झुंझुनू . झुंझुनू नगर परिषद को मंगलवार को पहली अल्पसंख्यक महिला सभापति मिली. इसके साथ ही यहां की सबसे कम उम्र की सभापति बन नगमा बानो ने रिकॅार्ड कायम किया है. वहीं नगरपरिषद की बागडोर एक युवा सभापति संभालने जा रही है. जिससे जिले के लोगों की उम्मीदें बढ़ गई है.
एक परिवार की जिम्मेदारी के साथ-साथ बानो के राजनीति में उतरने के बाद शहर की जिम्मेदारी भी उनके कंधे पर आ गई है. जिसके साथ ही उनपर जिम्मेदारियां बढ़ गई है. वहीं पहली बार राजनीति में उतरी और झुंझुनू नगर परिषद की सभापति बनी नगमा बानो को केवल 25 साल की उम्र में यह जिम्मेदारी उठाने का मौका मिला है. इस अवसर पर ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए नगमा बानो ने कहा कि भले ही वे पहली बार राजनीति में आई हैं. लेकिन यह शब्द उनके लिए नया नहीं है. उनके ससुर तैयब अली पहले नगरपालिका अध्यक्ष रहे हैं. ऐसे में हर चुनाव में वे परिवार में राजनीति की बातें सुनती रही हैं.
यह भी पढ़ें. झुंझुनू नगर परिषद की सबसे कम उम्र की सभापति बनीं नगमा बानो
वहीं शहर की समस्या पर बानो ने कहा कि वे शहर में पानी की समस्या है. जिसको खत्म करने का उनका प्रयास रहेगा. वहीं बानो ने परिवार और शहर की जिम्मेवारियों में समांजस्य बिठा कर कर्तव्यनिष्ठा के साथ निभाने की बात कही है. वहीं पहली अल्पसंख्यक महिला सभापति बनने से महिलाएं भी उनकी तरफ आशा की नजर से देख रही हैं. महिलाओं के मुद्दे पर बानो ने कहा कि महिलाओं के जो भी मुद्दे हैं उनपर भी अच्छे से काम करेंगे.
यह भी पढ़ें. भाजपा के मतों में सेंधमारी से झुंझुनू की राजनीति में वापस लौटा ओला परिवार
सब पार्षदों को साथ लेकर चलेंगे
इस अवसर पर नगमा बानो ने कहा कि वह शहर के सभी पार्षदों को एक साथ लेकर चलेंगी. कुल 60 पार्षदों में से 53 ने तो उनके समर्थन में ही मतदान किया है. लेकिन अन्य पार्षद भी उनके ही हैं. उन्होंने कहा कि वे पुराने शहर में रहती हैं. यहीं पली-बढ़ी हैं, इसलिए शहर की सभी समस्याओं से पूरी तरह से वाकिफ हैं. इसलिए कम उम्र होने के बावजूद उन्हें किसी तरह की समस्या नहीं आएगी.
इसके अलावा उनका परिवार तो पूरी तरह से उनके स्पोर्ट में है. वहीं नगर परिषद के पिछले बोर्ड में भ्रष्टाचार के आरोपों पर उन्होंने कहा कि वे सभी पार्षदों को साथ लेकर ईमानदारी से काम करेंगी.