झुंझुनू. सियाचीन ग्लेशियर में ड्यूटी के दौरान शहीद हुए बुरड़क की ढाणी कालियासर के नायब सूबेदार देवकरण को पैतृक गांव में सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई. मलसीसर उपखंड क्षेत्र से पैतृक गांव शहीद के सम्मान में तिरंगा यात्रा निकाली गई. शहीद के बेटों ने उनको मुखाग्नि दी.
उधमपुर से मलसीसर सड़क मार्ग पार्थिव देह को लाया गया. अंत्येष्टि स्थल पर कलेक्टर लक्ष्मण सिंह कुड़ी, एसपी मृदुल कच्छावा, सांसद नरेंद्र खीचड़, मंडावा विधायक रीटा चौधरी ने जनप्रतिनिधियों सहित पार्थिव देह पर पुष्प अर्पित कर शहीद को नमन किया. आर्मी रेजीमेंट ने गार्ड ऑफ आनर दिया. इसके बाद शहीद के बेटों ने मुखाग्नि दी. नायब सूबेदार देवकरण आर्मी की 15वीं जाट रेजीमेंट यूनिट में तैनात थे.
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ड्यूटी के दौरा बिगड़ गई थी तबीयत: गत 13 फरवरी को देवकरण की डयूटी के दौरान अचानक तबीयत खराब हो गई थी. इसके बाद देवकरण को मिल्ट्री अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. जहां उनका इलाज चल रहा था. इलाज के दौरान रविवार को देवकरण का निधन हो गया. घर में रविवार शाम को सूचना दी गई. सूचना मिलने के बाद घर में कोहराम मच गया. देवकरण ऑपरेशन रक्षक के तहत सियाचीन में तैनात थे.
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26 सितंबर को आए थे छुट्टी पर: शहीद के चचेरे भाई नितिन कुमार ने बताया कि रविवार को आर्मी हेड क्वार्टर से फोन आया तो पता चला कि वे शहीद हो गए हैं. नितिन ने बताया कि देवकरण 26 सितम्बर, 2022 को आखिरी बार छुट्टी पर आए थे. 10 दिन बाद छुट्टी लेकर घर पर आने वाले थे. शहीद देवकरण का परिवार दो साल से जयपुर में रह रहा है. पत्नी अंजू, दो बेटे निखिल (19) व कुनाल (15) भी अपनी मां के साथ जयपुर ही रहते हैं.
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बड़ा बेटा जयपुर में 12वीं और छोटा बेटा 10वीं का स्टूडेंट है. देवकरण ने वर्ष 2000 में आर्मी जॉइन की थी. देवकरण तीन भाइयों में दूसरे नंबर के थे. उनके बड़े भाई संजय सिंह भी आर्मी से रिटायर हैं. फिलहाल डीएससी आर्मी में कार्यरत हैं. जबकि छोटा भाई अनिल वर्तमान में आर्मी में तैनात है. शहीद के माता-पिता गांव में ही रहते हैं. पिता भी आर्मी से रिटायर हैं. बड़ा भाई झुंझुनू में रहता है. जबकि छोटा भाई अनिल माता-पिता के साथ गांव में ही रहता है.