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SPECIAL: अरावली की पहाड़ियों के बीच कुत्ते और बंदर की अठखेलियां, दोस्ती की लाजवाब मिसाल

अरावली की पहाड़ियों के बीच कोट बांध पर शेखावटी का योगेश्वर महादेव सिद्ध पीठ स्थित है. इन दिनों जो भक्त यहां आते हैं वे मंदिर में घूमते हुए यहां के पालतु कुत्ते और एक छोटे से बंदर की अठखेलियां ही देखते रह जाते हैं. दरअसल यहां पर एक छोटे से बंदर और कुत्ते की दोस्ती स्थानीय लोगों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है. कभी शरारती बंदर कुत्ते की सवारी करते नजर आता है तो कभी दोनों साथ में खाते-पीते दिखते हैं.

योगेश्वर महादेव सिद्ध पीठ, Yogeshwar Mahadev Siddha Peeth
नन्हें बंदर और कुत्ते की ये दोस्ती खास है
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Published : Nov 7, 2020, 7:16 PM IST

झुंझुनू. अरावली की पहाड़ियों के मध्य खूबसूरत कोट बांध पर स्थित है शेखावाटी का योगेश्वर महादेव सिद्ध पीठ. इन दिनों जो भक्तजन यहां दर्शन करने आते हैं, वद मंदिर में घूमते हुए वहां के पालतु कुत्ते और एक छोटे बंदर की अठखेलियों को देख कर चकित हो जाते हैं. वैसे देखा जाे तो कुत्ते और बंदर में आपस में बनती नहीं है, लेकिन यहां मामला उल्टा है. यहां छोटे बंदर और एक पालतू कुत्ते की दोस्ती बेहद मजबूत है.

नन्हें बंदर और कुत्ते की ये दोस्ती खास है

नन्हा बंदर कुत्ते की सवारी भी करता है. बंदर अभी बमुश्किल तीन माह का है.कहीं से घूमता-फिरता सिद्ध पीठ आ गया. आश्रम के लोगों ने उसे दूध पिलाया तो वह वहीं रहने लगा. ऐसे में वहां रहने वाला पालतू कुत्ता भी उसे परिवार के सदस्य की तरह ही प्यार करने लगा. वो भी इस छोटे बंदर को कभी मुंह में दबा लेता है तो कभी प्यार से सहलाता है. बंदर महाशय भी कम नहीं हैं, वह कुत्ते के मुंह से निवाला तक छीन कर खा जाता है.

योगेश्वर महादेव सिद्ध पीठ, Yogeshwar Mahadev Siddha Peeth
महंत की गोद में बैठा नन्हा बंदर

निश्छल है आपसी प्यार:

मंदिर में यह कुत्ता कई सालों से रह रहा है. यहां पर एक सफेद कुत्ता भी है, वह भी बंदर को कोई नुकसान नहीं पहुंचाता है. लेकिन असली दोस्ती काले कुत्ते और बंदर के बीच ही है. यहां तक कि कई बार तो दोनों जब ज्यादा शैतानी करते हैं तो एक ही रस्सी से दोनों को एक साथ बांध दिया जाता है.

योगेश्वर महादेव सिद्ध पीठ, Yogeshwar Mahadev Siddha Peeth
गलती करने पर दोनों को एक ही रस्सी से बांधा जाता है

पढ़ेंः स्पेशलः राजस्थान के इन जिलों में नाराज दिखे 'इंद्रदेव'...कम बारिश से रबी की फसल की बुआई पर पड़ेगा असर

मंदिर जहां पर स्थित है, वह कोट बांध भी बेहद खूबसूरत है. ऐसे में साल भर वहां लोगों का आना-जाना लगा रहता है. जो लोग आते हैं वे मंदिर भी जाते हैं और इन दोनों की अठखेलियां देखकर खुश भी होते हैं.

योगेश्वर महादेव सिद्ध पीठ, Yogeshwar Mahadev Siddha Peeth
साथ में सोते हुए

यहां है स्थित मंदिर:

शेखावाटी के सबसे बड़े कोट बांध पर योगीश्वर महादेव सिद्ध पीठ श्रीमंदिर स्थित है. जहां पर यह मंदिर है, दरअसल उसके चारों ओर नदी है और प्रकृति प्रदत्त शिवलिंग है. जो एक पहाड़ी के रूप में है. यहां की महंत खुद भी प्रगतिशिल विचारों की हैं साथ ही दर्शनशास्त्र और संस्कृत में मास्टर डिग्री रखती हैं. एमफील करने के बाद अब दर्शनशास्त्र में ही पीएचडी कर रही हैं.

