झुंझुनू. प्रदेश की सियासत में सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के ही विधायकों की बाड़ेबंदी फ्लोर टेस्ट की संभावना को देखते हुए की गई है. लेकिन दोनों ही पक्ष अपने-अपने बड़े बद्दी को जायज ठहरा रहे हैं. इसके चलते भाजपा की ओर से हाल ही में घोषित की गई कार्यकारिणी में प्रदेश उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी मिलने वाले मुकेश दाधीच ने कहा है कि, हमारे विधायक बाड़ेबंदी में नहीं हैं, केवल घूमने गए हैं. प्रदेश उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी मिलने के बाद दाधीच पहली बार झुंझुनू आए थे.
आखिर क्यों हटानी पड़ी राजद्रोह की धाराएं
मुकेश दाधीच ने कहा कि आखिरकार सरकार को झुकना पड़ा है, और एक माह में जिस तरह से राजद्रोह की धाराएं हटाई गई है. उसे साफ स्पष्ट लगता है कि यह केवल राजनीतिक फायदे के लिए लगाई गई थी. यह सत्ता और अधिकारों के दुरुपयोग की पराकाष्ठा थी और राजस्थान की जनता इसका जवाब देगी. राजस्थान के विधायकों को जलील करने का काम है, मुख्यमंत्री ने किया है.
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लंबे समय से है कार्यकारिणी में
गौरतलब है कि भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया की नई कार्यकारिणी में झुंझुनू से मुकेश दाधीच काे प्रदेश मंत्री की जगह प्रदेश उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी मिली है. बगड़ निवासी मुकेश दाधीच अशाेक परनामी के समय से प्रदेश मंत्री बने थे. मदनलाल सैनी के समय भी दाधीच प्रदेश मंत्री थे. हालांकि कार्यकारिणी में झुंझुनू जिले से महज दाधीच काे ही पदाधिकारी है. वे लंबे समय से प्रदेश कार्यकारिणी में न केवल अपना स्थान बरकरार रख पाए हैं, बल्कि पकड़ काे मजबूत किया है.