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टिकट कटने के बाद नाराज सांसद संतोष अहलावत ने बुलाई समर्थकों की अर्जेंट मीटिंग - BJP

लोकसभा चुनाव को लेकर भाजपा की ओर से जारी की गई पहली सूची में झुंझुनूं सांसद संतोष अहलावत का टिकट काट दिया गया है. इसके बाद अब संतोष अहलावत ने समर्थकों की अर्जेंट मीटिंग बुलाई है....

सांसद संतोष अहलावत।
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Published : Mar 22, 2019, 9:29 AM IST

झुंझुनू . लोकसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी की ओर से घोषित सीटों में से झुंझुनू की सांसद का टिकट काटा गया है. सांसद संतोष अहलावत का टिकट कटने के साथ ही पार्टी के भीतर सियासत सुर्ख हो गई है. खुद सांसद संतोष अहलावत ने 11:00 बजे अपने निवास पर समर्थकों की बैठक बुलाई है. वहां पर कोई बड़ा ऐलान कर सकती हैं .

टिकट कटने के बाद संतोष अहलावत ने अपने मोबाइल से मैसेज भेज कर समर्थकों को अर्जेंट मीटिंग के लिए आमंत्रित किया है. अर्जेंट मीटिंग बुलाने के बाद पार्टी के भीतर सियासी पारा चढ़ गया है. साथ ही इस बैठक के दौरान कोई बड़ा निर्णय होने को लेकर कयास भी लगाए जाने लगे हैं. 2014 के चुनाव में संतोष अहलावत ने कद्दावर जाट नेता शीशराम ओला की पुत्रवधू राजबाला ओला को 233835 मतों से करारी शिकस्त दी थी. इतनी बड़ी जीत दर्ज करने के बाद भी मौजूदा सांसद का टिकट कट जाने से उनके समर्थक खासे खफा है. टिकट कटने के बाद सोशल मीडिया पर कई तरह की खबरें सुर्खियों में बनी हुई है.

झुंझुनू लोकसभा सीट।

सोशल मीडिया पर यह चर्चा भी चल रही है कि संतोष अहलावत भाजपा का दामन छोड़कर बहुजन समाज पार्टी के साथ भी जा सकती हैं. क्योंकि झुंझुनू लोकसभा में बसपा का अच्छा खासा जनाधार है. आपको बता दें कि अहलावत पहले सूरजगढ़ से विधायक रही हैं. उन्होंने 2004 का चुनाव भी शीशराम ओला के सामने भाजपा की टिकट पर लड़ा था. इस चुनाव में अहलावत केवल 23000 मतों से ही चुनाव हारी थी. इसके अलावा उदयपुरवाटी के पूर्व विधायक शुभकरण चौधरी उनके समधी हैं. इसके चलते संतोष अहलावत का जिले में अच्छा खासा जनाधार माना जाता है. यह भाजपा के लिए परेशानी भी खड़ा कर सकता है.

झुंझुनू . लोकसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी की ओर से घोषित सीटों में से झुंझुनू की सांसद का टिकट काटा गया है. सांसद संतोष अहलावत का टिकट कटने के साथ ही पार्टी के भीतर सियासत सुर्ख हो गई है. खुद सांसद संतोष अहलावत ने 11:00 बजे अपने निवास पर समर्थकों की बैठक बुलाई है. वहां पर कोई बड़ा ऐलान कर सकती हैं .

टिकट कटने के बाद संतोष अहलावत ने अपने मोबाइल से मैसेज भेज कर समर्थकों को अर्जेंट मीटिंग के लिए आमंत्रित किया है. अर्जेंट मीटिंग बुलाने के बाद पार्टी के भीतर सियासी पारा चढ़ गया है. साथ ही इस बैठक के दौरान कोई बड़ा निर्णय होने को लेकर कयास भी लगाए जाने लगे हैं. 2014 के चुनाव में संतोष अहलावत ने कद्दावर जाट नेता शीशराम ओला की पुत्रवधू राजबाला ओला को 233835 मतों से करारी शिकस्त दी थी. इतनी बड़ी जीत दर्ज करने के बाद भी मौजूदा सांसद का टिकट कट जाने से उनके समर्थक खासे खफा है. टिकट कटने के बाद सोशल मीडिया पर कई तरह की खबरें सुर्खियों में बनी हुई है.

