक्रमित पाए गए, लेकिन गनीमत यह रही कि इस बीमारी से किसी की मौत नहीं हुई. वहीं, स्वाइन फ्लू की बात की जाए तो साल 2018 में 30 लोगों को झुंझुनू में यह बीमारी हुई, इसमें 2 लोगों ने अपनी जान गवाई थी लेकिन साल 2019 में यह फ्लू 107 लोगों में फैला, जिसमें 4 लोगों की मौत हुई थी.

हर तरह का डेटाबेस है तैयार

वहीं, मौसमी बीमारियों से निपटने के लिए चिकित्सा विभाग की तैयारियों की बात की जाए तो कोरोना के चलते विभाग की टीमें लगातार सर्वे में जुटी हुई है. ऐसे में विभाग की ओर से साथ में ही मौसमी बीमारियों की भी जानकारी का टास्क अपनी टीमों को दिया गया है. इसमें विभाग मौसमी बीमारियों से जुड़ा हुआ अभी पूरा डाटा बेस तैयार कर रहा है. हालांकि, विभाग के अधिकारियों का मानना है कि लोगों के घरों से कम से कम बाहर निकलने, साबुन से हाथ धोने, मास्क लगाकर रहने और लोगों से कम से कम मिलने के साथ साफ-सफाई ज्यादा रखने की वजह से इस साल मौसमी बीमारियों का कहर कम बरसेगा.

चल रहा है नालों की साफ सफाई का काम

इन मौसमी बीमारियों से बचने के लिए नगर परिषद की टीमें भी लगातार नालों की साफ-सफाई के काम में जुटी हुई है. नगर परिषद का यह प्रयास कर रहा है कि नालों की सफाई इस तरह से हो जाए कि कहीं भी पानी का जमाव नहीं हो, कहीं भी मौसमी बीमारियों के बैक्टीरिया नहीं पनपें. इसके साथ ही यह भी बात है कि इस साल कोरोना वायरस की वजह से विभाग पहले ही सतर्क है और कई जगह पर एंटी वायरस और एंटी बैक्टीरिया पाउडर का छिड़काव भी किया है. इसके साथ ही लोगों को शाम 7 बजे से बाहर निकलने की अनुमति नहीं है. ऐसे में मौसमी बीमारियों को रोकने का काम करेगी.

झुंझुनू. भले ही देश में कोरोना वायरस से देश में लॉकडाउन चल रहा हो लेकिन लू की लॉकडाउन झुंझुनू में प्रत्येक साल देखी जाती है. गर्मी के सीजन यहां कुछ ऐसी ही लू चलती है, जिससे दोपहर के 12 से 3 बजे तक लोगों की बाहर निकलने की हिम्मत भी जवाब देने लगती है. इस बीच अगर किसी को इस लू की गर्म हवाओं में निकलना पड़ जाए तो उस पर ये कहर बनकर बरसती है. इस लू के चलते लोगों में तरह-तरह मौसमी बीमारियां फैलती है, इसमें मुख्य रूप से टाइफाइड, उल्टी-दस्त और स्वाइन फ्लू जैसी बीमारियां होती है.

कोरोना के बीच मौसमी बीमारियों की दहशत

साल 2018-19 में टाइफाइड एवं उल्टी-दस्त के मामले

इन बीमारियों से होने वाली टाइफाइड की बात की जाए तो साल 2018 में 2498 संक्रमित पाए गए थे तो वहीं साल 2019 में इसकी संख्या कुछ कम होकर 2437 थी. इसी प्रकार, उल्टी-दस्त की बात की जाए तो साल 2018 में कुल मामले 2498 थे लेकिन साल 2019 में यह आंकड़ा भी कम होकर 1740 पर ही रह गया था.

साल 2018-19 में डेंगू एवं स्वाइन फ्लू के मामले

अगर डेंगू की बात की जाए तो साल 2018 में डेंगू से 290 लोग पीड़ित थे और इसमें से 2 लोगों की मौत हो गई थी. हालांकि, साल 2019 में 226 लोग इससे संक्रमित पाए गए, लेकिन गनीमत यह रही कि इस बीमारी से किसी की मौत नहीं हुई. वहीं, स्वाइन फ्लू की बात की जाए तो साल 2018 में 30 लोगों को झुंझुनू में यह बीमारी हुई, इसमें 2 लोगों ने अपनी जान गवाई थी लेकिन साल 2019 में यह फ्लू 107 लोगों में फैला, जिसमें 4 लोगों की मौत हुई थी.

हर तरह का डेटाबेस है तैयार

वहीं, मौसमी बीमारियों से निपटने के लिए चिकित्सा विभाग की तैयारियों की बात की जाए तो कोरोना के चलते विभाग की टीमें लगातार सर्वे में जुटी हुई है. ऐसे में विभाग की ओर से साथ में ही मौसमी बीमारियों की भी जानकारी का टास्क अपनी टीमों को दिया गया है. इसमें विभाग मौसमी बीमारियों से जुड़ा हुआ अभी पूरा डाटा बेस तैयार कर रहा है. हालांकि, विभाग के अधिकारियों का मानना है कि लोगों के घरों से कम से कम बाहर निकलने, साबुन से हाथ धोने, मास्क लगाकर रहने और लोगों से कम से कम मिलने के साथ साफ-सफाई ज्यादा रखने की वजह से इस साल मौसमी बीमारियों का कहर कम बरसेगा.

चल रहा है नालों की साफ सफाई का काम

इन मौसमी बीमारियों से बचने के लिए नगर परिषद की टीमें भी लगातार नालों की साफ-सफाई के काम में जुटी हुई है. नगर परिषद का यह प्रयास कर रहा है कि नालों की सफाई इस तरह से हो जाए कि कहीं भी पानी का जमाव नहीं हो, कहीं भी मौसमी बीमारियों के बैक्टीरिया नहीं पनपें. इसके साथ ही यह भी बात है कि इस साल कोरोना वायरस की वजह से विभाग पहले ही सतर्क है और कई जगह पर एंटी वायरस और एंटी बैक्टीरिया पाउडर का छिड़काव भी किया है. इसके साथ ही लोगों को शाम 7 बजे से बाहर निकलने की अनुमति नहीं है. ऐसे में मौसमी बीमारियों को रोकने का काम करेगी.

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