चिड़ावा (झुंझुनू). राजस्थान में सियासी घमासान के बीच बगावत में उतरे सचिन पायलट को प्रदेशाध्यक्ष और उप मुख्यमंत्री के पद से हटा दिया गया है. जिसके बाद से सियासत के अलग-अलग रंग देखने को मिल रहे हैं. एक के बाद एक करके पायलट समर्थक अपने पदों से इस्तीफा दे रहे हैं. वहीं, अब कांग्रेस ने अन्य बागी विधायक पर दबाव बढ़ाना शुरू कर दिया है, ताकि दबाव में कुछ विधायक वापस गहलोत खेमे में लौट सकें.
झुंझुनू विधानसभा के विधायक बृजेंद्र ओला को नोटिस भेजा गया है. ये नोटिस जिला कलेक्टर यूडी खान की ओर से भिजवाया गया है. हालांकि, विधायक निवास पर कोई नोटिस चस्पा हुआ नहीं मिला. साथ ही विधायक निवास पर भी कोई हलचल नजर नहीं आई.
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जानकारी के अनुसार राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने ओला को नोटिस जारी किया है. जिला प्रशासन ने ओला के घर अरड़ावता में मंगलवार देर रात नोटिस लगाया है, लेकिन बुधवार सुबह विधायक निवास पर कोई नोटिस दिखाई नहीं दिया. वहीं, संभावना जताई जा रही है कि नोटिस का जल्द जवाब नहीं देने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.
बता दें कि झुंझुनू की राजनीति में ओला परिवार का बड़ा दबदबा रहा है. ओला परिवार से कद्दावर नेता शीशराम ओला झुंझुनू की राजनीति के ही नहीं, बल्कि राजस्थान की राजनीति के बड़े चेहरे रहे हैं. शीशराम ओला की राजनीतिक विरासत को उनके बेटे बृजेंद्र ओला ने आगे बढ़ाया है.
झुंझुनू में भी राजस्थान की राजनीति का असर दिख रहा है. सचिन पायलट के मामले में अब कांग्रेस के कई पदाधिकारी इस्तीफा भी दे रहे हैं. विकास गुर्जर ने भी कांग्रेस पार्टी में जिला सचिव और कांग्रेस आईटी सेल के जिलाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है. विकास गुर्जर का कहना है कि वे सचिन पायलट और बृजेंद्र ओला के साथ हैं.