झुंझुनू लोकसभा सीट।

सोशल मीडिया पर यह चर्चा भी चल रही है कि संतोष अहलावत भाजपा का दामन छोड़कर बहुजन समाज पार्टी के साथ भी जा सकती हैं. क्योंकि झुंझुनू लोकसभा में बसपा का अच्छा खासा जनाधार है. आपको बता दें कि अहलावत पहले सूरजगढ़ से विधायक रही हैं. उन्होंने 2004 का चुनाव भी शीशराम ओला के सामने भाजपा की टिकट पर लड़ा था. इस चुनाव में अहलावत केवल 23000 मतों से ही चुनाव हारी थी. इसके अलावा उदयपुरवाटी के पूर्व विधायक शुभकरण चौधरी उनके समधी हैं. इसके चलते संतोष अहलावत का जिले में अच्छा खासा जनाधार माना जाता है. यह भाजपा के लिए परेशानी भी खड़ा कर सकता है.

Intro:झुंझुनू। लोकसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी की ओर से घोषित सीटों में से केवल झुंझुनू की सिटिंग सांसद का ही टिकट काटा गया है। इसके साथ ही यहां पर भाजपा में उथल-पुथल मच गई है। खुद सांसद संतोष अहलावत ने 11:00 बजे अपने निवास पर समर्थकों की बैठक बुलाई है और वहां पर कोई बड़ा ऐलान किया जा सकता है। सांसद संतोष अहलावत ने अपने खुद के मोबाइल से मैसेज भेज कर समर्थकों को अर्जेंट मीटिंग के लिए आमंत्रित किया है। ऐसे में देखने वाली बात होगी सांसद बगावत का बिगुल फूंकती है ,कोई दूसरी पार्टी जॉइन करने का ऐलान करती हैं या फिर भाजपा के साथ रहने कहीं तय किया जाएगा। जिस तरह से अर्जेंट मीटिंग बुलाई गई है ,उसमें कुछ और कुछ नया होने की जरूरत संभावना है।


Body:ओला की पुत्रवधू को दी थी शिकस्त
सांसद संतोष अहलावत ने जब चुनाव में कद्दावर जाट नेता शीशराम ओला की पुत्रवधू राजबाला ओला को 233835 मतों से करारी शिकस्त दी थी। इतनी बड़ी जीत दर्ज करने के बाद भी मौजूदा सांसद का टिकट कट जाने से उनके समर्थक खासे खफा है। सोशल मीडिया पर चल रही खबरों पर भरोसा किया जाए तो वह भाजपा का दामन छोड़ कर बहुजन समाज पार्टी के साथ भी जा सकती हैं , क्योंकि झुंझुनू लोकसभा में बसपा का अच्छा खासा जनाधार है।


Conclusion:पार्टी भी आ सकती है मुश्किल में
सांसद संतोष अहलावत पहले सूरजगढ़ से विधायक रही है, इसके अलावा उन्होंने 2004 का चुनाव भी शीशराम ओला के सामने भाजपा की टिकट पर लड़ा था। इस चुनाव में अहलावत केवल 23000 मतों से ही चुनाव हारी थी। इसके अलावा उदयपुरवाटी के पूर्व विधायक शुभकरण चौधरी उनके समधी हैं। इसके चलते संतोष अहलावत का जिले में अच्छा खासा जनाधार माना जाता है और यह भाजपा के लिए परेशानी भी खड़ा कर सकता है।
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