पढ़ेंः Special: जल सरंक्षण ने बदल दी झुंझुनू के इस गांव की किस्मत, बढ़ गया फसलों का उत्पादन

नई महंत का भी है इनसे खासा लगावः

कोट बांध पर स्थित योगीश्वर महादेव सिद्ध पीठ के महंत और अखिल भारतीय संत समिति के प्रदेश सह-संगठन मंत्री डॉ. योगी जीवननाथ महाराज के ब्रह्मलीन होने के बाद उनको महंत बनाया गया है. नई महंत योगश्री नाथ महाराज का भी प्रकृति और जीव जंतु से खासा प्यार है, और उनके आश्रम में कुत्ते बंदर इधर-उधर धमाचौकड़ी मचाते रहते हैं. वे उनसे काफी घुलमिल गए हैं.

झुंझुनू. अरावली की पहाड़ियों के मध्य खूबसूरत कोट बांध पर स्थित है शेखावाटी का योगेश्वर महादेव सिद्ध पीठ. इन दिनों जो भक्तजन यहां दर्शन करने आते हैं, वद मंदिर में घूमते हुए वहां के पालतु कुत्ते और एक छोटे बंदर की अठखेलियों को देख कर चकित हो जाते हैं. वैसे देखा जाे तो कुत्ते और बंदर में आपस में बनती नहीं है, लेकिन यहां मामला उल्टा है. यहां छोटे बंदर और एक पालतू कुत्ते की दोस्ती बेहद मजबूत है.

नन्हें बंदर और कुत्ते की ये दोस्ती खास है

नन्हा बंदर कुत्ते की सवारी भी करता है. बंदर अभी बमुश्किल तीन माह का है.कहीं से घूमता-फिरता सिद्ध पीठ आ गया. आश्रम के लोगों ने उसे दूध पिलाया तो वह वहीं रहने लगा. ऐसे में वहां रहने वाला पालतू कुत्ता भी उसे परिवार के सदस्य की तरह ही प्यार करने लगा. वो भी इस छोटे बंदर को कभी मुंह में दबा लेता है तो कभी प्यार से सहलाता है. बंदर महाशय भी कम नहीं हैं, वह कुत्ते के मुंह से निवाला तक छीन कर खा जाता है.

योगेश्वर महादेव सिद्ध पीठ, Yogeshwar Mahadev Siddha Peeth
महंत की गोद में बैठा नन्हा बंदर

निश्छल है आपसी प्यार:

मंदिर में यह कुत्ता कई सालों से रह रहा है. यहां पर एक सफेद कुत्ता भी है, वह भी बंदर को कोई नुकसान नहीं पहुंचाता है. लेकिन असली दोस्ती काले कुत्ते और बंदर के बीच ही है. यहां तक कि कई बार तो दोनों जब ज्यादा शैतानी करते हैं तो एक ही रस्सी से दोनों को एक साथ बांध दिया जाता है.

योगेश्वर महादेव सिद्ध पीठ, Yogeshwar Mahadev Siddha Peeth
गलती करने पर दोनों को एक ही रस्सी से बांधा जाता है

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मंदिर जहां पर स्थित है, वह कोट बांध भी बेहद खूबसूरत है. ऐसे में साल भर वहां लोगों का आना-जाना लगा रहता है. जो लोग आते हैं वे मंदिर भी जाते हैं और इन दोनों की अठखेलियां देखकर खुश भी होते हैं.

योगेश्वर महादेव सिद्ध पीठ, Yogeshwar Mahadev Siddha Peeth
साथ में सोते हुए

यहां है स्थित मंदिर:

शेखावाटी के सबसे बड़े कोट बांध पर योगीश्वर महादेव सिद्ध पीठ श्रीमंदिर स्थित है. जहां पर यह मंदिर है, दरअसल उसके चारों ओर नदी है और प्रकृति प्रदत्त शिवलिंग है. जो एक पहाड़ी के रूप में है. यहां की महंत खुद भी प्रगतिशिल विचारों की हैं साथ ही दर्शनशास्त्र और संस्कृत में मास्टर डिग्री रखती हैं. एमफील करने के बाद अब दर्शनशास्त्र में ही पीएचडी कर रही हैं.

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नई महंत का भी है इनसे खासा लगावः

कोट बांध पर स्थित योगीश्वर महादेव सिद्ध पीठ के महंत और अखिल भारतीय संत समिति के प्रदेश सह-संगठन मंत्री डॉ. योगी जीवननाथ महाराज के ब्रह्मलीन होने के बाद उनको महंत बनाया गया है. नई महंत योगश्री नाथ महाराज का भी प्रकृति और जीव जंतु से खासा प्यार है, और उनके आश्रम में कुत्ते बंदर इधर-उधर धमाचौकड़ी मचाते रहते हैं. वे उनसे काफी घुलमिल गए हैं.

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